चंद्रयान-3: चांद पर उतरने के बाद क्या करेंगे विक्रम और प्रज्ञान, उन 14 दिनों का प्लान जानिए

सुरेंद्र सिंह, नई दिल्‍ली: चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल के चांद पर उतरते ही पूरा भारत खुशी से झूम उठेगा। लैंडिंग का समय बुधवार की शाम 6.04 बजे का तय किया गया है। चंद्रमा पर सफलतापूर्वक लैंडिंग से इसरो के मिशन का आधा हिस्सा ही पूरा होगा। ISRO के वैज्ञानिकों का असली काम तो टचडाउन के बाद शुरू होगा। वे लैंडर 'विक्रम' और रोवर 'प्रज्ञान' से भेजे गए डेटा को एनालाइज करेंगे। ये दोनों चांद पर पूरे एक दिन (धरती पर 14 दिन) लगातार बिजी रहेंगे। लैंडर पर 3 पेलोड लदे हैं और रोवर पर 2, इनमें 5 तरह के साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स हैं जो बहुत सारा डेटा धरती पर भेजेंगे। सोलर पावर से चलने वाले लैंडर और रोवर के पास चांद के बारे में हर जानकारी जुटाने के लिए धरती के कुल 14 दिन होंगे। रोवर 'प्रज्ञान' केवल लैंडर 'विक्रम' से बात कर सकता है। 'विक्रम' ही सारा डेटा धरती पर भेजता है। समझ‍िए, चांद पर उतरने के बाद लैंडर और रोवर वहां क्‍या-क्‍या करेंगे।

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