पूर्व न्यायाधीश काटजू के खिलाफ याचिका, अटार्नी जनरल बोले- मैं उनसे 16 सालों से संपर्क में हूं...ये कहते हुए सुनवाई से खुद को किया अलग

नयी दिल्ली अटार्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट के () मामले से खुद को अलग कर लिया है। काटजू ने शीर्ष न्यायालय के खिलाफ टिप्पणियां की थीं। इसको लेकर उन पर आपराधिक मानहानि कार्यवाही शुरू करने के लिए दायर याचिका की सुनवाई से अटार्नी जनरल ने खुद को पीछे कर लिया। काटजू ने भगोड़ा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले में ब्रिटेन की एक अदालत में गवाही के दौरान यह टिप्पणी की थी। वेणुगोपाल ने खुद को किया अलग वेणुगोपाल ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव को अपने जवाब में कहा, ‘मुझे यह बताना होगा कि मैं न्यायमूर्ति काटजू को पिछले करीब 16 वर्षों से जानता हूं और हम तब से एक दूसरे से संपर्क में रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए यह उपयुक्त नहीं होगा कि मैं इस विषय से निपटूं।’ उन्होंने कहा कि अदालत की मानहानि अधिनियम,1971 की धारा 15 (3) के मुताबिक अटार्नी जनरल या सॉलिसीटर जनरल आपराधिक मानहानि कार्यवाही के लिए स्वीकृति दे सकते हैं, बशर्ते कि इसके लिए उपयुक्त मामला बनता हो। याचिकाकर्ता को दिया जवाब वेणुगोपाल ने एक मार्च को लिखे अपने एक पन्ने के पत्र में श्रीवास्तव से कहा, ‘यदि ऐसी सलाह दी गई है, तो आप स्वीकृति के लिए अपनी अर्जी सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता को दे सकते हैं।’श्रीवास्तव ने कहा है कि ब्रिटेन की अदालत ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) काटजू की कथित मानहानिकारक टिप्पणी साक्ष्य के तौर पर नीरव के पक्ष में दर्ज की है। नीरव मोदी, करोड़ों रूपये के पीएनबी घोटाले को लेकर भारत में वांछित है।


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