बिहार: मैट्रिक परीक्षा में फिर होने वाली थी बड़ी बदनामी, लेकिन चेकिंग में हो गया बड़ी साजिश का खुलासा
पटना: बिहार () विद्यालय परीक्षा समिति () ने स्कूलों की तरफ से परीक्षार्थियों के ऑनलाइन पंजीकरण और परीक्षा फॉर्म भरने में कई गड़बड़ियों का खुलासा किया है। बिहार भर के विभिन्न केंद्रों पर मैट्रिक () की परीक्षाओं के दौरान कई ओवरएज छात्रों के पकड़े जाने के बाद इसका खुलासा हुआ। बीएसईबी को बिहार में जांच के दौरान 150 से अधिक ऐसे माध्यमिक विद्यालय () मिले जिन्होंने कथित तौर पर आवेदन करने वाले परीक्षार्थियों के बारे में गलत जानकारी भरी थी। इसमें उनके नाम, माता-पिता का नाम और पंजीकरण फॉर्म और परीक्षा फॉर्म में उम्र तक का फर्जीवाड़ा शामिल है। परीक्षा में फिर से बैठने के लिए जाली दस्तावेजों को बना कर इम्तिहान देने वाले ऐसे परीक्षार्थियों की तादाद एक हजार से ऊपर है। BSEB सचिव ने निदेशालय से किया आग्रह बीएसईबी सचिव ने निदेशालय (माध्यमिक शिक्षा) से ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है। 17 फरवरी को जारी की गई एक चिट्ठी में लिखा गया है 'ऑनलाइन पंजीकरण भरते समय, छात्रों और अभिभावकों के नाम के बजाय, अंग्रेजी अक्षर जैसे DFDF, DFD SFS, DBGG, TEST, B, C, D, E, Z पंजीकरण आवेदन पत्र में भरे गए थे। ऐसी जानकारी को बाद में छात्रों और उनके माता-पिता के नाम से भरे परीक्षा फॉर्म में बदल दिया जाता है। हालांकि रजिस्ट्रेशन नंबर वही रहा । एक अन्य मामले में, पंजीकरण फॉर्म में भरे गए छात्रों और उनके माता-पिता के नाम एक ही पंजीकरण संख्या का उपयोग करने वाले परीक्षा फॉर्म से पूरी तरह अलग थे।' स्कूलों से किया गया था खेल देखा जाए तो दोनों रूप में छात्रों के डेटा को भरने के लिए स्कूल प्रमुख जिम्मेदार हैं। इस उद्देश्य के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) के माध्यम से बोर्ड के जरिए स्कूल प्रमुखों को यूजर आईडी और पासवर्ड गोपनीय रूप से प्रदान किए जाते हैं। बीएसईबी ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रमुखों ने जानबूझकर नियमों के खिलाफ गंभीर गलतियां की, जैसे कि अंग्रेजी वर्णमाला या डमी अंक दर्ज करना और पंजीकरण विवरण की तुलना में परीक्षा फॉर्म में उम्मीदवारों की पूरी तरह से अलग जानकारी देना। टॉपर घोटाले की तर्ज पर रची गई साजिश इस तरह से अज्ञात उम्मीदवारों को उनकी उम्र कम करके किसी भी व्यक्तिगत हित के लिए अवैध और गलत तरीके से माध्यमिक परीक्षा में अवसर देने की कोशिश की गई। उधर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने बुधवार को कहा कि वह शहर में नहीं हैं और उन्हें बीएसईबी के ऐसे किसी पत्र की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा 'मैं मामले की जांच करूंगा और उचित कार्रवाई करूंगा।'
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