जम्मू एयर फोर्स स्टेशन पर लगा एंटी ड्रोन सिस्टम, दुश्‍मन की हर हरकत पर होगी पैनी नजर

जम्‍मू जम्मू कश्मीर में भारतीय वायु सेना स्टेशन पर ड्रोन हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। भविष्‍य में ड्रोन हमले जैसी घटना दोबारा न हो इसके लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। एयरफोर्स स्‍टेशन पर क‍िसी भी हमले को रोकने के लिए अब एंटी ड्रोन सिस्टम लगाया गया है। इसके साथ ही पूरे इलाके में जैमर भी लगाए गए हैं, ताकि दुश्‍मन के क‍िसी भी दुस्‍साहस का मुंहतोड़ जवाब द‍िया जा सके। दरअसल एयर फोर्स स्टेशन सतवारी में हमले के बाद लगातार दूसरे दिन सेना के क्षेत्र में ड्रोन देखा गया था। इसके बाद सभी एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है। नाकों को बढ़ा दिया है। इसके अलावा सभी सेना क्षेत्रों में सुरक्षा को कड़ा किया गया है, ताकि आतंकियों की तरफ से कोई हमला ना किया जा सके। इसके अलावा सीमावर्ती जिले राजौरी में बुधवार को ड्रोन मशीनों के स्‍टोरेज, बिक्री, ट्रांसपोर्ट और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया। राजौरी डीएम ने ड्रोन का लेकर जारी क‍िया आदेश राजौरी के डीएम राजेश कुमार शवन की ओर से जारी आदेश के अनुसार, जिसके पास ड्रोन या ऐसी वस्तुएं हैं उन्हें स्थानीय पुलिस थाने में जमा करना होगा। आदेश में कहा गया कि मैपिंग, सर्वेक्षण और निगरानी के लिए सरकारी एजेंसियों को ड्रोन के उपयोग की अनुमति है किंतु उन्हें इसके लिए स्थानीय पुलिस थाने और कार्यकारी मजिस्ट्रेट को बताना होगा। जम्‍मू वायुसेना स्‍टेशन पर ड्रोन से ग‍िराए गए थे बम दरअसल पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों ने रविवार को जम्मू में वायु सेना स्टेशन पर ड्रोन से दो बम गिराए थे। इसमें दो कर्मी मामूली रूप से घायल हो गए थे। आदेश में कहा गया कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के अंतर्गत प्राप्त शक्तियों के तहत जिले में ड्रोन या उड़ने वाले छोटे खिलौने या ऐसी किसी भी वस्तु के भंडारण, बिक्री, रखने, उपयोग और परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। एंटी-ड्रोन टेक्‍नोलॉजी हासिल करे सेनाइससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के साथ बैठक की। सूत्रों की माने तो बैठक में सेनाओं को ड्रोन हमलों से निपटने के लिए ड्रोन-रोधी तकनीक हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा गया था। जम्मू हमले के बाद भारतीय वायु सेना ने सीमावर्ती क्षेत्रों में अपने सभी ठिकानों पर सुरक्षा बढ़ा दी है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने दो से तीन किलोमीटर के क्षेत्र में दुश्मन ड्रोनों को मार गिराने के लिए ड्रोन-रोधी प्रौद्योगिकी विकसित की है। इस दायरे को बढ़ाने पर और अनुसंधान होने की संभावना है।


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