इतिहास में पहली बार एक साथ 9 जजों का शपथग्रहण, मिलिए सुप्रीम कोर्ट के इन जजों से
Supreme Court Judges Oath: जस्टिस एएस ओका, विक्रम नाथ, जेके माहेश्वरी, हिमा कोहली, बीवी नागरत्ना, सीटी रविकुमार, एमएम सुंदरेश, बेला एम त्रिवेदी और पीएस नरसिम्हा ने सुप्रीम कोर्ट के जजों के रूप में शपथ लिया।
सुप्रीम कोर्ट को आज 9 और जज मिल गए। मंगलवार को सुबह 10.30 बजे सुप्रीम कोर्ट के ऑडिटोरियम में शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हुआ। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों के कुल स्वीकृत 34 पदों में से 33 भर गए। शपथ लेने वालों में तीन महिला जस्टिस हैं, जिनमें जस्टिस बीवी नागरत्ना भी हैं जो वरिष्ठता के हिसाब से सितंबर 2027 में भारत की पहली महिला चीफ जस्टिस बनेंगी। बतौर चीफ जस्टिस उनका कार्यकाल 36 दिन का रहेगा। उनके पिता जस्टिस ईएस वेंकटरमैया भी 1989 में चीफ जस्टिस बने थे। भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में ये दूसरा मौका बनेगा, जब पिता के बाद दूसरी जेनरेशन में बेटी चीफ जस्टिस बनेगी। इससे पहले सीनियॉरिटी के हिसाब से जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ नवंबर 2022 में चीफ जस्टिस बनेंगे। उनके पिता जस्टिस वाई बी चंद्रचूड़ 1978 में चीफ जस्टिस बने थे। जस्टिस वाईबी चंद्रचूड़ 7 साल भारत के चीफ जस्टिस रहे जो कि अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल है।
पहली बार तीन महिला जस्टिस की शपथ
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के तौर पर मंगलवार को कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एएस ओका, गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस विक्रम नाथ, सिक्किम हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस जेके महेश्वरी, तेलंगाना हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस हीमा कोहली, कर्नाटक हाई कोर्ट की जस्टिस बीवी नागरत्ना, केरल हाई कोर्ट के जस्टिस सीटी रवी कुमार, मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस एमएम सुंदरेश, गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और सीनियर ऐडवोकेट पीएस नरसिम्हा को शपथ दिलाया गया। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के तौर पर जिन तीन महिला जस्टिस ने शपथ लिया, उनमें जस्टिस बीवी नागरत्ना के अलावा जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस हीमा कोहली का नाम शामिल है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब एक साथ तीन-तीन महिला जजों की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के तौर पर हुई है।
जस्टिस एएस ओका
1983 में एलएलएम करने के बाद ठाणे की जिला अदालत से प्रैक्टिस शुरू की थी। बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस के तौर पर 2003 में नियुक्ति हुई थी। 10 मई 2019 को कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने।
जस्टिस विक्रम नाथ
1987 में बतौर एडवोकेट प्रैक्टिस शुरू की। बाद में हाई कोर्ट के जस्टिस बने। 10 सितंबर 2019 को गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने थे।
जस्टिस जेके माहेश्वरी
1985 से वकालत शुरू की। 2005 में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस बने। अक्टूबर 2019 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त हुए थे।
जस्टिस हिमा कोहली
दिल्ली के सेंट स्टीफंस से ग्रैजुएशन किया, उसके बाद डीयू से लॉ पास करने के बाद 1984 में बतौर वकील प्रैक्टिस शुरू की। 2006 में दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस बनीं। बाद में जनवरी 2021 में तेलंगाना हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस बनाई गईं।
जस्टिस बीवी नागरत्ना
1987 में कर्नाटक हाई कोर्ट में वकालत शुरू की। 2008 में हाई कोर्ट में जस्टिस बनीं।
जस्टिस सीटी रविकुमार
केरल में वकालत शुरू की और 2009 में केरल हाई कोर्ट में जस्टिस बने।
जस्टिस एमएम सुंदरेश
बतौर वकील उन्होंने प्रैक्टिस शुरू की और बाद में मद्रास हाई कोर्ट में 2009 में जस्टिस नियुक्त किए गए।
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी
गुजरात में निचली अदालत में बतौर जज काम किया। उन्हें प्रमोट कर गुजरात हाई कोर्ट का जस्टिस 2011 में बनाया गया।
सीनियर ऐडवोकेट पीएस नरसिम्हा
सीनियर ऐडवोकेट नरसिम्हा अडिशनल सॉलिसिटर जनरल रह चुके हैं। वह 9वें वकील हैं जिन्हें सुप्रीम कोर्ट में सीधे जस्टिस नियुक्त किया जा रहा है। सीनियॉरिटी के हिसाब से वह 30 अक्टूबर 2027 में भारत के चीफ जस्टिस बनेंगे।
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