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Showing posts from November, 2020

जब जिन्ना ने कश्मीर नहीं भारत का दिल छीनने का मंसूबा पाला था

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नई दिल्ली ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन () चुनाव के दौरान असदुद्दीन ओवैसी और बीजेपी के नेताओं के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप के तीर चले। बीजेपी ने तो यहां तक कह दिया कि अगर वह सत्ता में आएगी तो यहां से निजाम संस्कृति खत्म कर दी जाएगी। निजाम के शहर से मशहूर हैदराबाद को सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत में शामिल करवाया था। एक वक्त ऐसा भी था जब मोहम्मद अली जिन्ना हैदराबाद को भारत का दिल कहते थे और इसे पाकिस्तान में शामिल करवाना चाहते थे। लेकिन पटेल ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया था। हैदराबाद को पाकिस्तान में मिलाना चाहते थे जिन्ना मोहम्मद अली जिन्ना देश के बंटवारे के बाद हैदराबाद को पाकिस्तान में मिलाने को बेचैन थे। हैदराबाद पर किताब लिखने वाले लेखक ए जी नूरानी के अनुसार, जिन्ना का मानना था कि अगर भारत के दोनों हाथ कट जाए तो वह जिंदा रह सकता है लेकिन अगर उसका दिल निकाल दे तो वह जी नहीं पाएगा और जिन्ना हैदराबाद को 'भारत का दिल' मानते थे। वह कश्मीर की जगह हैदराबाद को पाकिस्तान में शामिल करवाना चाहते थे। पटेल ने हैदराबाद को नासूर कहा था हैदराबाद को भारत में शामिल करवाने वाले

3 करोड़ के पैकेज का सच क्या? पिता के आरोपों से सवालों के घेरे में शहला रशीद

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शहला (Shehla Rashid Kaun Hai) अपने बयानों से लगातार सुर्खियां बटोरती रही हैं। अपने गृह राज्य जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 खत्म किए जाने को लेकर शहला ने कई विवादित बयान दिए थे। वह कुछ दिनों तक राजनीति में भी रही थीं। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने का शहला ने विरोध किया था। जेएनयू की छात्रा शहला रशीद (Shehla Rashid News) एकबार फिर से चर्चा में हैं। दरअसल, शहला के पिता ने उनपर देशद्रोह और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगा दिया है और इस बारे में पुलिस महानिदेशक को एक पत्र भी लिखा है। ऐसा पहली बार नहीं है जब शहला विवादों में आई हों उनपर पहले भी कई आरोप लगे हैं। शहला (Shehla Rashid Kaun Hai) अपने बयानों से लगातार सुर्खियां बटोरती रही हैं। अपने गृह राज्य जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 खत्म किए जाने को लेकर शहला ने कई विवादित बयान दिए थे। वह कुछ दिनों तक राजनीति में भी रही थीं। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने का शहला ने विरोध किया था। जानिए कौन हैं शहला रशीद जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखने वाली शेहला जवाहर लाल नेहरू छात्र संघ की उपाध्यक्ष रह चुकी हैं। फरवरी 20

जरा हटके हैं ये IPS ऑफिसर, जानें क्यों है आम लोगों के दिलों में इनका खास मुकाम

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आज कुछ ऐसे आईपीएस अफसरों की चर्चा करेंगे जिन्होंने अपने काम से जनता के दिलों में खास मुकाम बनाया है। हम यहां ऐसे पांच आईपीएस अफसरों से हम आपको रू-ब-रू करवा रहे हैं जिन्होंने कुछ-न-कुछ ऐसा किया है जिसके बारे में जानकर आप इन पर नाज करेंगे। ये मुश्किल से मुश्किल वक्त में भी अपने कर्तव्य पथ से जरा भी नहीं हिलते और किसी तरह के दबाव में नहीं आते। ऐसे अफसरों की फेहरिस्त तो बहुत लंबी है, लेकिन हम संजुक्ता पराशर, रूपा मुद्गिल, शिवदीप लांडे, श्रेष्ठा ठाकुर और विवेक राज सिंह के ही बारे में बताएंगे कि आखिर ये क्यों हैं जरा हटकर... हमारा देश में सरकारी महकमों के कर्मचारियों, अफसरों की बहुत अच्छी छवि नहीं है। इसका कारण है ज्यादातर, कर्मचारी ईमानदारी का रास्ता नहीं चुनते जिससे आम लोगों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें जनता सलाम करती है। आज कुछ ऐसे आईपीएस अफसरों की चर्चा करेंगे जिन्होंने अपने काम से जनता के दिलों में खास मुकाम बनाया है। हम यहां ऐसे पांच आईपीएस अफसरों से हम आपको रू-ब-रू करवा रहे हैं जिन्होंने कुछ-न-कुछ ऐसा किया है जिसके बारे में जानकर

