भोपाल में मुसलमानों की रैली पर बोले बाबा रामदेव- बार-बार एक ही संप्रदाय के लोग आग क्यों लगाने लगते हैं?

नई दिल्ली भोपाल के इकबाल मैदान में मुसलमानों की रैली से देश का बड़ा वर्ग आक्रोशित है। लोगों सवाल पूछ रहे हैं कि जब भारत ने फ्रांस का खुलकर समर्थन किया है तो एक संप्रदाय उसका विरोध कर क्या संदेश देना चाहता है? इस बीच योग गुरु ने भी फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ भारत में एक समुदाय के प्रदर्शन को काफी दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। एक प्राइवेट न्यूज चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे जलसे और जुलूस की अनुमति नहीं देनी चाहिए। 'बार-बार एक ही संप्रदाय आग क्यों लगाता है' बाबा रामदेव ने देश के मुसलमानों के रवैये पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, 'बार-बार एक ही संप्रदाय के लोग आकर क्यों आग लगाने लग जाते हैं? फिर हिंदू भी सोचेंगे कि आग ही लगाओ। आप अपनी मान्यता पर विश्वास रखो, लेकिन पूरी दुनिया पर तो नहीं थोप सकते। स्वयं के प्रति दृढता रखो और दूसरों के प्रति उदारता रखो। स्वधर्म निष्ठा, परधर्म सहिष्णुता रखो।' रामदेव ने कहा कि ध्रुवीकरण की घृणित राजनीति खत्म होनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'ये जो पोलराइजेशन की पॉलिटिक्स है, ये जो पोलराइजेशन के नाम पर मजहबी जमात इकट्ठा की जाती है, यह बंद होना चाहिए। यह ध्रुवीकरण का पूरा का पूरा घृणित अजेंडा है। इस पर लगाम लगाना होगा।' 'मजहबी उन्माद के कारण होते हैं युद्ध' रामदेव ने न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि इसी तरह के मजहबी उन्मादों के कारण ही दुनिया में युद्ध हुए हैं। उन्होंने कहा, 'आज तक दुनिया में जितने भी युद्ध हुए हैं, उनमें सबसे बड़ा कारण मजहबी उन्माद है, मजहबी फसाद है।' उन्होंने सवाल किया कि क्या पैगंबर मोहम्मद ने, 'क्या ईसा मसीह ने, क्या गुरुनानक देव जी ने, क्या भगवान महावीर ने, क्या बुद्ध ने, क्या भगवान राम, कृष्ण, शिव ने, किसी भी महापुरुष ने किसी मजहबी कट्टरता की बात की। कभी नहीं की।' उन्होंने आगे कहा, 'सभी ने एक बात कही है- सभी मनुष्य एकसमान हैं। हिंसा तो बहुत दूर की बात है, ये तो कहते हैं कि कभी किसी का दिल तक मत दुखाओ। तो क्या तमाशा चल रहा है? किस बात का प्रदर्शन हो रहा है?' योग गुरु ने कहा कि इंसान की गर्दन काट दी जाती है, कत्ल कर दिए जाते हैं, इस बात के लिए कि हमारे किसी पुरखे का कार्टून क्यों बना दिया? उन्होंने सवाल किया, 'इतनी असहिष्णुता क्यों?' रामदेव ने कहा, 'मजहब के नाम पर खून-खराबा करना, लोगों की गर्दनें काटना, लोगों का कत्लेआम करना, यह धर्म नहीं, यह अधर्म है, यह पाप है, यह सरासर अपराध है। यह दुनिया को युद्ध की तरफ धकेलने वाला है।' 'पूरी दुनिया में फैलाई जा रही है विनाशकारी सोच' उन्होंने कहा कि एक बहुत बड़ी डिस्ट्रैक्टिव सोच पूरी दुनिया में फैलाई जा रही है। दुनिया में सबसे खतरनाक काम यह है कि कुछ लोग कहते हैं कि इस्लाम कबूल करनो वरना कत्ल कर देंगे। कुछ लोग कहते हैं कि इसाइयत कबूल कर लो, वरना जन्नत में नहीं जाओगे। फिर कुछ लोग कहते हैं कि हिंदू धर्म कबूल कर लो नहीं तो मोक्ष नहीं मिलेगी, उद्धार नहीं होगा। फिर ऐसे ही दूसरे-तीसरे और आ जाते हैं। रामदेव ने कहा, 'जब तक लोग अपने धर्म को श्रेष्ठ कहेंगे और दूसरों को जब तक निकृष्ट कहते रहेंगे तब तक दुनिया में आग लगती रहेगी। दूसरे धर्म को निकृष्ट बताना और अपने धर्म में कन्वर्ट करवाना और जो धर्म परिवर्तन नहीं करे, उसका कत्ल कर देना, यह दुनियाभर से खत्म होना चाहिए।' 'ध्रुवीकरण के लिए जुटाई जाती है उन्मादियों की भीड़' योग गुरु ने कहा कि इस तरह की उन्मादी भीड़ जुटाने का असली मकसद अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकनी है। उन्होंने कहा, 'इसका एक ही मूल मुद्दा है- पोलराइज करो लोगों को, मदद के नाम पर लोगों को इकट्ठा करो। कुछ लोग अपने राजनीतिक फायदे के लिए, मजहबी फायदे के लिए लोगों को लामबंद करके अपनी सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं।' उन्होंने सुझाव दिया, 'ये बात करो ना कि कैसे अच्छा जीवन जीएं, वो किस तरह आगे बढ़े लाइफ में, वो कैसे प्रोग्रेसिव हो। वो अपने जीवन में धन अर्जित करे औरों को भी सुख दे और किसी को नुकसान नहीं पहुंचाए।'


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