उर्मिला मातोंडकर पर उद्धव ठाकरे यूं ही नहीं लगा रहे दांव, 5 पॉइंट्स में समझिए पूरी कहानी
मुंबई फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर अपने रानीतिक जीवन की दूसरी पारी शुरू करने वाली हैं। उर्मिला ने 2019 में कांग्रेस के टिकट पर मुंबई उत्तर से लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। बाद में मुंबई कांग्रेस के कामकाज के तरीके को लेकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। पहले चर्चा थी कि उर्मिला सोमवार को शिवसेना जॉइन करेंगी लेकिन संजय राउत ने ट्वीट करके साफ किया कि वह मंगलवार को पार्टी में शामिल होंगी। हाल ही में शिवसेना ने विधान परिषद में मनोनयन के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास महाविकास अघाड़ी सरकार की तरफ से 12 नामों की सूची भेजी जिसमें उर्मिला का नाम भी शामिल है। इसके बाद से ही उर्मिला के शिवसेना में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे। आखिर शिवसेना क्यों उर्मिला मातोंडकर को लेकर आशावान है आइए इसे समझते हैं: कंगना मसले पर मिला उर्मिला का सपोर्ट पिछले दिनों जब कंगना रनौत ने मुंबई की तुलना 'पाक अधिकृत कश्मीर' से की थी उस समय महाविकास अघाड़ी में शिवसेना की सहयोगी कांग्रेस और एनसीपी ने चुप्पी साधे रखी थी। इस असहज स्थिति में उर्मिला ने कंगना के बयान की खुलकर आलोचना की थी। उर्मिला ने कहा, 'पूरा देश ड्रग्स की समस्या से जूझ रहा है। क्या कंगना को पता है कि हिमाचल में ड्रग्स कहां से आते हैं? उन्हें अपने गृह राज्य से इसकी शुरुआत करनी चाहिए।' उर्मिला के हौसले और अंदाज का पड़ा असरउर्मिला पर पलटवार करते कंगना ने उन्हें 'सॉफ्ट पॉर्न स्टार' बताया जिसकी बॉलिवुड के दूसरे सितारों और मीडिया ने आलोचना की। उर्मिला ने जवाबी ट्वीट में इन लोगों को 'भारत की असली जनता' कहते हुए धन्यवाद दिया। पूरे मामले में उर्मिला ने जिस संयम और स्पष्टवादिता का परिचय दिया उससे भी शिवसेना को विधान परिषद उम्मीदवारी के लिए उर्मिला का नाम देने की वजह मिली। कांग्रेस को नहीं कोई आपत्ति चर्चा थी कि खुद कांग्रेस भी उर्मिला को विधान परिषद के लिए नामित कर सकती है लेकिन मुंबई के कांग्रेस नेताओं से मतभेद के चलते खुद उर्मिला इसके लिए इच्छुक नहीं थीं। जब सीएम उद्धव ठाकरे ने उनसे इस बाबत बात की तो वह तैयार हो गईं। शिवसेना के इस प्रस्ताव पर कांग्रेस ने भी कोई ऐतराज नहीं किया। इस कदम के बचाव में शिवसेना ने कहा कि उर्मिला कांग्रेस से इस्तीफा दे चुकी हैं। स्वयं कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने भी कहा, 'उर्मिला पिछले साल पार्टी छोड़ चुकी हैं।' उर्मिला में सशक्त महिला नेता की छवि देखती है सेना शिवसेना उर्मिला मातोंडकर के रूप में हिंदी और अंग्रेजी वोटरों के बीच ऐसी सशक्त महिला की छवि देखती है जो एक अच्छी वक्ता होने के साथ राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी की बात रखने में सहज हो। सोने पर सुहागा यह कि उर्मिला मराठी वोटरों के भी उतने ही करीब हैं। भविष्य में उर्मिला को पार्टी प्रवक्ता भी बनाया जा सकता है। उर्मिला के पति हैं कश्मीरी मुस्लिम उर्मिला के पति मोहसिन अख्तर मीर कश्मीरी मुसलमान हैं। इस तरह उर्मिला के रूप में शिवसेना को मुसलमान वोटरों तक पहुंचने की भी राह दिखाई दे रही है। इसी वजह से पिछले कुछ समय से शिवसेना ने कई बार बीजेपी के कट्टर हिंदुत्व से खुद को अलग करने की कोशिश की है।
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