सत्‍ता पक्ष भारी पड़ा या विपक्ष? अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के पहले दिन का स्कोर कार्ड देख‍िए

लोकसभा में मंगलवार को विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो गई, जिसमें कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं ने एक-दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा, मणिपुर में हिंसा पर डबल इंजन सरकार पूरी तरह विफल रही। विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव मजबूरी में लाना पड़ा जिससे इस मामले पर प्रधानमंत्री का ‘मौनव्रत’ तोड़ा जा सके। गोगोई ने सवाल किए, प्रधानमंत्री मणिपुर क्यों नहीं गए? मणिपुर के मुख्यमंत्री को क्यों नहीं हटाया? उन्हें मणिपुर पर बोलने में 80 दिन क्यों लगे? गोगोई ने कहा, पीएम मौन रहना चाहते हैं क्योंकि उन्हें सिर्फ अपनी छवि से लगाव है। वह सरकार की विफलताओं को सामने नहीं आने देना चाहते। बीजेपी ने कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि उन्हें जनता से जुड़े मुद्दों से सरोकार नहीं है। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, अविश्वास प्रस्ताव एक गरीब के बेटे के खिलाफ लाया गया है। प्रस्ताव उस शख्स के खिलाफ है जिसने जनता के कल्याण की बात की। सोनिया गांधी पर तंज कसते हुए दुबे ने कहा, उनके लिए अविश्वास प्रस्ताव का एकमात्र मूलमंत्र है, बेटे को सेट करना और दामाद को भेंट करना। बीजेपी नेता किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्ष गलत समय पर गलत तरीके से अविश्वास प्रस्ताव लाया है। आज जब पीएम विश्व नेता के रूप में उभरे हैं और देश तेजी से बढ़ रहा है, तब ऐसे प्रस्ताव की कोई जरूरत नहीं थी।संसद में अविश्वास प्रस्ताव की जो बहस चल रही है, उसके मायने बहुत बड़े हैं। आप उसका अर्थ ठीक से समझ सकें, इसका हर पहलू आपके सामने आ सके, इसके लिए हम एक खास पेशकश लेकर आए हैं। एनबीटी लेंस के स्पेशल पैकेज में हमारे एक्‍सपर्ट का पैनल बता रहा है कि पहले दिन की बहस में क्‍या खास रहा।

from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News https://ift.tt/c0USA5f

Comments

Popular posts from this blog

चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ीं, ED ने मांगी गिरफ्तारी

संपादकीय: उपचुनाव का संदेश, I.N.D.I.A गठबंधन बनने के बाद की पहली भिड़ंत

विशुद्ध राजनीति: विपक्षी बैठक के बाद ममता खफा, राहुल का विदेश दौरा, स्पेशल सेशन पर सस्पेंस, देश की राजनीति में सब घट रहा