30 साल, जय श्रीराम से जय श्रीराम तकः क्या आज वाकई बहुत खुश होंगे लालकृष्ण आडवाणी?

नई दिल्ली बीजेपी के दिग्गज नेता (Lal Krishna Advani) बेटी प्रतिभा आडवाणी का हाथ पकड़े अपने आवास पर सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के फैसले को देख रहे थे। उनके जेहन में 26 दिसंबर 1992 से लेकर अबतक वो सारी बातें कौंध रही थी जो उनके साथ अभीतक चली आ रही थीं। लेकिन जैसे ही सीबीआई की अदालत ने सभी 32 आरोपियों को बरी करने का फैसला सुनाया आडवाणी खुश हो गए। उनकी खुशी इस बात से आंकी जा सकती है कि उन्होंने मीडिया के सामने जय श्रीराम के नारे भी लगाए। दरअसल, जब आडवाणी ने 1990 में सोमनाथ से अयोध्या की रथयात्रा शुरू की थी तो वह अपने भाषणों यह नारा लगाते रहे थे। जय श्रीराम का नारा, आडवाणी की खुशी और दुख दोनों.. 28 साल बाद सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले के बाद बीजेपी के वयोवृद्ध नेता आडवाणी अरसे बाद मीडिया के सामने आए। उन्होंने केवल दो लाइन कहीं, पहला- बहुत दिनों बाद खुशी का समाचार मिला है और दूसरा- जय श्री राम। यही दो शब्द उनके दर्द और खुशी दोनों को बयां कर रहे थे। पहली लाइन कहीं न कहीं उनके दर्द को बयां कर रहे थे। कुछ सवाल पूछ रहे थे कि आखिर जिस पार्टी को उन्होंने इतना सबकुछ दिया वहां उन्हें अलग क्यों कर दिया गया है। दूसरी लाइन वाकई उनकी खुशी को दर्शाने वाला था। क्योंकि जिस उद्देश्य के साथ उन्होंने यात्रा शुरू की थी उसका अंत बेहतरीन रहा और अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन भी हो चुका है। आज पार्टी में हाशिए पर हैं आडवाणी इस फैसले से जहां आडवाणी खुश दिखे और इसे बेहद महत्वपूर्ण फैसला बताया वहीं एक हकीकत ये भी है जिस पार्टी को उन्होंने अपना सबकुछ दिया आज वह उसी पार्टी में हाशिए पर हैं। विश्लेषकों का कहना है कि 2 सांसदों वाली पार्टी को बहुमत से सरकार चलाने वाली पार्टी बनाने में आडवाणी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। पार्टी को फर्श से अर्श तक पहुंचाने वाले आडवाणी आज पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में शामिल हैं। राम मंदिर आंदोलन ने बीजेपी को सत्ता का स्वाद चखाया इसमें कोई शक नहीं कि राम मंदिर आंदोलन के जरिए बीजेपी ने सत्ता का स्वाद चखा। आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के सूत्रधारों में शामिल रहे। अयोध्या विवाद पर जब पिछले साल सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तब भी आडवाणी ने खुशी जाहिर की थी। पर इन सब बातों के बीच एक सच ये भी है कि आडवाणी अभी नेपथ्य में हैं। जिस पार्टी को उन्होंने अपने खून-पसीने से सींचा आज वहां उन्हें पीछे रखा गया है। आडवाणी की रथ यात्रा ने बदल दिया था बीजेपी का भाग्य मंदिर निर्माण आंदोलन के लिए बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष आडवाणी ने 1990 में गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक के लिए रथ यात्रा शुरू की थी। लेकिन आडवाणी को बिहार के तत्कालीन सीएम लालू प्रसाद यादव ने समस्तीपुर जिले में गिरफ्तार करवा लिया था। जब पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर अपना फैसला सुनाया था तब आडवाणी ने इसपर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह बड़ी बात है कि ईश्वर ने उन्हें इस आंदोलन से जुड़ने का मौका दिया। आडवाणी ही वे शख्स थे जिनकी अगुवाई में बीजेपी ने 1992 के बाद से लगातार बढ़त बनाई। पार्टी ने केंद्र में दिवंगत पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में सरकार बनाई और आडवाणी उप प्रधानमंत्री बने। बाद में बीजेपी में मोदी युग आने के बाद आडवाणी धीरे-धीरे नेपथ्य में चले गए और फिलहाल पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में शामिल हैं।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi https://ift.tt/3ie12Vm

Comments

Popular posts from this blog

चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ीं, ED ने मांगी गिरफ्तारी

संपादकीय: उपचुनाव का संदेश, I.N.D.I.A गठबंधन बनने के बाद की पहली भिड़ंत

विशुद्ध राजनीति: विपक्षी बैठक के बाद ममता खफा, राहुल का विदेश दौरा, स्पेशल सेशन पर सस्पेंस, देश की राजनीति में सब घट रहा