तानसेन के कुल से आया है हमारा संगीत, पढ़िए शास्त्रीय गायक प्रेम कुमार मल्लिक का पूरा इंटरव्यू
आज के बच्चे उतने परिश्रमी नहीं हैं, जितने पहले होते थे। कुछ तो कोरोना काल ने लोगों को शिथिल कर दिया। इसके कारण दूरस्थ शिक्षा की आदत हो गई है। सॉफ्टवेयर से दी जाने वाली शिक्षा से छात्रों को समझना मुश्किल होता है और समझाना भी। यह आमने-सामने सीखने की कला है। गायन की इन शैलियों को सीखने के लिए गुरु के पास बैठ कर रियाज करना जरूरी होता है। ध्रुपद गायन और ध्रुपद श्रवण में धैर्य होना आवश्यक है
from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News https://ift.tt/2EyqQ5i
from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News https://ift.tt/2EyqQ5i
Comments
Post a Comment