चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यक्रम में येचुरी और राजा, BJP बोली- देश के साथ विश्वासघात

नई दिल्ली पूरे होने के मौके पर भारत में चीनी दूतावास के एक वर्चुअल कार्यक्रम में देश के लेफ्ट नेताओं के शिरकत करने पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी सांसद दिलीप घोष ने लेफ्ट दलों की देश के प्रति निष्ठा पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारतीय परंपराओं और संस्कृति को खारिज करना कम्युनिस्ट पार्टियों की फितरत है। यहां तक कि चीन के साथ जंग में भी कम्युनिस्ट पार्टियां भारत के बजाय उसके साथ खड़ी थीं। क्या है पूरा मामला दरअसल, भारत में चीन के दूतावास ने सीपीसी के 100 साल पूरे होने के मौके पर एक वर्चुअल कार्यक्रम किया था। इसमें सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी और सीपीआई के महासचिव डी राजा, फॉरवर्ड ब्लॉक के जी देवराजन और डीएमके सांसद डीएनवी सेंथिलकुमार ने हिस्सा लिया। गुरुवार को चीनी दूतावास ने यह जानकारी दी। कार्यक्रम में चीनी राजदूत सुन वीडोंग ने कहा कि सीपीसी के शताब्दी समारोह के लिए 170 देशों के 600 से ज्यादा पार्टियों की तरफ से बधाई के संदेश मिले हैं। चीनी राजनयिक ने गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बारे में कहा कि चीन कई मौकों पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुका है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के रिश्ते न सिर्फ क्षेत्र बल्कि दुनिया की शांति और समृद्धि के लिए अहम हैं। डी राजा बोले- हां, हम बैठक में गए थे कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के महासचिव डी राजा ने सीपीसी के कार्यक्रम में खुद के शिरकत करने की पुष्टि की है। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, 'कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के 100 साल होने पर कार्यक्रम था। दो दिन पहले वर्चुअल मीटिंग थी जिसमें मैं और सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने हिस्सा लिया। इसमें भारत में चीन के राजदूत सुन वीडोंग, काउंसलर डु जियालिन ने हिस्सा लिया और हमने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दीं।' बीजेपी का तीखा हमला- यह देश के साथ विश्वासघात लेफ्ट नेताओं के चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यक्रम में हिस्सा लेने पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के एक सांसद ने हमारे सहयोगी टाइम्स नाउ से बातचीत में कहा कि यह देश के साथ विश्वासघात है। सांसद ने कहा, 'बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ भारत की कम्युनिस्ट पार्टियां वेबिनार के जरिए जुड़ी हैं। पहले वह यह तय करें कि वह देश के साथ हैं कि चीन के साथ? यह देश के साथ विश्वासघात है।' लेफ्ट की निष्ठा चीन के साथ, 62 की जंग में भी थे भारत के खिलाफ: दिलीप घोष बीजेपी सांसद और पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रमुख दिलीप घोष ने लेफ्ट दलों की देश के प्रति निष्ठा पर ही सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, 'उनके उत्सव में भागीदारी करना और देश की भारतीय परंपरा, संस्कृति और गौरव को अस्वीकार करना कम्यूनिस्ट पार्टी हमेशा करती आई है। जब चीन और भारत की जंग हुई तब कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा कि भारत ने चीन पर आक्रमण किया है। चीन का चेयरमैन हमारा चेयरमैन है, ऐसे बोलते थे। बाप का नाम भूलने को तैयार थे लेकिन वियतनाम को भूलने को तैयार नहीं थे ये लोग। निष्ठा इनका हमेशा बाहर (चीन के प्रति) रहा है। यही वजह है कि कम्युनिस्ट पार्टी भारत से धीरे-धीरे साफ हो रही है।' भारत ने नहीं दी चीन को बधाई पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से दोनों देशों के बीच खींचतान जारी है। इसका द्विपक्षीय रिश्तों पर भी साफ असर पड़ा है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरे होने पर दुनिया के कई देशों ने चीन को बधाई संदेश भेजे लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसे अबतक नजरअंदाज किया है। यहां तक कि उन्होंने इसी महीने वियतनाम के नए प्रधानमंत्री को बधाई के साथ-साथ भारत आने का न्योता भी दिया। पीएम मोदी ने तिब्बत के सर्वोच्च धर्मगुरु दलाई लामा को उनके जन्मदिन पर फोन करके न सिर्फ बधाई दी बल्कि ट्विटर पर भी यह बात बताई।


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