भीषण ठंड में दिल्ली बॉर्डर पर बैठे किसानों ने कैसे किया नए साल का स्वागत? तस्वीरें देखिए

कड़ाके की ठंड में कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसान भी नए साल के जश्न में शरीक हुए। इन किसानों ने 3 से 4 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान में खुली सड़क के नीचे देशभक्ति फिल्मों को देखते हुए नए साल का स्वागत किया। इस दौरान कुछ युवा किसान भांगड़ा करते भी नजर आए। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने धरने के दौरान शहीद हुए अपने किसान साथियों को श्रद्धांजलि भी दी। बता दें कि पिछले एक महीने से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डरों पर डेरा जमाए हुए हैं।

Happy New Year 2021: कड़ाके की ठंड में कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसान भी नए साल के जश्न में शरीक हुए। इन किसानों ने 3 से 4 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान में खुली सड़क के नीचे देशभक्ति फिल्मों को देखते हुए नए साल का स्वागत किया।


भीषण ठंड में दिल्ली बॉर्डर पर बैठे किसानों ने कैसे किया नए साल का स्वागत? तस्वीरों में देखिए

कड़ाके की ठंड में कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसान भी नए साल के जश्न में शरीक हुए। इन किसानों ने 3 से 4 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान में खुली सड़क के नीचे देशभक्ति फिल्मों को देखते हुए नए साल का स्वागत किया। इस दौरान कुछ युवा किसान भांगड़ा करते भी नजर आए। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने धरने के दौरान शहीद हुए अपने किसान साथियों को श्रद्धांजलि भी दी। बता दें कि पिछले एक महीने से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डरों पर डेरा जमाए हुए हैं।



भीषण ठंड में खुले आसमान के नीचे नए साल का स्वागत
भीषण ठंड में खुले आसमान के नीचे नए साल का स्वागत

किसानों ने सड़क पर खुले आसमान के नीचे ही अपना मिनी थिएटर लगाया हुआ है। जहां रात के समय अक्सर देशभक्ति फिल्मों का प्रदर्शन किया जाता है। बड़ी संख्या में किसान अलाव तापते हुए फिल्म देखते हैं। दिन में यहां कई तरह के आयोजन किए जाते हैं। एक जनवरी की सुबह भी किसानों की तरफ से नए साल को मनाने के लिए खास तैयारियां की गई हैं।



किसानों ने धरने के दौरान शहीद हुए साथियों को दी श्रद्धांजलि
किसानों ने धरने के दौरान शहीद हुए साथियों को दी श्रद्धांजलि

गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने धरने के दौरान शहीद हुए अपने साथियों को मोमबत्ती और टॉर्च जलाकर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान किसानों ने सरकार के सामने अपनी मांगों को और मजबूती से रखने का संकल्प भी लिया। कई किसान संगठन हाल में ही बनाए गए तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े हुए हैं।



कृषि कानूनों को रद्द कराने और एमएसपी पर गतिरोध जारी
कृषि कानूनों को रद्द कराने और एमएसपी पर गतिरोध जारी

बुधवार को किसान संगठनों की सरकार के साथ हुई बातचीत में पराली जलाने और बिजली बिल वाले कानून पर सहमति बन गई। सरकार ने इन दोनों कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया, जबकि एमएसपी और कानूनों को रद्द करने पर गतिरोध बना हुआ है। सरकार एमएसपी पर किसानों के साथ मिलकर एक कमेटी बनाने की वकालत कर रही है। जबकि, किसान संगठन इसे कानूनी रूप दिए जाने की मांग कर रहे हैं।



क्यों प्रदर्शन कर रहे किसान?
क्यों प्रदर्शन कर रहे किसान?

कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन में ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा के हैं। सरकार ने कहा है कि इन कानूनों से कृषि क्षेत्र में सुधार होगा और किसानों की आमदनी बढ़ेगी लेकिन प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को आशंका है कि नए कानूनों से एमएसपी और मंडी की व्यवस्था कमजोर होगी तथा किसान बड़े कारोबारी घरानों पर आश्रित हो जाएंगे।





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