भारत ने यूक्रेन से अपने लोगों को निकालने के प्रयास तेज किए, जानिए क्या-क्या हो रहा है
नई दिल्ली: भारत युद्ध से जूझ रहे यूक्रेन में फंसे अपने हजारों नागरिकों, खास तौर से छात्रों को वहां से बाहर निकालने से जुड़ी जटितलाओं का सामना कर रहा है। यूक्रेन की सीमाओं से रूस की सेना आगे बढ़ रही है, ऐसे में अपने लोगों की सुरक्षा को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने यूक्रेनी समकक्ष से इस संबंध में चर्चा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि यूक्रेन से लौटने वाले लोगों का पहला जत्था सुकेवा सीमा के रास्ते रोमानिया पहुंच चुका है और भारतीय अधिकारी वहां से बुखारेस्ट तक और आगे भारत तक उनकी यात्रा की व्यवस्था करेंगे। बागची ने रोमानिया-यूक्रेन सीमा पार कर रहे भारतीयों का ‘विजुअल’ भी ट्विटर पर साझा किया। यूक्रेन से पहले जत्थे के रवाना होने के कुछ घंटे पहले कीव स्थित भारतीय दूतावास ने कहा था कि 470 से ज्यादा छात्र यहां से रवाना होंगे और शुक्रवार को पोरूबने-सिरेट सीमा के रास्ते रोमानिया पहुंचेंगे और उन्हें पड़ोसी देश से भारत ले जाया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि इस मुश्किल घड़ी में भी भारत ने पश्चिमी यूक्रेन के लीव और चेर्निवित्सी में अपने कैम्प कार्यालय स्थापित किए हैं ताकि भारतीयों को हंगरी, रोमानिया और पोलैंड भेजा जा सके। उन्होंने बताया कि भारत ने हंगरी में जाहोनी सीमा पोस्ट, पोलैंड में कराकोविक और शेहीनी-मेडिका जमीनी सीमा, स्लोवाक गणतंत्र में विस्ने नेमेके और रोमानिया में सुकेवा सीमा पर अपनी टीमें तैनात की हैं ताकि यूक्रेन से भारतीयों की वापसी के लिए समन्वय स्थापित किया जा सके। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट के लिए शनिवार को एयर इंडिया की दो उड़ानें संचालित होंगी। आने वाले दिनों में और उड़ानें भरे जाने की संभावना है। ऐसी सूचना है कि वापस लौट रहे भारतीयों के रोमानिया, पोलैंड, हंगरी और स्लोवाकिया में प्रवेश के लिए वीजा प्रबंधन इन देशों में भारतीय अधिकारियों के लिए चुनौती बन गया है। इन चार देशों में प्रवेश के लिए कोविड-19 निगेटिव प्रमाणपत्र भी एक बड़ा मुद्दा बनकर सामने आया है। रूस ने बृहस्पतिवार को यूक्रेन पर हमला शुरू कर दिया और शहरों, कस्बों तथा मुख्य सैन्य प्रतिष्ठानों पर हवाई तथा मिसाइलों से हमले कर रहा है। इसे लेकर दुनिया भर में उसकी निंदा हो रही है। कीव में भारतीय दूतावास ने कहा कि यूक्रेन, पोलैंड, रोमानिया और हंगरी में स्थित भारतीय दूतावासों की मदद से संयुक्त रूप से बड़े पैमाने पर अपने लोगों को सुरक्षित निकालने का काम चल रहा है। भारत ने यूक्रेन में फंसे अपने करीब 16,000 लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का काम तेज कर दिया है। इस पृष्ठभूमि में यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा के साथ फोन पर बातचीत में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारतीयों की स्थिति जानी और उनकी सुरक्षित वापसी में मदद के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
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