UP में कांग्रेस को ‘शुभकामनाएं' देने तक ही क्यों सीमित रहे विपक्ष के ये तीन बड़े चेहरे?

वर्ष 2014 के बाद पूरे देश में विपक्ष मोदी के विजय रथ को रोकने की कोशिश में जुटा हुआ है। इसके लिए सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में तो जो भी प्रयोग हो सकते थे, विपक्ष कर भी चुका है। 2017 में कांग्रेस-समाजवादी पार्टी ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा। 2019 में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने करीब दो दशक पुरानी अपनी ‘दुश्मनी’ भुलाते हुए हाथ मिलाया और 2022 में अखिलेश यादव ने चौधरी जयंत सिंह सहित जितने भी प्रभावशाली छोटे दल थे, उन्हें अपने पाले में कर बीजेपी को चुनौती दी। लेकिन ये सारे प्रयोग विफल हो गए। बीजेपी हर चुनाव में मजबूत होकर उभरती गई। यूपी में तो बीजेपी ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नया रेकॉर्ड भी बना दिया कि पांच साल सत्ता में रहने के बाद लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए भी सत्ता में आ गई।

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