चीन को भारत की दो टूक- 'LAC पर बदलाव का कोई भी एकतरफा प्रयास नामंजूर'
नई दिल्ली भारत और चीन के बीच लंबे वक्त से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव (Idia China LAC Dispute) है। पांच महीने बाद भी पूर्वी लद्दाख (LAC tension in Ladakh) में सीमा पर गतिरोध बरकरार है। इन सबके बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने चीन को दो टूक शब्दों में नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि एलएसी पर बदलाव का कोई भी एकतरफा प्रयास () भारत को नामंजूर है। 'संबंध सामान्य करने के लिए समझौतों का हो सम्मान' भारत-चीन सीमा विवाद के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति में परिवर्तन का कोई भी एकतरफा प्रयास अस्वीकार्य है। संबंधों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए दोनों देशों के बीच के समझौतों का पूरी समग्रता के साथ निष्ठापूर्वक सम्मान किया जाना चाहिए। 'महामारी के बीच तनावपूर्ण हुए भारत-चीन संबंध' विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि सीमा क्षेत्रों में शांतिपूर्ण माहौल ने भारत और चीन के बीच अन्य क्षेत्रों में समन्वय के विस्तार के लिए आधार उपलब्ध कराया। वहीं महामारी सामने आने के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। विदेश मंत्री सरदार पटेल स्मारक व्याख्यान दे रहे थे, जिसका आकाशवाणी से प्रसारण किया गया। विदेश मंत्री ने कहा कि उन धारणाओं में परिवर्तन से संबंध अप्रभावित नहीं रह सकते जो इसे रेखांकित करती हैं। पढ़ें: भारत-चीन के बीच 5 महीने से लद्दाख में गतिरोध उन्होंने कहा कि तीन दशकों तक हमारे संबंध स्थिर रहे क्योंकि दोनों देशों ने नई परिस्थितियों और विरासत में मिली चुनौतियों का समाधान किया। भारत और चीन के बीच पिछले पांच महीने से भी ज्यादा समय से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध बना हुआ है, जिससे संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। दोनों पक्षों के बीच राजनयिक और सैन्य स्तर पर कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन गतिरोध पूरी तरह समाप्त नहीं हो सका है। पढ़ें: विदेश सचिव ने कहा था- सबसे खराब संकट से दृढ़ता से निपटे इससे पहले गुरुवार को विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने भी भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर बयान दिया था। पेरिस में विदेश सचिव ने कहा कि भारत कोरोना वायरस महामारी के बावजूद, चीन के साथ अपनी सीमा पर दशकों के 'सबसे खराब संकट' से पूरी दृढ़ता और परिपक्वता' के साथ निपटा है। विदेश सचिव ने कहा, 'हमारी त्वरित चुनौतियों ने हमें सीमा संबंधी रणनीतिक लक्ष्यों से विचलित नहीं किया है, विशेषकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में, जहां हम उद्देश्य के साथ खुले और समावेशी ढांचे के लिए विभिन्न चरणों में आगे बढ़ रहे हैं।' 15 जून को लद्दाख के गलवान घाटी में खूनी संघर्ष पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून को भारत-चीन के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे। वहीं अपुष्ट खबरों में चीन के 40 जवानों के मारे जाने की बात सामने आई थी। सितंबर में चीन ने भारत के साथ बैठक में पहली बार बताया था कि गलवान घाटी में उसके 5 सैनिक मारे गए थे। इसमें चीनी सेना का एक कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल था। इससे पहले चीन ने केवल एक सैनिक के मरने की बात मानी थी। चीन भले ही 5 सैनिकों के ही मारे जाने की बात मान रहा हो लेकिन अमेरिकी और भारतीय खुफिया एजेंसियों का अनुमान है कि कम से कम 40 चीनी सैनिक इस हिंसक झड़प में मारे गए थे। पूर्वी लद्दाख के देपसांग, पैंगोंग झील के नॉर्थ और साउथ बैंक, पेट्रोलिंग पॉइंट 17A, रेजांग ला और रेचिन ला में दोनों ही सेनाएं आमने-सामने हैं।
from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi https://ift.tt/3egyauZ
Comments
Post a Comment