बाबरी के फैसले पर बोले इकबाल अंसारी- अब चैन से जी पाएंगे बुजुर्ग आरोपी

अयोध्या बाबरी मस्जिद विवाद पर सीबीआई की स्पेशल कोर्ट का फैसला आ गया। कोर्ट ने सभ आरोपियों को 28 साल बाद सभी आरोपों से बरी कर दिया है। यह फैसला आने का बाद बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार ने कहा है कि अब बुजुर्ग आरोपी चैन से जी सकेंगे। उन्होंने कोर्ट के फैसले का सम्मान करने को कहा है। इकबाल अंसारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को फैसला मंदिर के पक्ष में सुनाया उसका सभी ने सम्मान किया। क्योंकि कोर्ट साक्ष्यों व तथ्यों पर फैसला सुनाती है। इस लिए उस पर हमें भरोसा है। सीबीआई कोर्ट ने 28 साल बाद फैसला सुनाया। जिसमें सभी आरोपी दोषमुक्त हो गए हैं। 'फैसले का स्वागत और सम्मान' अंसारी ने कहा कि सीबीआई ने सैकड़ों लोगों की गवाही ली। जिसमें तमाम पत्रकार भी शामिल थे। सीबीआई ने भी ढेर सारे साक्ष्य इकट्ठा किए थे जिस के आधार पर फैसला सुनाया गया। हम इसका स्वागत व सम्मान करते हैं। इसमें कई आरोपियों की मौत हो गई है जबकि बाकी बुजुर्ग हो चुके हैं अब वे चैन से जी सकेंगे। 9 नवंबर 2019 को ही खत्म हो जाना चाहिए था केस इकबाल अंसारी ने कहा अच्छी बात है, सबको बरी कर दिया गया। वैसे जो कुछ भी होना था वह पिछले साल 9 नवंबर को चुका है। यह मुकदमा भी उसी दिन खत्म हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा यह मुकदमा सीबीआई का है। आज अदालत ने इस पर फैसला कर दिया। हम मुसलमानों से अपील करते हैं कि वह इस मामले को आगे लेकर न जाएं। जैसे 9 नवम्बर के फैसले का सम्मान किया था, वैसे ही इसका भी करें। अयोध्या में नहीं है कोई मतभेद अंसारी ने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे देश में हिन्दू-मुसलमान का विवाद न रहे। जो लोग देश को तोड़ना चाहते हैं, वे ही विवाद बनाए रखने की कोशिश करते हैं। अयोध्या में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई में कोई मतभेद नहीं है। यही माहौल पूरे देश में होना चाहिए। इकबाल ने पहले भी की थी केस को खत्म करने की गुजारिश आपको बता दें कि कोर्ट का फैसला आने से पहले ही इकबाल अंसारी ने गुजारिश की थी कि सरकार को अब इस मुकदमे को खत्म कर देना चाहिए। उन्होंने कहा था कि अधिकांश आरोपी बुजुर्ग हो चुके हैं। कई अब जिंदा नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट से निर्णय आने के बाद मंदिर-मस्जिद का विवाद अब खत्म हो चुका है। ऐसे में अब बाबरी विध्वंस का केस खत्म कर देना चाहिए। कोर्ट ने सुनाया यह फैसला आपको बता दें कि सीबीआई की विशेष अदालत ने 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया। विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एस के यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, यह एक आकस्मिक घटना थी। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी।


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