हरिद्वार में सुबह-सुबह कांपी धरती, 3.9 तीव्रता से भूकंप के झटके

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हरिद्वार उत्तराखंड के हरिद्वार में मंगलवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल में भूकंप की तीव्रता 3.9 मापी गई। हरिद्वार में सुबह 9 बजकर 41 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। फिलहाल किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। भूकंप का केंद्र हरिद्वार से 22 किमी दूर उत्तर पश्चिम दिशा की ओर था। भूकंप की गहराई 10 किमी मापी गई। किसी तरह के जान-माल की नुकसान की कोई घटना सामने नहीं आई है लेकिन भूकंप के झटकों के चलते लोग दहशत में आ गए। कुछ लोग डर की वजह से घरों से बाहर निकल आए। भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है उत्तराखंड बता दें कि उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से अति संवेदनशील राज्य माना जाता है। यहां इस साल कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। इससे पहले 25 अगस्त को उत्तरकाशी में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल में भूकंप की तीव्रता 3.4 थी और भूकंप का केंद्र टिहरी गढ़वाल में था। from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi https://ift.tt/3mqPzoe

दर्दनाक सफर: जाना था महाराष्ट्र के औरंगाबाद, गलती से पहुंचीं बिहार, फिर...

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औरंगाबाद कोरोना के चलते देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू कर दिया गया था। इस दौरान लोगों को अपने घरों से बिना वजह बाहर निकलने के लिए मना किया गया था। काम न होने के चलते प्रवासी मजदूर भी अपने पैतृक गांवों को लौट रहे थे। इसी दौरान 60 वर्षीय मीठाबाई कुंभाफले भी एक गलतफहमी के चलते महाराष्ट्र के औरंगाबाद की जगह बिहार के औरंगाबाद पहुंच गई। आइए जानते हैं कि करीब 8 महीने बाद कैसे वह वापस अपने घर लौटीं। औरंगाबाद से करीब 40 किलोमीटर दूर कोलाघर गांव में 60 वर्षीय मीठाबाई कुंभाफले अपने परिवार के साथ रहती हैं। उन्हें अपनी मां के स्वास्थ्य को लेकर बेहद चिंतित थी और उनसे मिलने की बात कहती थी। लेकिन के कारण उनके परिवार के सदस्य उन्हें अपनी मां के पास ले जाने के लिए तैयार नहीं थे। उनके परिवार का कहना था कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद वह चलेंगे और उनकी मां से मिलकर आएंगे। लेकिन एक दिन जब पति और बच्चे खेत में काम करके घर लौटे तो उन्होंने देखा की मीठाबाई घर में नहीं थी। उनके परिवार ने हफ्तों के आस-पास के गांवों में उनकी तलाश की लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी। परिवार ने पुलिस स्टेशन में उनके लापता होने की शिक

दोबारा भी हो सकता है कोरोना, अस्पताल पहुंचे ऐसे कई मरीज

खतरनाक ट्रेंड, शहर के बाद अब गांवों की तरफ मुड़ रहा कोरोना वायरस!

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24 से 31 अक्टूबर के मुकाबले 21 से 29 नवंबर के साप्ताहिक नए मामलों की तुलना करने पर पता चलता है कि 284 जिलों में नवंबर के आखिरी सप्ताह में नए मामलों की संख्या में तेजी आई है। आकलन में 633 जिलों को ही शामिल किया जा सका क्योंकि बाकी जिलों के टाइम सीरीज डेटा उपलब्ध नहीं थे। देश में 8 नवंबर से हर हफ्ते औसतन 2.9 लाख नए कोरोना केस आ रहे हैं। यानी, हर दिन औसतन 41,428 केस। यह भले ही बहुत ज्यादा नहीं लगे, लेकिन हकीकत यह है कि देश के कुल 718 जिलों में से 284 में कोरोना वायरस का प्रकोप बहुत तेजी से फैल रहा है। 24 से 31 अक्टूबर के मुकाबले 21 से 29 नवंबर के साप्ताहिक नए मामलों की तुलना करने पर पता चलता है कि 284 जिलों में नवंबर के आखिरी सप्ताह में नए मामलों की संख्या में तेजी आई है। आकलन में 633 जिलों को ही शामिल किया जा सका क्योंकि बाकी जिलों के टाइम सीरीज डेटा उपलब्ध नहीं थे। ​गांवों से टेंशन, शहरों में राहत आंकड़े बताते हैं कि देश के ग्रामीण इलाकों में नए कोरोना केस तेजी से बढ़ रहे हैं जबकि शहरी इलाकों में कोविड-19 महामारी से थोड़ी-थोड़ी राहत मिलती दिख रही है। इन 284 जिलों के 55.3% यान

