राजनाथ सिंह ने कुछ कहा, अमेरिका ने कुछ और समझा, 2+2 मीटिंग में हो गई कन्फ्यूजन
नई दिल्ली रक्षा मंत्री के संबोधन को समझने में चूक के चलते अमेरिकी विदेश मंत्रालय को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। हाल ही में हुई 2+2 वार्ता की शुरुआती ट्रांस्क्रिप्ट में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कोट किया कि सिंह ने 'उत्तरी सीमाओं' का जिक्र किया था। ट्रांस्क्रिप्ट के अनुसार, सिंह ने कहा, "रक्षा क्षेत्र में हम अपनी उत्तरी सीमाओं पर बेवजह आक्रामकता की चुनौती से जूझ रहे हैं।" हालांकि भारत की ओर से किसी मंत्री ने चीन का नाम नहीं लिया था। वीडियो में राजनाथ सिंह ऐसा कुछ कहते नजर नहीं आ रहे। उन्होंने केवल इतना कहा, "आज के समय में जो चुनौतियां हम फेस कर रहे हैं, उनकी वजह से हमारी पार्टनरशिप और महत्वपूर्ण हो जाती है।" पर्दे के पीछे जब विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने अमेरिकी अधिकारियों को इस बारे में बताया तो उन्हें सुधार करना पड़ा। उन्होंने भारत की ओर से मुहैया कराए गए इंटरप्रेटर पर ठीकरा फोड़ दिया जो राजनाथ की हिंदी का अंग्रेजी में अनुवाद कर रहे थे। विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय ने गेंद अमेरिका के पाले में डाल दी। अमेरिकी विदेश मंत्रालय को सफाई देने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, "2+2 वार्ता की मूल अमेरिकन ट्रांस्क्रिप्ट भारतीय सरकार के इंटरप्रेटर की ऑडियो रिकॉर्डिंग सुनकर तैयार की गई थी।" अमेरिकी मंत्रालयों को बदलनी पड़ी ट्रांस्क्रिप्टऐसा लगता है कि राजनाथ सिंह ने तैयार भाषण से अलग वक्तव्य दिया। इंटरप्रेटर इसे पकड़ नहीं सका और उसने अपने हिसाब से बदलाव कर दिया। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के साथ-साथ उनके रक्षा मंत्रालय को भी ट्रांस्क्रिप्ट में सफाई जोड़नी पड़ी। अंतिम ट्रांस्क्रिप्ट में कहा गया, "महानुभावों, रक्षा क्षेत्र में हम हमारी उत्तरी सीमाओं पर लापरवाह आक्रामकता की चुनौती का सामना कर रहे हैं - (सुनाई नहीं दिया)।* (जैसा भारत सरकार के अंग्रेजी भाषा इंटरप्रेटर ने कहा)" विदेश मंत्रालय ने इस पूरे विवाद से किनारा कर लिया है।
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