भारत से कब और कैसे खत्म हो गए थे चीते, मुगल से ब्रिटिश काल तक की कहानी जान लीजिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर अफ्रीकी देश नामीबिया से आठ चीते भारत लाए गए हैं। कितनी हैरत की बात है जिस देश में कभी चीतों की कोई कमी नहीं थी, वहां चीते लुप्त हो गए। भारत ने वर्ष 1952 में खुद को 'चीता विलुप्त' देश घोषित कर लिया। कितना दुखद है कि 1947 में हमारा देश आजाद हुआ और उसी वर्ष देश चीता मुक्त भी हो गया। अब के छत्तीसगढ़ प्रदेश स्थित कोरिया महाराज ने आखिरी तीन चीतों का शिकार में मार गिराया था। दरअसल, तथ्यों पर गौर करें तो पता चलता है कि राजा-महाराजाओं के 'शिकार के शौक' ने चीता ही नहीं, कई अन्य जंगली जीवों को विलुप्त कर दिया। एक वक्त था जब चीते पूरे भारतीय उप-महाद्वीप में पाए जाते थे। वो झाड़ियों में घर बनाते और घास के खुले मैदान में अठखेलियां किया करते थे। भारत में अब भी घास के खुले मैदान हैं। हां, उनका रकबा जरूर घट गया है। फिर भी चीते विलुप्त हो गए।

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