दिल्ली कूचः जब किसानों ने धारा 144 के बदले सड़क पर खींच डाली '288' की लाइन

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अभिषेक कुमार दुबे/साक्षी चांद, नई दिल्ली/गाजियाबाद दिल्ली की सीमा पर डटे किसानों और पुलिस-प्रशासन के बीच रस्साकशी चल रही है। इस बीच गाजीपुर में एक बेहद दिलचस्प नजारा दिखा है जहां किसानों ने एक लाइन खींचकर एक तरफ सेक्शन 144 तो दूसरी तरफ सेक्शन 288 लिख दिया है। किसानों का कहना है कि पुलिस अगर किसानों को इकट्ठा होने से रोकने के लिए धारा 144 का इस्तेमाल करेगी तो हम भी उससे दोगुनी धारा 288 लगा देंगे। पुलिस सेक्शन 144 लगाएगी तो हम सेक्शन 288 लगा देंगे: राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार से भारी संख्या में किसान आने वाले हैं। उन्होंने कहा, 'जब तक सरकार हमसे बातचीत करके कानून में बदलाव नहीं लाती है तब तक हम यहीं डटे रहेंगे। उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में और किसानों के कई जत्थे यहां पहुंचेंगे। अगर पुलिस सेक्शन 144 लगाएगी तो हम सेक्शन 288 लगा देंगे। हम बैरिकेड के इस तरफ प्रदर्शन करेंगे और पुलिस यहां नहीं आ सकेगी।' दिल्ली जाने वाली हर गली-हर सड़क होंगे ब्लॉक! उधर, बीकेयू के उपाध्यक्ष राजवीर सिंह ने कहा कि वो 3 दिसंबर का इंतजार कर

'लव जिहाद' पर हो-हल्ला, हरियाणा में हिंदू लड़की से शादी के लिए बदल लिया धर्म

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यमुनानगर हरियाणा सरकार इन दिनों के खिलाफ कानून बनाने की तैयारी कर रही है। शादी के लिए धर्म परिवर्तन किए जाने को लेकर पूरे देश में चर्चा हो रही है। इसी बीच राज्य के यमुनानगर में एक युवक ने हिंदू लड़की से शादी करने के लिए अपना धर्म परिवर्तन किया है। युवक ने एक मंदिर में हिंदू धर्म अपनाया और हिंदू रीति-रिवाजों के साथ लड़की से शादी की। लड़की की उम्र 19 और लड़के की उम्र 21 साल है। कपल ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में कहा था कि उन्हें जान को खतरा है या लड़की के घरवाले उसे कैद कर सकते हैं। हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद यमुनानगर पुलिस की सुरक्षा में रखा गया है। लड़के के घरवालों को नहीं है रिश्ते से आपत्ति लड़के ने बताया कि वह एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है। उसे हर महीने 15000 रुपये वेतन मिलता है। उसके घरवालों को दोनों के रिश्ते से आपत्ति नहीं है। वे लड़की स्वीकार करने के लिए तैयार हैं लेकिन लड़की के घरवाले दोनों के रिश्ते के खिलाफ हैं। लड़की के घरवालों पर धमकी देने का आरोप 9 नवंबर को दोनों ने लड़की के घरवालों की मर्जी के खिलाफ मंदिर में शादी की। लड़की के घरवालों को जब दोनों की शादी की

चौतरफा हमले, फिर भी क्यों चुप रहे थे आदित ठाकरे...इंटरव्यू में बताया सबकुछ

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महाराष्ट्र में महाअघाड़ी सरकार ने अपना एक साल का टर्म पिछले हफ्ते पूरा किया। इस एक साल में शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी की सरकार लगातार चर्चाओं में रही। उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे भी कई मुद्दों पर चर्चा में रहे। विपक्ष उनपर लगातार हमलावर रहा। हर विवाद में उन्हें जोड़ा गया। इन तमाम मसलों पर एनबीटी के नरेन्द्र नाथ से बात की आदित्य ठाकरे ने। पेश है बातचीत के अहम अंश- सवाल- कैसा रहा पहले साल कामकाज करने का अनुभव ? जवाब- अनुभव अच्छा रहा। मुझे प्रशासनिक और गर्वनेंस का बेहतर अनुभव मिला। इसी साल हमें कोविड और तूफान जैसी आपदा का सामना करना पड़ा। एक ही साल में पांच साल की पढ़ाई जैसी हो गई। लेकिन कठिन हालात में भी जनता का सहयोग मिला। कुल मिलाकर बहुत कुछ सीखा और आने वाले साल में इसका लाभ मिलेगा। सवाल- सरकार में खासकर आम लोगों से सीधे संवाद करने में सोशल मीडिया पर सक्रिय दिखते हैं। कोई खास वजह? जवाब- हमने सोचा है कि जब गर्वमेंट में आते हैं तो थोड़ा भटक जाते हैं। हवा में रहते हैं। खुद को दूसरों से अलग समझने लगते हैं। लेकिन सीएम के नेतृत्व में इस बात को हमने माना कि हम जनता के बी

