गवर्नर हों या लाट साहब! बस या ट्रेन में चढ़ने जितना आसान नहीं प्लेन का सफर
कर्नाटक के गवर्नर थावर चंद गहलोत पिछले दिनों बेंगलुरु से एयर एशिया की फ्लाइट नहीं पकड़ पाए। 50 मिनट बाद दूसरी फ्लाइट से हैदराबाद गए। इस 'गलती' के लिए केम्पेगौड़ा इंटरनैशनल एयरपोर्ट (KIA) पर एयरलाइन के स्टेशन मैनेजर को महीने भर के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। दो और स्टाफ का सस्पेंशन भी तय माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, मैनेजर के सस्पेंशन की वजह VIP के लिए इंतजार नहीं करना और प्लेन को रेगुलर पैसेंजर्स के साथ उड़ने की परमिशन देना रही। राजभवन का कहना है कि गवर्नर टाइम से पहुंचे थे मगर एयरलाइन के ग्राउंड स्टाफ की 'गलतियों' के चलते फ्लाइट मिस कर गए। फ्लाइट को दोपहर 2.05 बजे उड़ान भरनी थी।हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से कहा कि गवर्नर 2.07 बजे VIP गेट पर पहुंचे। तब तक एयरक्राफ्ट के दरवाजे बंद किए जा चुके थे। सीढ़ियां हटाई जा चुकी थीं। विमान गवर्नर के लिए नहीं रुका। दरअसल, प्लेन का सफर बस या ट्रेन जितना आसान नहीं। समझिए, एक बार प्लेन का गेट बंद होने के बाद बोर्डिंग की परमिशन क्यों नहीं मिलती।
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