कितनी सेफ, कैसे साइड इफेक्‍ट? 2-18 साल के बच्‍चों पर Covaxin के ट्रायल का रिपोर्ट कार्ड

नई दिल्‍ली तीन जनवरी से 15-18 साल के बच्‍चों का वैक्‍सीनेशन शुरू होने से पहले अच्‍छी खबर है। दूसरे और तीसरे चरण के अध्ययन में स्वदेशी रूप से विकसित Covaxin बच्चों में सुरक्षित पाई गई है। बड़ों की तुलना में बच्‍चों में यह अधिक बचाव प्रदान करती है। 2-18 साल की उम्र के बच्‍चों और किशारों में बालिगों के बजाय इसका एंटीबॉडी रेस्‍पॉन्‍स ज्‍यादा बेहतर मिला है। बाल चिकित्सा परीक्षणों के नतीजे प्रीप्रिंट सर्वर medRxiv पर अपलोड किए गए हैं। ये दूसरी डोज के चार सप्ताह बाद सभी आयु समूहों के बच्चों में 95-98% तक सीरोकन्‍वर्जन दिखाते हैं। इससे पता चलता है कि वयस्कों की तुलना में बच्चों में इसका बेहतर एंटीबॉडी रेस्‍पॉन्‍स है। भारत बायोटेक ने यह जानकारी दी। किस तरह के साइट इफेक्‍ट? रिसर्च पेपर के अनुसार, ट्रायल के दौरान कोई बड़ा साइड इफेक्‍ट देखने को नहीं मिला है। ज्‍यादातर मामलों में इंजेक्‍शन साइट पर दर्द देखने को मिला है। वैक्‍सीन के ट्रायल के लिए कुल 374 लोग सामने आए। इनमें से 176 की उम्र 12-18 साल, 175 की 6-12 साल और 175 की 2-6 साल थी। यह कोवैक्‍सीन को दुनिया में ऐसी पहली वैक्‍सीन बना देता है जिसमें 2 साल के बच्‍चों पर डेटा का अध्‍ययन और विश्‍लेषण किया गया है। भारत बायोटेक के सीएमडी डॉक्‍टर कृष्‍णा एला ने कहा कि बच्‍चों पर किए गए क्‍लीनिकल ट्रायल के आंकड़े काफी उत्‍साहित करने वाले हैं। बच्‍चों के लिए वैक्‍सीन पूरी तरह सेफ है। कंपनी ने अक्‍टूबर 2021 में सेंट्रल ड्रग्‍स स्‍टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) को आंकड़े जमा किए थे। दवा नियामक से उसे हाल में 12-18 साल के बच्‍चों में इसे इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन की अनुमति मिली है। 3 जनवरी से 15-18 साल के किशोरों का वैक्‍सीनेशन नए साल में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक नया अध्याय जुड़ेगा। देश में 15 से 18 साल के बच्चों का वैक्‍सीनेशन शुरू होने वाला है। इसके लिए 1 जनवरी से 'कोविन' पोर्टल पर पंजीकरण शुरू हो जाएगा। तीन जनवरी से बच्चों का कोविड-19 रोधी टीकाकरण शुरू करने की तैयारी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, किशोरों के लिए टीके का विकल्प केवल कोवैक्सीन होगा। इसके दायरे में वे सभी बच्चे आएंगे, जिनका जन्म साल 2007 या उससे पहले हुआ हो। महामारी का जल्द खत्म होना मुश्किल भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को 12 से 18 साल की उम्र के बच्चों के लिए मंजूरी दी गई है। दक्षिणी अफ्रीका में ओमीक्रोन का सबसे पहले पता लगाने वाली डॉ. एंजेलिक कोएत्जी ने कहा है कि भारत में संक्रमण के मामले बढ़ेंगे, लेकिन ज्यादा लोगों में मामूली लक्षण दिखने की उम्मीद है। कोएत्जी ने यह भी कहा कि मौजूदा टीकों से इस बीमारी को फैलने से रोकने में निश्चित ही मदद मिलेगी। कोएत्जी ने कहा, 'मेरा मानना है कि महामारी का जल्द खत्म होना मुश्किल होगा। मुझे लगता है कि यह अब स्थानीय स्तर पर फैलने वाला संक्रमण बनेगा।' उन्होंने ओमीक्रोन के बारे में कहा कि यह बच्चों को भी संक्रमित कर रहा है।


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