इस राज्य ने 1 जनवरी से स्कूल खोलने का कर दिया ऐलान, जानिए बाकी जगह क्या है हाल

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हालांकि, दिल्ली समेत कई राज्यों ने कोरोना की वैक्सीन (Corona Vaccine) आने तक स्कूल नहीं खोलने का फैसला किया है। दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर के कारण राज्य के डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा था कि जबतक वैक्सीन नहीं आएगी राजधानी में स्कूल नहीं खुलेंगे। उत्तराखंड, हरियाणा और कर्नाटक जैसे राज्यों में कोरोना में कमी के बाद स्कूल तो खुले लेकिन जैसे ही मामले बढ़े वहां स्कूलों को बंद कर दिया गया। School Reopen Latest News In India: देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बाद कई स्कूलों को खोलने के बाद बंद कर दिया गया था। इस साल मार्च से ही देश के स्कूल बंद है। बीच में कोरोना महामारी ( Coronavirus Pandemic In India) में कमी आने के बाद कई राज्यों ने स्कूलों को खोलने का फैसला किया था। लेकिन कई स्कूलों के बच्चों के कोरोना संक्रमित होने के बाद इस फैसले को वापस ले लिया गया था। इस बीच, अब असम ने 1 जनवरी से प्राथमिक स्कूल (Elementary School Reopen News in Assam) खोलने का फैसला किया है। हालांकि, दिल्ली समेत कई राज्यों ने कोरोना की वैक्सीन (Corona Vaccine) आने तक स्कूल नहीं खोलने का फैसला किय

'बीवी को पीटने वाले दुष्‍ट शख्‍स...', शहला ने अपने पिता पर चुन-चुनकर किए अटैक

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श्रीनगर जेएनयू की पूर्व छात्र नेता ने अपने पिता के आरोपों के जवाब में सोमवार को एक बयान जारी किया है। शहला और उनकी मां पर उनके पिता ने देशद्रोह और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था। इसके जवाब में शहला ने ट्वीट करते हुए इन आरोपों को बेबुनियाद बताया, साथ ही पिता पर घरेलू हिंसा के आरोप भी लगाए। शहला ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि परिवार में ऐसा नहीं होता, जैसा मेरे पिता ने किया है। उन्होंने मेरे साथ-साथ मेरी मां और बहन पर भी बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। शहला ने ट्वीट करते हुए कहा कि वह पत्नी को पीटने वाले, एक अपमानजनक और दुष्‍ट इंसान हैं। हमने आखिरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है और यह स्टंट उसी की प्रतिक्रिया है।' शहला ने अपने बयान में आगे कहा है, 'हालांकि यह पारिवारिक मसला है लेकिन हम पर लगाए गए आरोप बहुत गंभीर हैं। असलियत तो यह है कि मेरी मां, बहन और मैंने अपने पिता के खिलाफ कोर्ट में घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई है। 17 नवंबर 2020 से उनके हमारे घर में घुसने से रोक लगा दी गई है। आप सभी से निवेदन है कि उनकी बातों को गंभीरता से न लें।' इससे

किसानों को मनाने की कवायद तेज: सरकार ने आज मुलाकात के लिए बुलाया, क्या बनेगी बात?

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नई दिल्ली नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन () कर रहे किसान संगठनों के साथ गतिरोध तोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने एक और कोशिश की है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर () ने किसान संगठनों के नेताओं को तीन दिसंबर की जगह आज ही बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। केंद्रीय मंत्री का ये प्रस्ताव बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद आया। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान दिल्ली की सीमा पर पिछले पांच दिनों से धरने पर हैं। नए कृषि कानून के खिलाफ 5 दिनों से धरने पर हैं किसान आंदोलन कर रहे किसानों ने कहा कि वे सशर्त बातचीत स्वीकार नहीं करेंगे। साथ ही चेतावनी दी है कि वे राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले सभी पांच प्रवेश मार्गों को बंद कर देंगे। किसानों को नए कृषि कानूनों के बारे में आशंका है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा। इस बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कोरोना वायरस और सर्दी को ध्यान में रखते हुए हमने किसान यूनियनों के नेताओं को 3 दिसंबर की बैठक से पहले ही चर्चा के लिए आने का न्यौता दिया है। यह बैठक आज ही दिल्ली के विज्ञान भवन में दोपह

