मथुरा में भी लगी पाबंदी, जानें UP के और किन शहरों में मीट और शराब पर है बैन

लखनऊ मथुरा में श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी मनाने पहुंचे यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, नन्‍दगांव, बरसाना, गोकुल, महावन और बलदेव में मांस और शराब की बिक्री पर पूरी तरह पाबंदी लगाने का ऐलान कर दिया। योगी ने कहा कि जो लोग मांस-मदिरा बेचने के काम में लगे हुए हैं, उनको पुनर्वास के रूप में दूध बेचने जैसे कामों में लगाया जा सकता है। आइए, जानते हैं कि मथुरा-वृंदावन के अलावा यूपी के किन और शहरों में भी मांस-मदिरा बेचने पर प्रतिबंध है - वाराणसी सांस्‍कृतिक नगरी वाराणसी के धार्मिक स्‍थलों पर इस साल अप्रैल में सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने शराब और मीट बेचने पर बैन लगा दिया था। उन्‍होंने आबकारी अफसरों को निर्देश दिया था कि काशी विश्‍वनाथ मंदिर के एक किलोमीटर के दायरे में शराब की बिक्री नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा अन्‍य धार्मिक स्‍थलों के आसपास भी मीट और शराब पर बैन है। अयोध्‍या रामनगरी अयोध्‍या के धार्मिक स्‍थलों के आसपास भी शराब और मीट बेचने पर बैन है। अयोध्‍या में छोटे-बड़े मिलाकर सैकड़ों धार्मिक स्‍थल हैं, जहां दर्शन करने के लिए देश के कोने-कोने से लोग आते हैं। अयोध्‍या में इनदिनों भव्‍य राम मंदिर का निर्माण कार्य जोरों पर है। बताया जा रहा है कि वर्ष 2022 तक यह मंदिर दर्शन के लिए तैयार हो जाएगा। प्रयागराज गंगा-यमुना के संगम वाले प्रयागराज के धार्मिक स्‍थलों के आसपास भी मांस और मंदिरा नहीं बेचा जा सकता है। स्‍थानीय प्रशासन को इस संबंध में सख्‍त आदेश दिए गए हैं। प्रयागराज का पहले इलाहाबाद नाम था। योगी सरकार ने नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया है। इस शहर में भी सैकड़ों धार्मिक स्‍थल हैं। चित्रकूट मंदाकिनी नदी के किनारे बसा हुआ चित्रकूट देश के सबसे प्राचीन तीर्थस्‍थलों में से एक है। चित्रकूट अपने प्राकृतिक दृश्‍यों के साथ आध्‍यात्मिक महत्‍व के लिए प्रसिद्ध है। कहते हैं कि अपने 14 साल के बनवास के दौरान भगवान राम ने सीता और लक्ष्‍मण के साथ यहां 11 साल 11 महीने और 11 दिन बिताए थे। यहां के धार्मिक स्‍थलों के आसपास भी मीट और शराब बेचने पर प्रतिबंध है। नैमिषारण्‍य लखनऊ से करीब 80 किमी दूर सीतापुर जिले में स्थित नैमिषारण्‍य प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ है। वाराह पुराण के अनुसार, यहां भगवान की तरफ से निमिष मात्र में दानवों का संहार करने से यह नैमिषारण्‍य कहलाया है। यहां भी मीट और शराब बेचने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा चुका है। देवबंद देवबंद यूपी के प्रमुख नगरों में गिना जाता है। यह इस्‍लामी शिक्षा और दर्शन के प्रचार-प्रसार के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इस्‍लामी शिक्षा एवं संस्‍कृति में जो एकता देश में देखने को मिलती है, उसका पूरा श्रेय देवबंद दारुल उलूम को जाता है। यहां के जितने भी धार्मिक स्‍थल हैं, वहां पर मांस-मदिरा बेचने और खरीदने पर बैन लग चुका है। देवा शरीफ हाजी वारिस अली शाह की जन्‍मस्‍थली देवा शरीफ बाराबंकी जिले में स्थित है। हर साल यहां देवा मेला के नाम से एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है। इसके अलावा सालाना उर्स का आयोजन भी होता है। इनमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग बड़ी संख्‍या में शामिल होने आते हैं। 10 दिनों तक चलने वाला देवा मेला पूरे देश में प्रसिद्ध है। देवा शरीफ के आसपास भी शराब और मीट की दुकानों पर पूरी तरह प्रतिबंध है।


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