खतरनाक ट्रेंड, शहर के बाद अब गांवों की तरफ मुड़ रहा कोरोना वायरस!

24 से 31 अक्टूबर के मुकाबले 21 से 29 नवंबर के साप्ताहिक नए मामलों की तुलना करने पर पता चलता है कि 284 जिलों में नवंबर के आखिरी सप्ताह में नए मामलों की संख्या में तेजी आई है। आकलन में 633 जिलों को ही शामिल किया जा सका क्योंकि बाकी जिलों के टाइम सीरीज डेटा उपलब्ध नहीं थे।

देश में 8 नवंबर से हर हफ्ते औसतन 2.9 लाख नए कोरोना केस आ रहे हैं। यानी, हर दिन औसतन 41,428 केस। यह भले ही बहुत ज्यादा नहीं लगे, लेकिन हकीकत यह है कि देश के कुल 718 जिलों में से 284 में कोरोना वायरस का प्रकोप बहुत तेजी से फैल रहा है।


Corona India Updates : गांवों में तेजी से बढ़ रहा कोरोना का प्रकोप, शहरों को मिल रही राहत

24 से 31 अक्टूबर के मुकाबले 21 से 29 नवंबर के साप्ताहिक नए मामलों की तुलना करने पर पता चलता है कि 284 जिलों में नवंबर के आखिरी सप्ताह में नए मामलों की संख्या में तेजी आई है। आकलन में 633 जिलों को ही शामिल किया जा सका क्योंकि बाकी जिलों के टाइम सीरीज डेटा उपलब्ध नहीं थे।



​गांवों से टेंशन, शहरों में राहत
​गांवों से टेंशन, शहरों में राहत

आंकड़े बताते हैं कि देश के ग्रामीण इलाकों में नए कोरोना केस तेजी से बढ़ रहे हैं जबकि शहरी इलाकों में कोविड-19 महामारी से थोड़ी-थोड़ी राहत मिलती दिख रही है। इन 284 जिलों के 55.3% यानी 157 जिले ग्रामीण इलाकों के हैं। वहीं, 21.1% यानी 60 जिले अर्ध-शहरी जबकि 16.9% यानी 48 जिले शहरी इलाकों के हैं। ध्यान रहे कि सितंबर में हर दिन औसतन 90 हजार नए केस आ रहे थे। यानी, जिन 284 जिलों में नए कोरोना मामलों की बाढ़ आ रही है, उनमें 80% से ज्यादा ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के हैं जहां लचर स्वास्थ्य व्यवस्था है।



शहरी क्षेत्रों में नए कोरोना केस की रफ्तार घटी
शहरी क्षेत्रों में नए कोरोना केस की रफ्तार घटी

शहरी क्षेत्रों से थोड़ी राहत की खबर आ रही है जहां शुरुआत में कोरोना ने अपनी जड़ें जमा ली थीं। अप्रैल के आखिरी सप्ताह में 77% कोरोना केस शहरी क्षेत्रों में ही थे जबकि सिर्फ 10% केस ही ग्रामीण इलाकों में पाए गए थे। लेकिन, 29 नवंबर को कोरोना मामलों में शहरी क्षेत्र की हिस्सेदारी घटकर 52% रह गई। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों की हिस्सेदारी बढ़कर 24% जबकि अर्ध-शहरी क्षेत्रों की हिस्सेदारी 21% हो गई।



ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों को मिलाने पर बदल जाती है पिक्चर
ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों को मिलाने पर बदल जाती है पिक्चर

अगर ग्रामीण और अर्ध-शहरी जिलों को मिला दिया जाए तो अपैल के मुकाबले नवंबर में नए कोरोना मामलों की रफ्तार घटती दिखती है। लेकिन, इसका प्रमुख कारण हर जिले के कुल मामलों और टेस्टिंग रेट में भारी अंतर है। कुछ जिलों में बहुत ज्यादा मामलों के कारण बाकी जिलों का औसत भी बढ़ गया है।



​नवंबर में इन जिलों में आई कोरोना केस की बाढ़
​नवंबर में इन जिलों में आई कोरोना केस की बाढ़

1,000 से ज्यादा कोरोना मामलों वाले इन 19 जिलों में अब तक के कुल कोरोना मामलों में आधे अकेले नवंबर में आए हैं। इनमें सिर्फ दो गुरुग्राम और फरीदाबाद शहरी, दो गंगानगर और हिसार अर्ध-शहरी जबकि 12 जिले ग्रामीण जिले हैं। छत्तीसगढ़ के बामेतारा, बालोद और कोरबा जिलों को शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों के आधार पर बंटवारा नहीं हुआ है। आंकड़े निकालते वक्त तेलंगाना, असम, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, मणिपुर और सिक्किम को शामिल नहीं किया गया क्योंकि वहां डिस्ट्रिक्ट लेवल के डेटा उपलब्ध नहीं हैं।



​शहरों में कमजोर पड़ रहा कोरोना
​शहरों में कमजोर पड़ रहा कोरोना

50,000 से ज्यादा कोरोना केस वाले 19 जिलों में नवंबर महीने में अब तक के कुल केस के सिर्फ 10% केस ही आए। इनमें सिर्फ दो ग्रामीण इलाकों के हैं। शहरी जिलों में कोरोना केस की रफ्तार घटने का मतलब है कि इन इलाकों में महामारी नियंत्रण में आ रही है।





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