बॉर्डर पर तनाव के बीच DRDO ने बनाई नई लैब, चीन-पाक सीमा पर होगा खास फोकस

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नई दिल्ली बॉर्डर पर तनाव () के बीच केंद्र सरकार ने रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) की दो प्रयोगशालाओं को मिलाकर एक नई लैब बनाई है। ये नई प्रयोगशाला चीन और पाकिस्तान की सीमा वाले इलाकों और बर्फीले तूफान पर रिसर्च में खास फोकस करेगी। सरकारी सूत्रों के हवाले से एएनआई ने बताया कि डीआरडीओ ने दो प्रयोगशालाओं को मिलाकर 'डिफेंस जियो इंफॉर्मेटिक्स रिसर्च एस्टेब्लिशमेंट' नाम से एक नई लेबोरेट्री बनाई है। दो प्रयोगशालाओं का विलय कर बनाई गई नई लैब सरकारी सूत्रों ने एएनआई को बताया कि नई लैब लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक चीन के साथ लगी सीमा और हिमस्खलन पर शोध में ध्यान केंद्रित करेगी। सरकार की ओर से बनाई गई नई लैब में जिन दो प्रयोगशालाओं का विलय किया गया वो हैं- मनाली मुख्यालय का बर्फ और हिमस्खलन अध्ययन प्रतिष्ठान (एसएएसई) और दूसरा दिल्ली स्थित रक्षा भूभाग अनुसंधान प्रयोगशाला। इन दोनों प्रयोगशालाओं का विलय कर एक लैब बनाना डीआरडीओ में बड़े पैमाने पर होने वाले सुधारों की दिशा में पहला कदम माना जा रहा है। इसे भी पढ़ें:- SASE और DTRL लैब का हुआ विलय डीआरडीओ के प्रमुख डॉ. जी. सतीश रेड्डी

Farmers Protest: दिल्ली के एंट्री पॉइंट बंद करने की किसानों की धमकी के बाद बढ़ाई गई सुरक्षा

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नई दिल्ली कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश के रास्ते जाम किए जाने की चेतावनी के एक दिन बाद सोमवार को शहर पुलिस ने पड़ोसी राज्यों हरियाणा और उत्तर प्रदेश से सटी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। बुराड़ी मैदान में एकत्र होने के बाद बातचीत की केन्द्र की पेशकश ठुकरा कर प्रदर्शन कर रहे किसान फिलहाल टिकरी, सिंघू और गाजीपुर बॉर्डर पर जमे हुए हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने विभिन्न बॉर्डर प्वांइट पर अपनी मौजूदगी बढ़ा ली है। अधिकतम संख्या में तैनाती की गई है।'' दिल्ली के पुलिस आयुक्त एस. एन. श्रीवास्तव ने सिंघू बॉर्डर पहुंच कर हालात का जायजा लिया। आयुक्त ने कहा, ''उन्हें (किसानों) पेशकश की गई है और सड़क के बजाए बुराड़ी मैदान में उनके लिए प्रबंध किया गया है। सड़क पर यातायात की समस्या पैदा हो रही है। वहां पीने का पानी, शौचालय कुछ नहीं है, जबकि बुराड़ी मैदान में बेहतर प्रबंध है।' 'हमारी मांगों पर तोल-मोल नहीं होगा' सिंघू बॉर्डर पर सोमवार को संवाददाता सम्मेलन

Love Jihad पर सीएम शिवराज का MP की जनता को संदेश- प्यार की आड़ में धर्मांतरण नहीं चलेगा

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भोपाल। : () ने सोमवार प्रदेश की जनता के नाम अपने संदेश में एक बार फिर लव जिहाद को लेकर उनकी सरकार के सख्त रवैये को दोहराया। सीएम ने कहा है कि कुछ लोग बहला-फुसला कर शादी कर लेते हैं। बाद में धर्मांतरण का कुचक्र रचा जाता है। प्रेम की आड़ में ऐसी करतूत नहीं चलेगी। सीएम ने प्रदेश को लोगों को वैक्सीन आने तक कोरोना के प्रति सावधानी बरतने की अपील करने के साथ कृषि बिल पर केंद्र सरकार के साथ मजबूती से खड़े रहने का ऐलान भी किया। सीएम ने कहा कि महिला सशक्तिकरण उनकी सरकार का लक्ष्य है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार लव जिहाद ( ) के खिलाफ जल्द ही कानून लाएगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी () ने किसानों के हित में संसद में तीन कानून बनाए हैं। इन कानूनों के अंतर्गत MSP की व्यवस्था जारी रहेगी। मंडियां भी समाप्त नहीं होंगी। उनकी सरकार पूरी ताकत से किसानों का हित साधने वाले इन कानूनों के साथ () खड़ी है। सीएम ने प्रदेश के किसानों को आश्वस्त किया कि धान की खरीदी लगातार जारी रहेगी। उनकी सरकार ने किसानों के हित में कई कदम उठाए हैं। गेहूं के दाने-दाने की खरीदी की गई, फिर ज्वार, बाजरे और अ

शेहला रशीद के पिता का DGP को खत, 'बेटी ऐंटी-नैशनल, 3 करोड़ रुपये लिए, मेरी जान को खतरा'

