प्लेबैक सिंगर से लेकर मोदी सरकार के सबसे युवा मिनिस्टर तक... ऐसा रहा बाबुल सुप्रियो का करियर
फेसबुक पर भावुक पोस्ट लिखकर राजनीति छोड़ने का ऐलान करने वाले बाबुल सुप्रियो ने अपने जीवन में पहले भी कई ऐसे फैसले अचानक लिए हैं। कलकत्ता यूनिवर्सिटी से बीकॉम की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने कोलकाता स्थित स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में नौकरी शुरू कर दी। म्यूजिक और सिंगिंग के प्रति उनका लगाव बचपन से ही था। यह 1992 का साल था, जब सुप्रियो ने अचानक बैंक की नौकरी छोड़ने का फैसला ले लिया। इसके बाद वह कोलकाता से मुंबई गए और बॉलीवुड में संघर्ष की शुरुआत की। धीरे-धीरे वह अपने प्लेबैक सिंगिंग से देश-विदेश में चर्चित हो गए।
14 भारतीय भाषाओं में गा चुके हैं गाने
वर्ष 2000 में सुपरस्टार ऋतिक रोशन की हिट फिल्म आई थी 'कहो न प्यार है'। इसका एक गाना बाबुल सुप्रियो ने गाया था 'दिल ने दिल को पुकारा'। यह गाना लोगों के जेहन में छा गया और असल मायने में यहां से सुप्रियो के स्टारडम की शुरुआत हुई। उन्होंने 'फना', 'हंगामा', 'हम-तुम' जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में भी गाने गाए। 15 दिसंबर, 1970 को कोलकाता के उपनगर उत्तरपाड़ा में जन्मे बाबुल सुप्रियो ने हिंदी, बंगाली समेत 14 भारतीय भाषाओं में गाने गाए हैं।
2014 में राजनीति में आए, आसनसोल से बने सांसद
एक दिन फ्लाइट में सफर के दौरान बाबुल सुप्रियो की मुलाकात योगगुरु बाबा रामदेव से हुई थी। बताते हैं कि रामदेव ने बाबुल को राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया। उस समय वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव होने जा रहे थे। बाबुल सुप्रियो ने बीजेपी का दामन थामकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। बीजेपी ने आसनसोल सीट से उन्हें टिकट दिया और वह भारी बहुमत से जीतकर पहली बार सांसद बने। उन्हें केंद्र की बीजेपी सरकार में सबसे कम उम्र का मंत्री बनने का अवसर मिला। उन्हें शहरी विकास मंत्रालय, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया था। बाद में उनको भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय दिया गया।
टॉलीगंज विधानसभा से हार गए चुनाव
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने बाबुल सुप्रियो को आसनसोल सीट से ही टिकट दिया। एक बार फिर भारी वोटों से वह यहां से जीतकर संसद पहुंचे। इस बार भी उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया। उन्हें पर्यावरण और वन राज्य मंत्री पद मिला। अप्रैल, 2021 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हुए। बाबुल सु्प्रियो को चुनाव संबंधी तमाम जिम्मेदारियां तो मिली हीं, साथ ही बीजेपी ने उन्हें टॉलीगंज विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में भी उतार दिया। हालांकि सुप्रियो विधायकी का चुनाव हार गए।
मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद जताया था दुख
इसके बाद जुलाई, 2021 में नरेंद्र मोदी सरकार ने अपना कैबिनेट विस्तार किया। इससे पहले ही 7 जुलाई को बाबुल सुप्रियो ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद एक फेसबुक पोस्ट में उन्होंने बताया कि उनसे इस्तीफा देने के लिए कहा गया था। सुप्रियो ने पीएम मोदी को मंत्रिपरिषद में जगह देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि वह खुश हैं कि उनके ऊपर भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं है।
बंगाल हार के लिए सुप्रियो को ठहराया गया जिम्मेदार!
बताया जा रहा है कि बंगाल चुनावों में बीजेपी की हार को लेकर पार्टी का एक गुट बाबुल सुप्रियो को जिम्मेदार ठहरा रहा है। केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा लिए जाने के बाद यह भी चर्चा चलने लगी कि सुप्रियो केंद्रीय नेतृत्व से नाराज हैं। इन सब अटकलों के बीच 31 जुलाई को बाबुल सुप्रियो ने फिर फेसबुक पर पोस्ट लिखकर राजनीति छोड़ने की घोषणा कर दी। उन्होंने यह भी बताया कि वह किसी और पार्टी में शामिल होने नहीं जा रहे हैं।
नहीं चली थी पहली शादी, एयर होस्टेस से किया दूसरा विवाह
पर्सनल लाइफ की बात करें तो वर्ष 1995 में बाबुल सुप्रियो सुपरस्टार शाहरुख खान के साथ एक कन्सर्ट करने टोरंटो गए थे। वहां उनकी मुलाकात रिया से हुई थी। दोनों ने बाद में शादी कर ली। अक्टूबर, 2015 में उनका तलाक हो गया। दोनों की एक बच्ची है जिसका जन्म 1996 में हुआ था। 9 अगस्त, 2016 को सुप्रियो एक बार फिर शादी के बंधन में बंधे। उन्होंने जेट एयरवेज में एयर होस्टेस रहीं रचना शर्मा से शादी रचाई। दोनों का एक बेटा है।
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