फिर बढ़ने लगा कोरोना, जानिए स्कूलों को खोलने पर क्या है आपके राज्य का मूड
कोरोना वैक्सीनेशन के बीच देश में कोरोना की दूसरी लहर ने चिंता बढ़ा दी है। महीनों बाद अब रोजाना 50-60 हजार से ज्यादा नए केस आ रहे हैं। इसे देखते हुए स्कूलों के फिर से खुले रहने की संभावना पर आंच आ रही है।
देशभर में कोरोना की दूसरी लहर के बीच पैरेंट्स और स्टूडेंट्स के मन में यह उठ रहा है कि क्या इस बार का सेशन भी कोरोना की भेंट चढ़ जाएगा। कुछ महीने पहले कोरोना के केस काफी कम होने पर राज्यों ने एक-एक कर स्कूलों को खोलने का फैसला किया था लेकिन अब फिर उन्हें बंद करने की नौबत आ रही है। आइए देखते हैं स्कूलों को लेकर आपके राज्य का मूड क्या है?
यूपी में 4 अप्रैल तक 8वीं तक के स्कूल बंद
यूपी की बात करें तो कोरोना की दूसरी लहर के मद्देनजर सरकार ने 4 अप्रैल तक 8वीं तक के स्कूलों को फिर बंद कर दिया है। सूबे में अब फिर एक हजार के करीब नए केस आने शुरू हो गए हैं। ऐसे में 5 अप्रैल से स्कूल फिर खुलेंगे, इस पर भी शक है। हालांकि, सरकार की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। कोरोना महामारी की वजह से पिछले साल मार्च में स्कूल-कॉलेज बंद किए गए थे। यूपी में 12 फरवरी से छठी से 8वीं तक के स्कूल खुले थे और 1 मार्च से प्राइमरी तक के स्कूल भी खोल दिए गए थे। लेकिन अब 4 अप्रैल तक 8वीं तक के स्कूल फिर से बंद किए जा चुके हैं।
बिहार में स्कूल फिर बंद होंगे या नहीं, अभी साफ नहीं
बिहार में 1 मार्च से पहली से पांचवीं क्लास के स्टूडेंट्स के लिए स्कूल खोले जा चुके हैं। इससे पहले 8 फरवीर से छठी से आठवीं क्लास तक के स्कूलों को खोला गया था और 5 जनवरी से नौवीं क्लास से 12वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल खोले गए थे। दूसरी लहर के बाद अब फिर खतरा बढ़ रहा है और स्कूलों के फिर से बंद होने की आशंका बढ़ रही है। हालांकि, सरकार ने आधिकारिक तौर पर इस पर कुछ नहीं कहा है कि स्कूलों को फिर बंद किया जाएगा या नहीं।
दिल्ली में 8वीं क्लास तक के स्कूल अब भी बंद
पिछले साल मार्च में कोरोना संक्रमण के मद्देनजर बंद होने के बाद दिल्ली में 8वीं तक के स्कूल अभी तक नहीं खुले हैं। ऑनलाइन क्लास और ऑनलाइन परीक्षाएं ही हुईं। स्कूल दोबारा खोलने पर कोई फैसला होता, उससे पहले ही कोरोना की नई लहर आ गई। ऐसे में नए एजुकेशनल सेशन में भी 8वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए ऑफलाइन क्लासेज दूर की कौड़ी दिख रही है। राजधानी में 5 फरवरी से 9वीं और 11वीं कक्षाओं के लिए स्कूल खोले गए थे।
हरियाणा में स्कूल फिलहाल खुले रहेंगे
हरियाणा में फरवरी में स्कूल खोले गए। हालांकि, यहां दूसरी क्लास तक के बच्चों के लिए अभी स्कूल नहीं खोला गया है। स्कूलों के खुलने के साथ ही कुछ जगहों पर कई छात्र कोरोना संक्रमित पाए गए लेकिन सरकार ने स्कूलों को बंद करने का फैसला नहीं किया। अब कोरोना की दूसरी लहर से फिर स्कूलों के बंद होने की अटकलें लगने लगी हैं। हालांकि, सरकार की तरफ से अभी इस पर कुछ नहीं कहा गया है।
मध्य प्रदेश में 1 अप्रैल से खुल रहे 1 से 8वीं तक के स्कूल
एक तरफ कोरोना फिर से सिर उठा रहा है दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में 1 अप्रैल से 1 से 8वीं तक के स्कूल खुल रहे हैं। स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि 1 अप्रैल से कक्षा एक से आठवीं तक के क्लास खुलेंगे। अभी प्रदेश में कक्षा एक से नीचे के स्कूल नहीं खुलेंगे। यानी कि नर्सरी, केजी-1 और केजी-2 के बच्चों को अभी और इंतजार करना होगा। स्कूल संचालकों को अभी कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा।
राजस्थान में 5वीं तक के स्कूल नहीं खुले
राजस्थान में 5वीं तक के स्कूल अभी तक नहीं खुले हैं। सरकार ने 5वीं तक के बच्चों को बिना परीक्षा के ही अगली क्लास में प्रमोट करने का फैसला किया है। सूबे में फरवरी में ही कक्षा 6 से 8वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल खोले जा चुके हैं। एक बार फिर तेजी से कोरोना केस बढ़ने के बाद अब फिर से इन स्कूलों के बंद होने की आशंका बढ़ने लगी है।
बोर्ड एग्जाम पर अलग ही टेंशन
सीबीएसई के साथ-साथ ज्यादातर राज्यों के बोर्ड ने अप्रैल से लेकर जून के बीच बोर्ड परीक्षाएं लेने के ऐलान कर रखा है। सीबीएसई की परीक्षाएं 4 मई से शुरू होकर 14 जून तक चलनी है। लेकिन जिस तरह से कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक हो रही है, उससे बोर्ड परीक्षाओं पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। खासकर महाराष्ट्र जैसे राज्य में जहां कोरोना अब तक के सभी रेकॉर्ड तोड़ रहा है, वहां बोर्ड एग्जाम कैसे होंगे, इसको लेकर चिंता बढ़ गई है। पिछले साल कोरोना की वजह से सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं प्रभावित हुई थीं।
बोर्ड एग्जाम के लिए सरकार को उठाना चाहिए बड़ा कदम
अप्रैल से जून के बीच देशभर में लाखों स्टूडेंट बोर्ड एग्जाम देंगे। जिस तरह से कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए उन स्टूडेंट्स के संक्रमित होने का खतरा भी बढ़ जाएगा। बोर्ड एग्जाम्स को टालना कभी भी समझदारी भरा फैसला नहीं हो सकता। लिहाजा सरकार को चाहिए कि वह बोर्ड परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स और परीक्षा ड्यूटी में लगने वाले स्टाफ का पहले ही कोरोना वैक्सीनेशन कराए। ठीक वैसे ही, जैसे चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल, असम समेत 5 राज्यों के चुनाव के दौरान चुनाव ड्यूटी में तैनात सभी लोगों की वोटिंग से पहले ही अनिवार्य कोरोना वैक्सीनेशन कराया है।
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