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गोविंद चौहान, श्रीनगर जम्मू-कश्मीर में सोमवार को जो मामला सामने आया उसके बाद राजनीतिक दलों में भी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। दरअसल, जेएनयू की पूर्व छात्रा पर उसके पिता ने देशद्रोह और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है। इसके लिए उन्होंने पुलिस महानिदेशक को एक पत्र लिखकर अपनी जान का खतरा होने की बात भी कही है। शेहला के पिता ने कहा कि उन्हें सुरक्षा दी जाए। इसके अलावा संबंधित पुलिस थाने को भी इसके बारे में सूचना दी ताकि उन्हें कोई नुकसान न पहुंचा सके। दूसरी तरफ शेहला ने पिता के आरोपों को बेबुनियाद बताया है। अब्दुल रशीद शौरा ने सोमवार को शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि उन्हें अपनी ही बेटी से जान का खतरा है। अब्दुल रशीद ने बताया कि उनकी बेटी देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल है। यही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पत्नी जुबैदा शौर, बड़ी बेटी आसमा रशीद और एक पुलिसकर्मी साकिब अहमद भी उसके साथ है। उन्होंने कहा कि साकिब को पीएसओ बताया जाता है। बयान जारी कर शेहला ने कहा... शेहला ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि परिवार में ऐसा नहीं होता, जैसा मेरे पिता ने किया है। उन्होंने मेरे

इस दिन यूपी के 60 हजार गांवों में पार्टी का झंडा फहराएगी कांग्रेस, जानिए क्या है वजह

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लखनऊ 28 दिसंबर को कांग्रेस पार्टी के स्थापना () दिवस के मौके पर कांग्रेस महासचिव और यूपी की प्रभारी () ने खास अपील की है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रदेश के 60,000 गांवों में पार्टी का झंडा फहराने के लिए दृढ़ संकल्प किया है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस (UP Congress) करीब 30 साल से सत्ता से बाहर है। ऐसे में पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए आलाकमान ने प्रियंका गांधी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। प्रियंका गांधी की अपील- हर शहर और गांव में फहराया जाए पार्टी का झंडा प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने टीओआई से बात करते हुए कहा कि पार्टी की राज्य कार्यकारिणी, जिला, नगर समितियों, ब्लॉक स्तरीय निकायों और न्याय पंचायतों का गठन किया गया है। इसके बाद कांग्रेस नेतृत्व अब राज्य की 60 हजार ग्राम पंचायतों में ग्राम स्तरीय समितियों का गठन कर रहा है। जब 28 दिसंबर को कांग्रेस अपना स्थापना दिवस मनाए तो प्रियंका गांधी चाहती हैं कि राज्य के हर शहर और गांव में पार्टी का झंडा फहराया जाए। इसे भी पढ़ें:- यूपी में कांग्रेस की जमीन मजबूत करने की कवायद इसके अलावा, प्रियंका गांधी के सहयोगी संदी

अन्नदाताओं को प्रमाण... दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों के सवालों का मोदी का काशी से जवाब, पूरा किया MSP का वादा

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वाराणसी पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi Speech In Varanasi) ने किसान आंदोलन (Farmer Protest News) के बीच आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में किसानों को खास तौर पर याद किया। पीएम ने अपने संबोधन में काशी के किसानों को अन्नदाता बताते हुए उन्हें नमस्कार किया। पीएम मोदी ने विपक्ष पर किसानों को बरगलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि दशकों तक किसानों के साथ छल हुआ है और अब ऐसा करने वाले ही देश के अन्नदाताओं में भ्रम फैला रहे हैं। पीएम ने अपने भाषण में किसानों के हर सवाल का जवाब देने की कोशिश की। किसानों में भ्रम फैलाया जा रहा है पीएम मोदी ने कहा कि कृषि कानून पर किसानों में भ्रम फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने किसानों के साथ छल किया है वे ही अब किसानों में भ्रम फैला रहे हैं। नए कानून किसानों को विकल्प देने वाला है। मंडियां और MSP को नहीं हटाएंगे-मोदी पीएम ने कहा कि हमारी सरकार तो मंडियों को और आधुनिक बनाने के लिए करोड़ो रुपये खर्च कर रही है। MSP पर किसानों की उपज बेची जा रही है। उन्होंने कहा कि आपको याद रखना है कि यही लोग हैं कि पीएम किसान सम्मान निधि को लेकर सवाल उठाते थे। ये ल

