चलती गाड़ी में कटेगा टोल, खूबसूरत पार्कों का नजारा...जानें मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेसवे क्यों खास
राशिद जहीर, मेरठ प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रॉजेक्ट के नाम से जाने जाने वाला यह मेरठ दिल्ली एक्सप्रेसवे मंगलवार को आम लोगों के लिए खोल दिया गया। मेरठ की दिल्ली तक की 85 किलोमीटर की उबाऊ जाम से भारी यात्रा से अब निजात मिल चुकी है। दिल्ली निजामुदीन के सराय काले खां से मेरठ परतापुर तक के इस एक्सप्रेवे तक के इस प्रॉजेक्ट पर मंथन 2008 में शुरू हुआ था। 2014 में भाजपा की सरकार आने पर इसकी कवायद शुरू की गई। नींव 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी। इस एक्सप्रेसवे का काम 2019 मे ही पूरा होना था लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते इसमें विलम्ब हुआ। 8346 करोड़ का यह एक्सप्रेसवे अब पूरी तरह से तैयार हो गया है। यहां से हर रोज लगभग 50,000 से 1 लाख वाहन गुजरेंगे। 45 मिनट में पहुंचेंगे मेरठ से दिल्ली 8346 करोड़ रुपए की लागत से तैयार इस एक्सप्रेस वे ने दिल्ली से मेरठ की दूरी घटकर सिर्फ 45 किलोमीटर की कर दी है जो सिर्फ 45 मिनट में पूरी होगी। दिल्ली से गाजियाबाद और गाजियाबाद से डासना और फिर पिलखुवा को जोड़ते हुए मेरठ परतापुर का सफर जल्दी तय होगा। टोल की दरें अभी तय नहीं एक्सप्रेसवे के टोल की दरें अभी तय नहीं हैं, जिससे अभी वाहन बिना टोल के गुज़र रहे हैं। हालांकि टोल वसूलने के लिए ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर सिस्टम इस्तेमाल के लिए सीसीटीवी लगा दिए हैं, दरें निर्धारित होते ही टोल ऑटोमेटिकली कट जाएगा। जानें क्या है खास एक्सप्रेसवे पर 90 अंडर पास, 38 फ्लाईओवर, आरओबी, 8 एफओबी, 4874 लाइट लगने के साथ 197 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली से गाज़ियाबाद तक 8.7 किलोमीटर है, जबकि दिल्ली के करीब गाजियाबाद से 42 किलोमीटर तक आता है। दिल्ली एक्सप्रेसवे हाईवे में पांच फ्लाईओवर पड़ेंगे। जबकि चार अंडर पास भी हैं। 4 फुटओवर ब्रिज भी इस एक्सप्रेस वे में लगाए गए हैं। सिग्नल फ्री पूरा एक्सप्रेसवे सिग्नल से फ्री है। सुंदरता बढ़ाने के लिए एक्सप्रेसवे पर कुतुब मीनार और अशोक स्तंभ जैसे चिन्ह भी लगाए गए हैं। हाईवे के दोनों तरफ गार्डन को विकसित किया गया है। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे पर जो लाइटें लगी है वह पूरी तरह से सोलर सिस्टम वाली हैं। साइकल ट्रैक भी एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ ढाई मीटर का साइकिल ट्रैक भी बनाया गया है। स्पीड चेक करने के लिए हर आठ-दस किलोमीटर पर बड़े-बड़े स्क्रीन लगाए गए हैं, जिससे वाहनों की स्पीड का पता चल जाएगा। डासना से उतरने चढ़ने के लिए पांच लेन बनाए गए हैं जिससे भविष्य में जाम ना लगे। चलती गाड़ी में कटेगा टोल देश का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे है जिसमें गाड़ी से चलते हुए टोल कट जाएगा। मेरठ-दिल्ली हाईवे डासना तक जो जिला गाजियाबाद में पड़ता है वहां तक 14 लाइन का है। जबकि डासना से मेरठ तक यह छह लाइन का हो जाएगा।
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