दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर कल पूरा परिवार खत्म, रॉन्ग साइड वाले यमदूतों ने 4 साल में 43 हजार की जान ली
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे (DME) पर मंगलवार सुबह रॉन्ग साइड दौड़ रही बस से कार की टक्कर हो गई। कार में सवार एक ही 6 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में 7 साल की बच्ची भी शामिल है।SUV में मेरठ के रहने वाले 2 भाई अपने परिवार के साथ थे। दूसरा भाई और उनका 8 साल का बेटा गंभीर रूप से घायल है। बस ड्राइवर इंदिरापुरम से DME पर रॉन्ग साइड चढ़ा था। एडीसीपी ट्रैफिक रामानंद कुशवाहा ने बताया कि आरोपी बस चालक को गिरफ्तार कर लिया है। उसके शराब के नशे में होने की पुष्टि हुई है। हादसे का कारण बनी निजी ऑपरेटर की यह बस पहले नोएडा के एक स्कूल में चलती थी। रोड पर रॉन्ग साइड गाड़ी चलाने की वजह से खूब हादसे होते हैं। आंकड़ों के अनुसार, ट्रैफिक के खिलाफ ड्राइविंग भारत में सड़क हादसों में होने वाली मौतों की दूसरी सबसे बड़ी वजह है। 2017 से 2021 के बीच ऐसे हादसों में करीब 43,000 लोग मारे गए। ऐसा नहीं कि रॉन्ग साइड ड्राइविंग सिर्फ DME पर होती है, हर तरह की सड़कों पर रॉन्ग साइड चलने वालों की कमी नहीं। चालान काटने और जुर्माने का प्रावधान है मगर लोग हैं कि मानते नहीं कि रॉन्ग साइड ड्राइविंग किलर है।
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