5 लाख रुपये तक टैक्‍स छूट, इन स्‍कीमों पर ज्‍यादा ब्‍याज... बुजुर्गों को बजट 2022 में सीतारमण से बस इतने की चाहत

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman presents Budget 2022) कुछ घंटों में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट () पेश करेंगी। यह लगातार चौथा मौका होगा जब सीतारमण बजट पेश करेंगी। इस बजट से लोगों खासतौर से सीनियर सिटीजंस और रिटायर्ड इम्‍प्‍लॉयीज () को बहुत ज्‍यादा उम्‍मीदें हैं। कोरोना की महामारी शुरू होने के बाद से ही स्‍वास्‍थ्‍य पर खर्च बढ़ा है। दूसरी तरफ फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट पर ब्‍याज दरों में कमी हुई है। इसने बुजुर्गों पर दोहरी मार की है। महंगाई को भी ध्‍यान में रखें तो इसने उनके निवेश पर रिटर्न को और कम करने का काम किया है। सीनियर सिटीजंस और पेंशनर्स को यह राहत देने का सही समय है। वो चाहेंगे कि बेसिक टैक्‍स एग्‍जेम्‍प्‍शन लिमिट (basic tax exemption limit) को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाए। अभी यह सीमा 3 लाख रुपये है। इसका मतलब यह है कि सीनियर सिटीजंस को 3 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्‍स देने की जरूरत नहीं होती है। इस लिमिट को 5 लाख रुपये बढ़ाकर उन्‍हें सुपर सीनियर सिटीजंस के बराबर खड़ा किया जा सकता है। सेक्‍शन 80TTB के तहत वरिष्ठ नागरिकों को जमा (सेविंग बैंक अकाउंट, फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट, रेकरिंग डिपॉजिट) से 50,000 रुपये तक के ब्याज पर टैक्‍स से छूट मिलती है। इस सीमा को बढ़ाकर 1,00,000 रुपये किया जा सकता है। सीनियर सिटीजंस के लिए यह बड़ी राहत होगी। सेक्‍शन 80DDB के तहत मिले राहत बुजुर्ग चाहेंगे कि उन्‍हें सेक्‍शन 80DDB के तहत कोविड संबंधी अस्पताल में भर्ती से जुड़े खर्च पर 1 लाख रुपये तक टैक्‍स डिडक्‍शन मिले। अभी इस सेक्‍शन के तहत कुछ खास तरह की बीमारियों के इलाज पर होने वाले चिकित्सा खर्च पर ही टैक्‍स छूट मिलती है। इनमें अटैक्सिया, डिमेंशिया, अफेसिया, डिस्टोनिया मस्कुलोरम डिफॉर्मेंस, पार्किंसंस, मोटर न्यूरॉन डिजीज, किडनी फेलियर, कैंसर, एड्स और हीमैटोलॉजिकल विकार शामिल हैं। कोविड इसमें कवर नहीं है। ज्‍यादातर बुजुर्ग अपने निवेश से ब्‍याज आय पर निर्भर होते हैं। बढ़ती महंगाई की दर इसे घुन की तरह खाती है। दिसंबर 2021 में सालाना आधार पर खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.59 फीसदी पहुंच गई। खाने-पीने की वस्‍तुओं के बढ़ने से ऐसा हुआ। खुदरा महंगाई बढ़ने से निवेश पर रिटर्न का मूल्‍य घटता है। बुजुर्गों के लिए तो यह खासतौर से तकलीफदेह स्थिति है। एफडी पर घटती ब्‍याज दर से बढ़ी है मुश्किलऊपर से हाल के कुछ समय में फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट (FD) की ब्‍याज दरों में कमी आई है। इन पर 5-6 फीसदी के आसपास ब्‍याज मिल रहा है। निवेश के अन्‍य सुरक्षित विकल्‍पों में भी रिटर्न बहुत अच्‍छा नहीं है। पांच साल के पोस्‍ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट पर ब्‍याज दर 6.7 फीसदी है। किसान विकास पत्र यह 6.9 फीसदी ब्‍याज है। पोस्‍ट ऑफिस मंथली इनकम स्‍कीम पर सालाना रिटर्न 6.6 फीसदी है। इसका भुगतान महीने में होता है। ज्‍यादातर बुजुर्ग सुरक्षित विकल्‍पों में ही पैसा लगाते हैं। खास स्‍कीमों पर ज्‍यादा ब्‍याज की दरकार इनमें से बड़ी संख्‍या में सीनियर सिटीजंस सेविंग्‍स स्‍कीम (SCSS) और प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PM Vaya Vandana Yojana) जैसी स्‍कीमों में एकमुश्‍त पैसा लगाते हैं। यह अपने निवेश से नियमित रिटर्न पाने का अच्‍छा जरिया है। दोनों स्‍कीमों में 15 लाख रुपये तक निवेश किया जा सकता है। इसका मतलब है कि कुल मिलाकर 30 लाख रुपये लगाया जा सकता है। 30 लाख रुपये के इस निवेश पर हर महीने करीब 20,000 रुपये तक का रिटर्न मिलता आया है। बजट में सीतारमण बुजुर्गों को खास स्‍कीमों में एक फीसदी ज्‍यादा ब्‍याज देकर खुश कर सकती हैं। सिर्फ बुजुर्गों के लिए ही नहीं, बल्कि यह सबके लिए मुश्किल समय है। उम्र के अंतिम पड़ाव में सीनियर सिटीजंस को खास ध्‍यान की जरूरत होती है। देखना यह होगा कि बजट 2022 में वित्‍त मंत्री इनमें से सीनियर सिटीजंस की किन-किन इच्‍छाओं को पूरा करती हैं या फिर वो अपने पिटारे से इनके लिए कुछ अलग तरह की सौगात निकालती हैं।


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