कांग्रेस के बलिदान पर टिकी UPA की तकदीर, दोस्त ही छोड़ रहे साथ... इशारों में किसे सुना गए राउत

औरंगाबाद ने रविवार को कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) को पुनर्गठित करने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा नए गठबंधन का नेतृत्व शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता को करना चाहिए क्योंकि कई क्षेत्रीय पार्टियां कांग्रेस के नेतृत्व में काम करने को राजी नहीं है। राउत ने यह भी जोड़ा कि नया गठबंधन बिना कांग्रेस की उदारता के संभव नहीं है। राउत ने कहा कि इस गठबंधन का भविष्य कांग्रेस के बलिदान और उदारता पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि देश में अब कोई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) नहीं है क्योंकि उसके सहयोगी अलग हो गए हैं। राउत ने कहा कि इसी प्रकार यूपीए का कोई अस्तित्व नहीं दिख रहा क्योंकि इसमें बहुत कम पार्टियां रह गई हैं। 'यूपीए के साथ बहुत कम साथी'औरंगाबाद में एक पूर्व पार्षद द्वारा आयोजित ‘जयभीम महोत्सव’ में राउत ने कहा, 'एनडीए के सहयोगी अलग हो चुके हैं और अब ऐसा कोई गठबंधन नहीं है। उसी तरह यूपीए के साथ बहुत कम पार्टियां हैं। कई क्षेत्रीय पार्टियां यूपीए में कांग्रेस के नेतृत्व में काम करने को तैयार नहीं हैं। इसलिए वर्तमान सरकार के विरुद्ध एक समूह खड़ा करने के लिए यूपीए को फिर से गठित करने की जरूरत है।' 'नए गठबंधन के लिए कांग्रेस का बलिदान जरूरी' शिवसेना नेता ने कहा, 'ऐसे नए गठबंधन का नेतृत्व शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता को करना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो भविष्य में और पार्टियां गठबंधन में शामिल हो सकती हैं। लेकिन कांग्रेस की सहमति के बिना यह संभव नहीं है। नए गठबंधन का भविष्य कांग्रेस के बलिदान और उदारता पर निर्भर करेगा।'


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