नीतीश कुमार के क्लासमेट रहे हैं JDU के नए अध्यक्ष ललन सिंह, पर खटास भी खूब रही
पटना। राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह का जन्म 24 जनवरी 1955 में हुआ था। नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव, सुशील कुमार मोदी, रविशंकर प्रसाद के साथ ललन सिंह ने भी जेपी आंदोलन से अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। यह बात कम ही लोग जानते हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह क्लासमेट भी रह चुके हैं। ललन सिंह ने टीएनबी कालेज, भागलपुर विश्वविद्यालय से आर्ट्स में ग्रेजुएशन किया था। बहुत कम लोगों को पता होगा कि ललन सिंह कालेज छात्र संघ के महासचिव रह चुके थे और जेपी आंदोलन में भी भाग लिया था। बिहार की सत्ता में नीतीश कुमार की एंट्री के बाद से ही ललन सिंह उनके प्रमुख रणनीतिकार बने रहे हैं। नीतीश कुमार और ललन सिंह की करीबी को लेकर कई तरह की बातें भी हुईं लेकिन दोनो के बीच बेहतर तालमेल बरकरार रहा। नीतीश कुमार के साथ मजबूत संबंधों के बल पर ही जेडीयू में ललन सिंह, नीतीश कुमार के बाद सबसे ताकतवर नेता बने। 2019 में मुंगेर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीत तीसरी बार संसद पहुंचने वाले जेडीयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह 17वीं लोकसभा में पार्टी के नेता बनाए गए। जब ललन सिंह का हुआ था नीतीश कुमार से मनमुटाव दरअसल 2009 में ललन सिंह के ऊपर पार्टी फंड के गलत इस्तेमाल का आरोप लगा था, इसके बाद ललन सिंह ने नीतीश कुमार से दूरी बनाते हुए पार्टी तक छोड़ दी थी। इसके बाद 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के लिए प्रचार के दौरान ललन सिंह द्वारा नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी की जाती रही। आरजेडी सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव ने कई बार कहा था कि नीतीश कुमार के पेट में दांत है। इसके बाद ललन सिंह ने भी कहा कि नीतीश कुमार के पेट के दांत वे ही तोड़ सकते हैं। हालांकि कुछ समय बाद नीतीश कुमार और ललन सिंह के बीच सुलह हो गई और नीतीश कुमार ने उन्हें विधान परिषद भेजकर बिहार सरकार में मंत्री बनवाया था। चारा घोटाला मामले में ललन सिंह ने कहा था हमें मालूम है लालू यादव ने पैसे कहां रखे हैं चारा घोटाला मामले में लालू यादव के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में याचिका डालने वालों में ललन सिंह का नाम भी शामिल था। ललन सिंह सार्वजनिक सभा में भी कहते थे कि उन्हे पता है कि लालू यादव ने चारा घोटाले ता पैसा कहां छिपाकर रखा है। इसके बाद लालू यादव की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी ललन सिंह और नीतीश कुमार की दोस्ती पर विवादित बयान दिया था। नीतीश के घर वापसी में रही थी ललन सिंह की बड़ी भूमिका 2015 के बाद बिहार में जेडीयू-आरजेडी की सरकार बनने के बाद से ही ललन सिंह असहज महसूस कर रहे थे। लेकिन बीजेपी नेता और पूर्व उपमुखंयमंत्री सुशील कुमार मोदी ने लालू परिवार के घोटाले की पोल खोलनी शुरू कि तो परिस्थितियां बदलनी लगी। करप्शन पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलने वाले नीतीश कुमार के लिए जवाब देना मुश्किल होने लगा। इसी दौरान तत्कालीन केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली से मिलकर ललन सिंह ने आरजेडी- जेडीयू गठबंधन को खत्म करवा कर नीतीश कुमार से इस्तीफा दिलवाया और फिर 2017 में जेडीयू को वापस एनडीए में शामिल कराकर बिहार में एनडीए की सरकार और नीतीश कुमार को छठी बार मुख्यमंत्री बनवाया था।
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