कोरोना वर्कर की सैलरी पर SC का बड़ा आदेश

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह इस बात को सुनिश्चित करें कि डॉक्टरों और हेल्थ केयर स्टाफ को समय पर सैलरी दिया जाए। अदालत ने केंद्र को कहा कि अगर आपके निर्देश का पालन नहीं हो रहा है तो आप असहाय नहीं हैं। आप अपने आदेश का पालन सुनिश्चित कराएं। चार राज्यों ने हेल्थ वर्करों को नहीं दी है सैलरी हेल्थ केयर वर्करों को सैलरी देने के मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब और त्रिपुरा की सरकार ने अभी तक समय पर हेल्थ केयर वर्करों को पेमेंट करने के आदेश पर अमल करना बाकी है। तब सुप्रीम करो्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह आदेश को अमल कराने में असहाय नहीं है। सुप््रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह तमाम जरूरी निर्देश जारी करें ताकि डॉक्टर और कोरोना से लड़ने वाले बाकी फ्रंट लाइन हेल्थ केयर वर्करों को सैलरी मिले। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछे कई सवाल सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाली बेंच ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह इस बात को इस बात को देखे जिसमें याचिकाकर्ता ने कहा है कि डॉक्टर और हेल्थ केयर स्टाफ जिन पीरियड में अनिवार्य क्वारंटीन में जा रहे हैं उस अवधि को छुट्टी माना जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में इस सवाल को उठाने जाने पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि क्वारंटीन अवधि को छुट्टी नहीं माना जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील से कहा कि आप इस मुद्दे को देखें। तब सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि वह इस मुद्दे को देखेंगे। पढ़ें, SC ने केंद्र से कहा, आप असहाय नहीं, आदेश का पालन कराएं सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार के निर्देश का राज्य सरकार पालन नहीं कर रही है तो आप असहाय नहीं है। आप इस बात को सुनिश्चित करें कि आपके आदेश का पालन हो।बेंच ने केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल से कहा कि आप कदम उठा सकते हैं। डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत आपको शक्ति है। केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह इस बात को तय करे कि डॉक्टर और हेल्थ केयर स्टाफ की सैलरी समय पर दिया जाए। तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि 17 जून को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तमाम राज्यों को 18 जून को निर्देश जारी किया गया था कि वह हेल्थ केयर स्टाफ और डॉक्टरों की सैलरी समय पर पेमेंट करें। कई राज्यों ने निर्देश का पालन किया है लेकिन अभी भी महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक और त्रिपुरा ने डॉक्टरों और हेल्थ केयर स्टाफ की सैलरी समय पर पेमेंट नहीं की है। याचिकाकर्ता आरुषि जैन की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट केवी विश्वनाथन ने कहा कि अभी भी डॉक्टरों और हेल्थ केयर स्टाफ को सैलरीपेमेंट नहीं हो रही है। बेंच उस याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें सवाल उठाया गया था कि केंद्र सरकार ने 15 मई को डॉक्टरों के लिए 14 दिन के क्वारंटीन अवधि की अनिवार्यता को खत्म कर दिया था। 17 जून को सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया था आदेश सुप्रीम कोर्ट ने 17 जून को केंद्र सरकार से कहा था कि वह डॉक्टरों और हेल्थकेयर वर्करों को समय पर सैलरी देने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी करे। कोरोना महामारी के दौरान डॉक्टरों को अस्पताल के पास क्वारंटीन की सुविधाएं देने और उन्हें सैलरी देने के लिए निर्देश देने की गुहार लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह डॉक्टरों व हेल्थकेयर वर्करों को सैलरी देने, उचित रहने की व्यवस्था और क्वारंटीन के मामले में निर्देश जारी करे। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 15 मई के आदेश के तहत क्वारंटीन के नियम में बदलाव किया था और डॉक्टरों के लिए अनिवार्यता खत्म कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में निर्देश दिया था कि डॉक्टरों के लिए 7 दिन की क्वारंटीन अनिवार्यता हो। ( देश-दुनिया और आपके शहर की हर खबर अब Telegram पर भी। हमसे जुड़ने के लिए और पाते रहें हर जरूरी अपडेट।)


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