Budget 2021: खेती-किसानी के लिए क्या निकलेगा सीतारमण के पिटारे से, इस पर टिकी होंगी नजरें
नई दिल्ली (Finance Minister ) आज साल 2021-22 का बजट पेश करेंगी। इस बजट में खासकर खेती-किसानी को लेकर सरकार कई बड़ी घोषणाएं कर सकती है। तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। इस कारण सरकार की भी किरकिरी हो रही है। यही वजह है कि किसानों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए सरकार इस मौके को भुना सकती है। ऐसे में इस आंदोलन का असर इस बार के बजट पर भी दिख सकता है। माना जा रहा है कि कृषि कानून की वजह से नाराज चल रहे किसानों और कृषि सेक्टर के लिए केंद्र सरकार कुछ बड़े ऐलान कर सकती है। 10.15 पर कैबिनेट की बैठक की वजह से सरकार लगातार बैकफुट पर है। हालांकि गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा के बाद आंदोलनकारी किसानों के प्रति लोगों के बीच सहानुभूति कम हुई है। इन सबके बावजूद किसानों का आंदोलन जारी है। किसान संगठन कानून वापस लेने से आलावा कुछ भी मानने को तैयार नहीं। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार इस बार के बजट में कृषि सेक्टर के लिए बड़े ऐलान कर सकती है। सोमवार को बजट पेश करने से पहले मोदी कैबिनेट की बैठक संसद परिसर में सुबह 10 बजकर 15 मिनट बजे होगी। 'मन की बात' में पीएम मोदी ने कृषि क्षेत्र का किया जिक्र पीएम मोदी ने बजट से एक दिन पहले रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में भी कृषि क्षेत्र का विशेष रूप से जिक्र किया। उन्होंने कहा, ' खेती को आधुनिक बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और अनेक कदम उठा भी रही है। सरकार के प्रयास आगे भी जारी रहेंगे।' किसानों आंदोलन और बजट से एक दिन पहले प्रधानमंत्री के इस बयान के काफी मायने निकाले जा रहे हैं। केंद्र सरकार हमेशा से यह दावा करती रही है कि गांव, गरीब और किसानों की तरक्की उसकी प्राथमिकता है। इसलिए जिस तरह की परिस्थितियां बन रही हैं, उसे देखकर माना जा रहा है कि मोदी सरकार इस बार के बजटे में कृषि क्षेत्र के लिए बड़े ऐलान कर सकती है। इकनॉमिक रिव्यू 2020-21 में, चालू वित्त वर्ष में इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर में जहां क्रमश: 9.6 फीसदी और 8.8 फीसदी की गिरावट का अनुमान है, वहीं कृषि और इससे जुड़े सेक्टर्स की ग्रोथ रेट 3.4 फीसदी पर बरकरार रह सकती है। इस बार बढ़ सकता है कृषि सेक्टर का बजट पीएम मोदी लगातार किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने की बात करते रहे हैं। केंद्र सरकार किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना समेत कई कार्यक्रम किसानों के लिए सरकार पहले से चला रही है। पिछले बजट में कृषि और इससे जुड़े सेक्टर्स की 16 योजनाओं के लिए सरकार ने 2.83 लाख करोड़ के बजट का ऐलान किया था। इन सभी योजनाओं का बजट बढ़ाए जाने का अनुमान एक्सपर्ट्स जता रहे हैं। पूरे कृषि सेक्टर का बजटीय आवंटन इस वजह से बढ़ने की उम्मीद है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया, 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) समेत कृषि क्षेत्र की तमाम योजनाओं के प्रति किसानों की जागरूकता लगातार बढ़ती जा रही है और इन योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर पर दिखने लगा है। पीएम-किसान का सालाना बजट 75,000 करोड़ रुपये है। यह सरकार की महत्वकांक्षी योजना है, इसके बजट में कटौती नहीं होगी।' हालांकि इसके बजट में इजाफा होने के संबंध में उन्होंने कुछ नहीं बताया। कृषि क्षेत्र की कई योजनाओं का बढ़ सकता है बजट अधिकारी का कहना है कि कृषि से जुड़ी तमाम योजनाएं केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल हैं। पीएम-किसान योजना से देशभर में 11.52 करोड़ किसान जुड़ चुके हैं। इसलिए, इसके बजटीय आवंटन में वृद्धि की उम्मीद की जा सकती है। इस योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी किसान परिवार को आर्थिक सहायता के तौर पर तीन समान किस्तों में सालाना 6,000 रुपये मिलता है। फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र पर भी सरकार करेगी फोकस! इस बजट में किसानों को कम ब्याज दरों पर शॉर्ट टर्म कृषि लोन मुहैया कराने वाली स्कीम पर भी सरकार का फोकस रहने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना समेत कृषि क्षेत्र की अन्य योजनाओं को इस बजट में भी सरकार तवज्जो दे सकती है। कृषि अर्थशास्त्री का कहना है कि कि कृषि के साथ-साथ खाद्य प्रसंस्करण (फूड प्रोसेसिंग) उद्योग की योजनाओं को भी आगामी बजट में सरकार प्रमुखता देगी। (IANS से इनपुट सहित)
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