किसान आंदोलन: वह हुक्‍का गुड़गुड़ाता था और सरकारें हिलने लगती थीं

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नई दिल्ली नए कृषि कानून के विरोध में हरियाणा-पंजाब के किसानों का प्रदर्शन 5वें दिन भी जारी है। वे इस वक्त दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसान संगठनों ने बुराड़ी मैदान में जाने के बाद केंद्र सरकार के साथ बातचीत के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया। किसानों के हुंकार से नवंबर की ठंड में भी दिल्ली में तपिश महसूस हो रही है। 32 साल पहले भी दिल्ली में ऐसा ही नजारा था। तब इससे भी बड़े पैमाने पर किसान आकर दिल्ली के बोट क्लब में इकट्ठा हुए थे। वह दौर था किसान नेता का, जिनके नेतृत्व में 5 लाख किसानों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के वोट क्लब में रैली की थी। जब-जब कृषि आंदोलनों की बात होती है तो किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत का जिक्र जरूर होता है। उनका अंदाज ठेठ गंवई वाला था जो आंदोलन के दौरान मंच पर नहीं बल्कि हुक्का गुड़गुड़ाते हुए किसानों के बीच बैठ जाते थे। एक दौर वह भी आया जब उनके नेतृत्व में हुए आंदोलन से सत्तारूढ़ दल को अपनी रैली की जगह बदलनी पड़ी थी। एक आवाज पर इकट्ठा हो गए थे लाखों किसान महेंद्र सिंह टिकैत को किसानों का मसीहा कहा जाता था। किसानों के बीच वह बाबा टिकैत कहलाते

उर्मिला मातोंडकर पर उद्धव ठाकरे यूं ही नहीं लगा रहे दांव, 5 पॉइंट्स में समझिए पूरी कहानी

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मुंबई फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर अपने रानीतिक जीवन की दूसरी पारी शुरू करने वाली हैं। उर्मिला ने 2019 में कांग्रेस के टिकट पर मुंबई उत्तर से लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। बाद में मुंबई कांग्रेस के कामकाज के तरीके को लेकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। पहले चर्चा थी कि उर्मिला सोमवार को शिवसेना जॉइन करेंगी लेकिन संजय राउत ने ट्वीट करके साफ किया कि वह मंगलवार को पार्टी में शामिल होंगी। हाल ही में शिवसेना ने विधान परिषद में मनोनयन के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास महाविकास अघाड़ी सरकार की तरफ से 12 नामों की सूची भेजी जिसमें उर्मिला का नाम भी शामिल है। इसके बाद से ही उर्मिला के शिवसेना में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे। आखिर शिवसेना क्‍यों उर्मिला मातोंडकर को लेकर आशावान है आइए इसे समझते हैं: कंगना मसले पर मिला उर्मिला का सपोर्ट पिछले दिनों जब कंगना रनौत ने मुंबई की तुलना 'पाक अधिकृत कश्‍मीर' से की थी उस समय महाविकास अघाड़ी में शिवसेना की सहयोगी कांग्रेस और एनसीपी ने चुप्‍पी साधे रखी थी। इस असहज स्थिति में उर्मिला ने कंगना के बयान क

पार्टी वर्कर्स के साथ रजनीकांत की बड़ी मीटिंग, पर छोड़ गए सस्पेंस

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चेन्नै तमिलनाडु में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सुपरस्टार का मंथन अभी जारी है। अभिनेता रजनीकांत ने अपने संगठन रजनी मक्कल मंद्रम () के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में राजनीति में एंट्री को लेकर अपना सस्पेंस बरकरार रखा है। रजनी ने कार्यकर्ताओं से पार्टी को मजबूत करते रहने का काम जारी रखते हुए कहा कि वह जल्द ही इस संबंध में फैसला लेंगे। रजनीकांत ने सोमवार को चेन्नै में पार्टी की अहम बैठक के बाद कहा, 'आज की बैठक में मैंने पार्टी के सभी जिला सचिवों के साथ विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने मेरे हर फैसले में साथ देने का आश्वासन दिया। मैं जितनी जल्द हो सके फैसला लूंगा।' राघवेंद्र मैरिज हॉल में हुई इस बैठक में कार्यकर्ताओं ने रजनीकांत से खुद को सीएम उम्मीदवार घोषित करते हुए जल्दी पार्टी लॉन्च करने की अपील की। रजनी मक्कल मंद्रम के कार्यकर्ता स्टालिन ने बैठक के बारे में जानकारी देते हुए बताया, 'हमने उनसे तमिलनाडु के लोगों के लिए राजनीति में आने की गुजारिश की है। सभी जिला सचिवों की यही अपील है। उन्होंने सबकी बातों को सुनने के बाद सोमवार शाम या मंगलवार तक आधिकारिक बयान

