भारत-इजरायल राजनयिक रिश्तों के 30 साल, एक ऐसी दोस्ती जो दुश्मनों की नींद उड़ाती है

भारत और इजरायल के बीच पूर्ण राजनयिक रिश्तों (India-Israel full diplomatic ties) की नींव पड़े 30 साल हो चुके हैं। 29 जनवरी 1992 को दोनों देशों के रिश्तों में एक नये अध्याय की शुरुआत हुई जब भारत ने इजरायल को पूर्ण मान्यता देते हुए तेल अवीव में अपना दूतावास खोला था। तब से दोनों देशों की दोस्ती () लगातार गहरी होती गई है। पूर्ण राजनयिक रिश्तों की 30वीं वर्षगांठ पर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके इजरायली समकक्ष वाई. लैपिड ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में संयुक्त लेख लिखा है। दोनों नेताओं ने दोनों देशों की साझी विरासत, रक्षा, कृषि, व्यापार समेत तमाम क्षेत्रों में लगातार गहरे हो रहे सहयोग पर जोर देते हुए दोस्ती को और गहरी करने का संकल्प जताया है। भारत और इजरायल का नाम आते ही दो ऐसे सहयोगियों की छवि उभरती है जो अक्सर एक दूसरे के साथ मजबूती से खड़े रहते हैं। रक्षा, कृषि, व्यापार, वॉटर मैनेजमेंट, इनोवेशन जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग तेजी से बढ़ रहा है। दोनों देशों के विदेशमंत्रियों ने आतंकवाद को ऐसा साझा खतरा बताया है, जिसका दोनों ही देश सामना कर रहे हैं। उन्होंने लिखा है, 'हमारे संबंधों का एक बहुत ही महत्वपूर्ण तत्व सुरक्षा सहयोग है। यहां भी हमारे रिश्ते गहरे हो रहे हैं। हाल ही में हमने इजरायल में 'ब्लू फ्लैग' एयर फोर्स एक्सर्साइज में हिस्सा लिया। हम क्षेत्रीय चुनौतियों को हल करने और काउंटर-टेररिज्म के क्षेत्र में साथ मिलकर काम कर रहे हैं, ऑपरेशनल नॉलेज को साझा करते हैं। 2008 में मुंबई पर सीमा-पार आतंकी हमला हमारे सामने साझे खतरे को याद दिलाता है।' दोनों नेताओं ने अपने लेख में कृषि और वॉटर मैनेजमेंट क्षेत्र में भारत और इजरायल के बीच बढ़ते सहयोग का भी जिक्र किया है। उन्होंने बताया है कि कैसे इजरायल भारत में खेती-किसानी और वॉटर मैनेजमेंट से जुड़ी चुनौतियों को दूर करने के लिए इनोवेटिव समाधान पेश कर रहा है। पूरे भारत में 30 'इंडो-इजरायल सेंटर्स ऑफ एक्सिलेंस' चल रहे हैं जो हजारों किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। भारत और इजरायल फ्री ट्रेड अग्रीमेंट की दिशा में भी आगे बढ़ रहे हैं। दोनों नेताओं ने अपने लेख में लिखा है, 'हम मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत को तेज करने के लिए सहमत हैं। इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वॉन्टम कम्प्यूटिंग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी हम और नजदीकी से काम कर रहे हैं।' लेख में भारत के विकास में भारतीय-यहूदी समुदाय के लोगों के योगदान का भी जिक्र किया गया है। इनमें बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना करने वाले डेविड सैसून, 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के नायक लेफ्टिनेंट जनरल जेएफआर जैकब, जाने-माने चिकित्सक डॉक्टर जेरुषा झिरज और कवि निसिम इजेकील का जिक्र किया गया है। भारत और इजरायल के रिश्तों का महत्व बताते हुए दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने अपने संयुक्त लेख में लिखा है, 'भारतीय और इजरायली संस्कृति के बीच सबसे बड़ी समानता ये है कि दोनों की इतिहास में गहरी जड़े हैं। रामायण और महाभारत की तरह तनख और तल्मूड भव्य महाकाव्य हैं जो लोगों की कहानियों के साथ-साथ नैतिक कहानियां कहते हैं, जो जीवन के नियमों और मानदंडों को परिभाषित करते हैं।... इजरायल के पहले प्रधानमंत्री डेविड बेन-गुरियन के बेड रूम तक में महात्मा गांधी की तस्वीर लगी होती थी।' भारत ने 17 सितंबर 1950 को इजरायल को मान्यता दी थी। 1953 में इजरायल ने मुंबई में कॉन्सुलेट खोला। दोनों देशों के बीच पूर्ण राजनयिक रिश्तों की नींव 1992 में पड़ी जब दोनों ने एक दूसरे के यहां दूतावास खोले। उसके बाद से ये दोस्ती लगातार परवान चढ़ रही है। 2017 में नरेंद्र मोदी के रूप में पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने इजरायल का दौरा किया।


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