सितंबर के दूसरे हफ्ते से शुरू हो सकता है राम मंदिर की नींव खुदाई का काम

अयोध्या अयोध्या में को लेकर हुए भूमिपूजन के बाद से निर्माण कार्य शुरू होने के विषय में लगाए जा रहे कयास अब मूर्तरूप लेने वाले हैं। सूत्रों की मानें, तो सितंबर के दूसरे सप्ताह से राममंदिर निर्माण के लिए बुनियाद खोदने का काम शुरू हो सकता है। निर्माण कार्य में उपयोग होने वाली लगभग सारी मशीन परिसर के अंदर आ चुकी हैं। राममंदिर निर्माण का कार्य तेजी से शुरू हो सके इसको लेकर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राममंदिर का नक्शा और अन्य आवश्यक दस्तावेज को स्वीकृति के लिए विकास प्राधिकरण को सौंप दिया है। जैसे ही विकास प्राधिकारण अपनी विधिक कार्यवाही कर स्वीकृति देगा वैसे ही राममंदिर निर्माण के लिए बुनियाद खोदने का काम शुरू हो जाएगा। गिराया जा रहा पुराने मंदिरों को राममंदिर निर्माण कार्य में आई तेजी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि परिसर में अंदर उन प्राचीन मंदिर को गिराया जा रहा है, जो जर्जर अवस्था में हैं या फिर खंडहर हो चुके हैं। जिनका धार्मिक व ऐतिहासिक रूप से खासा महत्व है। इस संबंध में ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि राममंदिर निर्माण के दौरान लगाई जा रही मशीनों से काम लेने के दौरान बाधक बनने वाले जर्जर भवनों को गिराया जा रहा है। उनमें अति प्राचीन सीता रसोई के साथ-साथ कोहबर भवन, आनंद भवन, राम खजाना शामिल है, इसके अतिरिक्त मानस भवन का भी कुछ हिस्सा गिराया जा रहा है इसीलिए इसको खाली करा लिया गया है। मानस भवन के इस हिस्से पर ही राम मंदिर का प्रवेश द्वार बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि गिराए जा रहे इन मंदिरों में विराजमान देवी देवताओं की मूर्तियों को सुरक्षित रखा गया है ताकि राम मंदिर निर्माण के बाद उसके आसपास बनने वाले मंदिरों में स्थापित किया जाएगा। ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय की मानें तो परिसर में जो कार्य हो रहा है उस कार्य का नक्शे से कोई संबंध नहीं है, नक्शा और चल रहे कार्य के बीच कोई विरोधाभास नहीं है, दोनों कार्य ठीक समय से चल रहे हैं। मानचित्र पास कराने की कवायद शुरू राममंदिर निर्माण को लेकर ट्रस्ट ने लगभग अपनी तैयारियां पूरी कर रही हैं। एक तरफ जहां राम मंदिर के नक्शे की परिधि में आने वाले पुराने मंदिरों को हटाने की प्रक्रिया चल रही है तो वहीं दूसरी ओर मानचित्र पास कराने की कवायद भी शुरू हो चुकी है। बीते शनिवार को ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र ने विकास प्राधिकरण के वीसी डॉ. नीरज शुक्ला को राम मंदिर का मानचित्र और संबंधित विभागों से अनापत्ति का कागजात भी सौंप चुके हैं। 200 फीट गहरी होगी मंदिर की नींव श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता का कहना है कि एक बार मानचित्र शुल्क का आकलन होने के बाद ट्रस्ट डेवलपमेंट शुल्क जमा कर देगा और उसके बाद अयोध्या विकास प्राधिकरण अपने बोर्ड की बैठक बुलाकर मानचित्र को स्वीकृति दे देगा, उसके बाद राम मंदिर निर्माण की बुनियाद खोजने का कार्य शुरू हो जाएगा। उनके अनुसार राम मंदिर की बुनियाद लगभग 200 फीट गहरी होगी और इसके लिये कई तरह की मशीनों का उपयोग किया जाएगा, जिसमें से अधिकतर मशीनें परिसर में पहुंच चुकी है अन्य मशीनें भी जल्द ही पहुंच जाएंगी। उन्होंने बताया कि राममंदिर निर्माण का कार्य करने वाली एजेंसी एलएनटी के काफी कर्मचारी और श्रमिक पहले से यहां मौजूद हैं, बुनियाद का शुरू होने के साथ ही आवश्यकता पड़ने पर श्रमिकों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। राममंदिर निर्माण को लेकर चल रही चहल कदमी से यह उम्मीद जताई जा रही है कि राम मंदिर की बुनियाद का कार्य सितंबर के दूसरे सप्ताह से शुरू हो सकता है।


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