'5 में से 4 राज्यों में जीत तय'...बोले शाह, तो क्या पंजाब में बीजेपी ने मान ली हार?

चंडीगढ़: बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले गृहमंत्री अमित शाह की पांच चुनावी राज्यों पर नजर है। 10 मार्च को आने वाले रिजल्ट को लेकर बीजेपी कयास लगा चुकी है कि उन्हें किन राज्यों में कितनी सीटें मिल सकती हैं। पंजाब और गोवा में चुनाव के लिए वोटिंग हो चुकी है। पंजाब ऐसा राज्य है जहां इस बार बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अकेले मैदान में है। पूर्व मुख्यमंत्री रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस बनाई और वह बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़े। बीजेपी की साथी रही अकाली दल ने बीएसपी से हाथ मिलाया। इधर किसानों ने अपनी अलग पार्टी बनाई और चुनावी रण में उतरे। पंजाब में चुनाव के रिजल्ट क्या होंगे? बीजेपी को जीत मिलेगी? इन सवालों को जवाब अमित शाह ने दिए। टाइम्स ऑफ इंडिया के दिवाकर और अखिलेश सिंह के साथ एक साक्षात्कार में अमित शाह ने कहा कि पांच राज्यों में से चार राज्यों में बीजेपी जीतेगी। आपने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की आम आदमी पार्टी के खालिस्तान समर्थक संगठनों के साथ कथित संबंधों की जांच की मांग को बहुत जल्दी स्वीकार कर लिया? चन्नी साहब निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं। अगर टीओआई भी मुझे आतंकवाद के बारे में एक पत्र भेजता तो मैं वही मुस्तैदी दिखाऊंगा। आतंकवाद चिंता का विषय है, इस तरह का पत्र प्राथमिकता होगा, और इसके लिए तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता होती है। हम आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण में विश्वास करते हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आप को विफल करने के लिए भाजपा-कांग्रेस की सांठगांठ का आरोप लगाया है।केजरीवालजी हर तरह की बातें करते हैं लेकिन उन्होंने खालिस्तानियों से समर्थन नहीं लेने की बात एक बार भी नहीं की। इस पर वह चुप हो गए हैं। पंजाब को लेकर आपका क्या आकलन है? मुझे लगता है कि केवल ज्योतिषी ही बता सकते हैं कि पंजाब में क्या होगा? यह एक बहुकोणीय मुकाबला है, जिसमें पांच दावेदार हैं। हमारे पास राज्य में एक मजबूत कैडर नहीं है जिसके फीडबैक के आधार पर मैं अनुमान लगा सकता हूं। यूपी में, मैंने कल ही 60-70 सीटों की समीक्षा की है और मुझे उनके बारे में पता है। मुझे वह फायदा पंजाब में नहीं दिख रहा। क्या पंजाब में बीजेपी-अकाली दल का गठबंधन फिर हो सकता है? परिणाम घोषित होने से पहले कुछ भी कहना मुश्किल है। अभी हमारी प्राथमिकता हर सीट पर अपने कैडर को मजबूत करना है। विपक्ष उम्मीद कर रहा है कि चुनाव के इस दौर में बीजेपी खराब प्रदर्शन करेगी और इस आकलन ने नए सिरे से एकता के प्रयासों को बढ़ावा दिया है। उन्हें मोर्चा जरूर बनाना चाहिए। लेकिन उन्हें पहले अपने नेता को डिसाइड करना चाहिए। गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा? क्या यह शरद पवारजी या ममताजी या चंद्रशेखर रावजी या स्टालिनजी होंगे? पहले इसे तय होने दें। उनका मानना है कि इस दौर के चुनावों के बाद बेहतर संख्या के साथ, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों में उनकी निर्णायक भूमिका होगी।मुझे लगता है कि आपको इसका उत्तर 10 मार्च को मिल जाएगा। मुझे विश्वास है कि इस बार भी दोनों संवैधानिक पदों पर निर्वाचक मंडल में भाजपा का दबदबा रहेगा। तो क्या आप परिणाम को लेकर आश्वस्त हैं? हम पांच में से चार राज्यों में जीतेंगे और सरकार बनाएंगे। गोवा भी? बिल्कुल। पिछली बार हमने 13 सीटें जीती थीं और इस बार हमें और सीटें मिलेंगी।


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