भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद ब्राजील ने कोवैक्सीन की डील रोकी, भारत बायोटेक ने कहा- सभी नियमों का हुआ पालन
नई दिल्लीब्राजील की सरकार ने कोवैक्सीन की 2 करोड़ डोज खरीदने का के साथ किया करार निलंबित कर दिया (Suspension of Deal) है। ब्राजील की सरकार ने समझौते में अनियमितताओं के आरोप लगने के बाद डील के निलंबन की घोषणा की। इधर, भारत बायोटेक ने भी कहा है कि उसे अभी ब्राजील से वैक्सीन के लिए अडवांस पेमेंट नहीं मिला है। हैदराबाद की दवा निर्माता ने कहा कि कंपनी ने करार, नियामक मंजूरियों और आपूर्तियों के लिहाज से ब्राजील में भी उन्हीं नियमों का पालन किया जिनका उसने दुनिया के अन्य देशों में कोवैक्सीन की सफल आपूर्ति के लिए किया है। वैक्सीन डील की जांच करेगा ब्राजील ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि संघ के महानियंत्रक कार्यालाय (सीजीयू) की अनुशंसा पर स्वास्थ्य मंत्रालय इस 29 जून से भारत बायोटेक से कोविड-19 टीके की खरीद के लिए हुए करार को अस्थायी तौर पर निलंबित करता है। मंत्रालय ने कहा, 'यह कदम ब्राजील में कोविड 19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान की गति को प्रभावित नहीं करेगा और सार्वजनिक प्रशासन में नियम-कायदों की अहमियत का अनुसरण करता है।' ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि वैक्सीन के लिए भारत बायोटेक के साथ हुई डील की जांच की जाएगी। भारत बायोटेक ने कहा, अभी तक अडवांस पेमेंट नहीं मिला इधर, भारत बायोटेक ने कहा कि कंपनी को कोई अग्रिम भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है न ही इसने ब्राजील को किसी टीके की आपूर्ति की है। कंपनी ने एक बयान में कहा, '29 जून 2021 तक, भारत बायोटेक को कोई अडवांस पेमेंट नहीं मिला है न ही उसने ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय को टीके की डिलिवरी की है।' इसने कहा, 'भारत बायोटेक ने करार, नियामक स्वीकृतियों और आपूर्तियों के लिहाज से उसी दृष्टिकोण का पालन किया है जो उसने दुनिया के उन देशों में भी किया जहां कोवैक्सीन की सफल आपूर्तियां की गई हैं।' भारत बायोटेक ने बताई पूरी बात प्रेसिसा मेडिकामेंटोस नाम की दवा कंपनी ब्राजील में भारत बायोटेक की साझेदार है जो नियामक प्रस्तुतियों, लाइसेंस, वितरण, बीमा, तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण आदि के आयोजन में सहयोग और मार्गदर्शन उपलब्ध करा रही है। ब्राजील के साथ कोवैक्सीन डील उस वक्त विवादों में घिर गया जब दक्षिण अमेरिकी देश के अटॉर्नी जनरल ने सौदे में जांच शुरू कर दी। सीजीयू के मंत्री वाग्नर रोसरियो ने बताया कि यह निलंबन एक एहतियाती उपाय है। उन्होंने कहा, 'हमने पिछले हफ्ते एक प्रारंभिक जांच शुरू की थी जो करार के संबंध में एक विशेष ऑडिट है। निलंबन की अवधि बस आकलन किए जाने तक रहेगी। हमने प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए प्रबल टीम को लगाया है।' सीजीयू ने कहा कि उसने कोवैक्सीन के करार में संभावित अनियमितताओं में 24 जून को जांच शुरू की थी। ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्री का बयान ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्री मार्सेलो क्विरोगा ने ट्वीट किया, 'सीजीयूऑनलाइन की अनुशंसा पर हमने कोवैक्सीन करार को अस्थायी रूप से निलंबित करने का फैसला किया है।' उन्होंने कहा, 'सीजीयू के प्रारंभिक विश्लेषण के मुताबिक, करार में कोई अनियमितता नहीं हैं लेकिन अनुपालन के कारण मंत्रालय ने और विश्लेषण के लिए करार को रोकने का फैसला किया है।' फरवरी में हुई थी डील भारत बायोटेक लिमिटेड ने 26 फरवरी को कहा था कि उसने 2021 की दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान कोवैक्सीन की दो करोड़ खुराकों की आपूर्ति के लिए ब्राजील की सरकार के साथ एक समझौता किया है। इससे पहले, ब्राजील की राष्ट्रीय स्वास्थ्य निगरानी एजेंसी-अन्विसा ने आपातकालीन प्रयोग अधिकरण के तहत कोवैक्सीन के आयात की मंजूरी देने से मना कर दिया था जब अधिकारियों ने पाया कि भारतीय संयंत्र, जहां टीका बनाया जा रहा है, वह वस्तु निर्माण प्रक्रिया (जीएमपी) की जरूरतों को पूरा नहीं करता है। 5 जून को मिली थी डील को मंजूरी अन्विसा ने 5 जून को कुछ शर्तों के साथ दक्षिण अमेरिकी देश में कोवैक्सीन के आयात के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। ब्राजील ने 4 जून को कोवैक्सीन के आपातकालीन प्रयोग की मंजूरी दी थी। भारत से बाहर की सरकारों को आपूर्ति के लिए कोवैक्सीन की कीमत 15 से 20 डॉलर प्रति खुराक तय की गई थी। ब्राजील के लिए भी कीमत 15 डॉलर प्रति खुराक ही दर्शाई गई है। भारत बायोटेक ने कहा कि उसे मंजूरी लंहित रहने और आपूर्तियों की प्रक्रिया जारी रहते हुए, कई अन्य देशों से अग्रिम भुगतान तय कीमतों से ऊपर प्राप्त हुई है। कंपनी ने उन सभी देशों, जहां उसके टीकों की आपूर्ति की गई है,सबमें इसी तरह का साझेदारी मॉडल अपनाया है क्योंकि वहां उसके अपने कार्यालय नहीं हैं।
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