फ्रांस में आतंकी हमलों पर विदेश सचिव बोले, किसी एक का किया-धरा नहीं, चरमपंथ का पूरा जाल है

नई दिल्‍ली अपने फ्रांस दौरे पर ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में देरी न करने को कहा है। उन्‍होंने नीस और पेरिस में हुए आतंकी हमलों को भयावह करार देते हुए कहा कि भारत फ्रांस के साथ खड़ा है। श्रृंगला ने कहा कि यह जताना कि ये किसी एक का किया-धरा है या भटकाए हुए किसी व्‍यक्ति की कारस्‍तानी है, संभव नहीं है। उन्‍होंने कहा कि "चरमपं‍थ का एक पूरा तंत्र है, उसके कुछ ऑनलाइन स्‍वरूप भी हैं जो अपना असर दिखाते हैं। कई देश और संस्‍थाएं उनका समर्थन करती हैं। आप जानते हैं क‍ि वो कौन हैं। हम उन्‍हें नजरअंदाज नहीं कर सकते और हमें करना भी नहीं चाहिए।" श्रृंगला ने कहा कि आतंकवाद और उसे बढ़ावा देना वाला चरमपंथ, दोनों मिलकर सेंसरशिप के सबसे खतरनाक रूप हैं। अपने फ्रांस दौरे पर विदेश सचिव ने शिक्षाविदों से लेकर मीडिया और थिंक टैंक्‍स से बातचीत की है। उन्‍होंने जोर दिया कि आतंकवाद को देशों और संस्‍थाओं का समर्थन मिलने से लोकतांत्रिक स्‍वतंत्रताओं और साझा आदर्शों को खतरा है। 'तीन दशकों में दुनिया ने देखा कट्टरपंथ का कहर'विदेश सचिव ने कहा कि 'कट्टरपंथी विचारधारा हिंसा और अलगाववाद को बढ़ावा देती है, जो अक्सर विदेशी प्रभाव से संचालित और समर्थित होती है।' उन्होंने कहा कि ऐसी ताकतें बहुलतावादी समाजों को अस्थिर करती हैं। श्रृंगला के मुताबिक, "पिछले तीन दशकों से, हमने अनुभव किया है कि बेलगाम कट्टरपंथी किस तरह से कहर बरपा सकते हैं। सभ्य दुनिया को इस पर एक साथ काम करने और दृढ़ता के साथ इससे निपटने की जरूरत है।" तीन देशों के दौरे का पहला पड़ाव है फ्रांसश्रृंगला ने शुक्रवार को फ्रांस की अंतरराष्ट्रीय संबंध और रणनीति महानिदेशक (DGRIS) एलिस गुइटन के साथ मीटिंग की थी। इसमें दोनों के बीच भारत-प्रशांत क्षेत्र एवं समुद्री सुरक्षा, रक्षा साझेदारी और क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग पर चर्चा हुई। श्रृंगला अपने सप्ताह भर के तीन देशों के यूरोप दौरे के पहले चरण में फ्रांस में हैं। फ्रांस से वह जर्मनी और ब्रिटेन की यात्रा करेंगे। श्रृंगला ने शुक्रवार को यूरोप और विदेश मामलों के फ्रांसीसी मंत्रालय के महासचिव फ्रेंकोइस डेलाट्रे के साथ भी मुलाकात की। भारत और फ्रांस में बढ़ती नजदीकियांविदेश सचिव ने भारत और फ्रांस की दोस्‍ती को भी बेहद तवज्‍जो दी। एक सूत्र के अनुसार, 'आतंकवाद से लेकर ग्‍लोबल वार्मिंग तक, मैरिटाइम सिक्‍योरिटी से लेकर सतत विकास तक, अंतरराष्‍ट्रीय संस्‍थानों से लेकर तकनीक और नवीनीकरण के क्षेत्र में, हम एक ही पाले में खड़े हैं।' सूत्र ने कहा, "कोविड और अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यवस्‍था पर दबाव के चलते यह साल चुनौतियों से भरा रहा है। बहुलतावाद में सुधार और अपग्रेडेशन की जरूरत है, लेकिन उससे हुए फायदों को भी उठाना चाहिए। बहुलतावादी रुझान वाले, भारत और फ्रांस को मिलकर जिम्‍मेदारियां उठानी होंगी। खासतौर से UNSC (संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद) में जहां हम साथ काम करेंगे।"


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