Opinion: 'समाज के कमजोर तबकों का दर्द सामने रखने का काम तो RSS इससे पहले भी करता रहा है'

आर्थिक विकास और सामाजिक समरसता- ये दोनों बड़े मुद्दे हैं। अवसरों के बिना विकास नहीं होता और विकास के बिना समता नहीं आती। इसके आगे का शब्द है समरसता- सब में आत्मीय भाव हो, कोई ऊंचा-नीचा न रहे, भेदभाव न रहे, सब साथ चलें। संघ की लगभग यही विचारधारा है। सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने हाल के अपने वक्तव्यों में इसी बात को अधिक विस्तार दिया है।

from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/bnlkxPS

Comments

Popular posts from this blog

चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ीं, ED ने मांगी गिरफ्तारी

संपादकीय: उपचुनाव का संदेश, I.N.D.I.A गठबंधन बनने के बाद की पहली भिड़ंत

विशुद्ध राजनीति: विपक्षी बैठक के बाद ममता खफा, राहुल का विदेश दौरा, स्पेशल सेशन पर सस्पेंस, देश की राजनीति में सब घट रहा