...और चौधरी देवीलाल ने राजभवन में ही राज्यपाल को जड़ दिया थप्पड़, सब सन्न

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नई दिल्ली नए कृषि कानूनों को खिलाफ जारी किसान आंदोलन के बीच दिग्गज किसान नेता चौधरी देवीलाल से जुड़ी एक बेहद महत्वपूर्ण घटना से आपको रू-ब-रू कराते हैं। बात उनसे 1982 की है जब उन्होंने हरियाणा के तत्कालीन राज्यपाल को थप्पड़ जड़ दिया था। इस बात पर भरोसा करना आसान नहीं है, लेकिन सचाई यही है। दरअसल, तब हरियाणा में विधानसभा का चुनाव हुआ था। चुनाव परिणाम आया तो किसी भी दल या गठबंधन को बहुमत नहीं मिला। 1982 का विधानसभा चुनाव और देवीलाल के लिए मौका ताऊ के उपनाम से मशहूर चौधरी देवीलाल की पार्टी भारतीय राष्ट्रीय लोक दल और भारतीय जनता पार्टी यानी बीजेपी के गठबंधन ने 36 सीटें लाकर कुल 90 सीटों वाली विधानसभा में बढ़त हासिल कर ली थी। इस कारण तत्कालीन राज्यपाल गणपतराव देवजी तापसे ने 22 मई, 1982 को गठबंधन के नेता चौधरी देवीलाल को सरकार बनाने का न्योता दे दिया। लेकिन, इस बीच भजनलाल ने कांग्रेस और निर्दलियों को एकजुट कर राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा ठोंक दिया। भजनलाल ने राज्यपाल को कुल 52 विधायकों के समर्थन की लिस्ट सौंप दी। देवीलाल ने राज्यपाल को जड़ा थप्पड़ और सन्न रह गए लोग इस पर राज्यपाल

जब किसानों ने 'जय जय श्रीराम, जय श्री सीताराम' को बना दिया था कोडवर्ड

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प्रतापगढ़ देश में किसानों का आंदोलन इन दिनों सबसे बड़ा मुद्दा बना है। केंद्र सरकार के कृषि बिलों के खिलाफ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। भारत में अंग्रेजों की ओर से वसूली जाने वाली लगान के विरोध में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले से बगावत का बिगुल फूंका गया था। के दौरान अपना सबकुछ न्यौछावर कर देने वाले वीर सपूतों की याद में स्मारक तो बनवा दिया गया, लेकिन उसके बाद इसे कभी न तो सजाया गया न ही इसकी ओर किसी ने ध्यान दिया। आज यह स्थान बदहाली में है। स्मारक आवारा पसुओं का ठिकाना बन गया है। यहां किसान आंदोलन की शुरुआत रामचरितमानस की चौपाइयों और जयश्रीराम के कोडवर्ड के साथ हुई थी। अवध में किसान एक राजनीतिक ताकत भी है और सामाजिक ताकत भी, लेकिन आजादी से पहले, खासकर पहले विश्वयुद्ध के बाद आए मंदी व महंगाई के दौर में शोषण के शिकार थे। उन्हें गोरों की सत्ता के साथ देसी तालुकेदारों, जमींदारों व कारिंदों से नाना प्रकार के अत्याचार भी सहने पड़ते थे। उनके खेतों व घरों में हरी-बेगारी तो करनी ही पड़ती थी, मनमाने लगान व नजराने की अदायगी के बावजूद अपने खेतों से बेदखली झेलनी पड़ती थी। जो खेत वे जोतते-बोते थे

किसान आंदोलन: धरती का जो बेटा है वो हरबार जमीन पर क्यों है लेटा

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पर एक हकीकत ये भी है कि धरती का बेटा कहे जाने वाला किसान हर बार सत्ताधीशों से ठगा गया है। काल चाहे जो हो, उन्हें हर बार सत्ता के खिलाफ झंडा बुलंद करना पड़ा है। कृषि कानून के खिलाफ किसानों के गुस्से से कई राज्य की सरकारें भी हिली हुई हैं। धरती से सोना उगाने वाले किसान इसबार आर-पार के मूड में है। विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों की कुछ तस्वीरें मर्माहत करने वाली हैं। हालांकि, किसानों के आंदोलन को देखते हुए केंद्र सरकार भी ऐक्टिव हो चुकी है लेकिन फिलहाल धरती का बेटा जमीन पर लेटा हुआ है। कृषि कानून (Krishi Kanoon) के खिलाफ किसान आंदोलन ने सरकार की नींद उड़ा दी है। दिल्ली के दरवाजे पर खड़े किसान सरकार की शर्तों को मानने को तैयार नहीं है और दिल्ली घेरने की मुनादी कर दी है। देश में किसान आंदोलन का इतिहास बहुत पुराना रहा है। इसबार के आंदोलन ने भी दिल्ली की तख्त को हिलाया है। नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सरकार के मंत्री किसानों को मान समझाने के लिए ट्वीट कर रहे हैं तो गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) भी किसानों से बात करने की बात कर रहे हैं। पर एक हकीकत ये भी है कि धरती का बेटा कहे जाने वा