मोदी-अयोध्या: 29 साल 11 माह का कनेक्शन

1990 के शुरुआती दिनों में जब लाल कृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) ने पद यात्रा का प्रस्ताव रखा तो पार्टी के तत्कालीन महासचिव प्रमोद महाजन (Pramod Mahajan) ने उन्हें पद यात्रा की जगह रथ यात्रा करने का सुझाव दिया। फिर 12 सितंबर, 2019 को बीजेपी महासचिवों की मीटिंग के बाद आडवाणी ने तब दिल्ली के 11 अशोक रोड पर स्थित बीजेपी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और 12 दिन बाद यानी 25 सितंबर से गुजरात के सोमनाथ से उत्तर प्रदेश के अयोध्या तक 10 हजार किमी लंबी रथ यात्रा (Somnath to Ayodhya Rath Yatra) की घोषणा कर दी।

25 सितंबर, 1990 को आडवाणी सोमनाथ पहुंचते, उससे पहले एक टोयोटा ट्रक को भगवा रंग के एक रथ में तब्दील किया जा चुका था। 25 सितंबर को सोमनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद आडवाणी ने यात्रा शुरू कर दी। उस दिन ईद का त्योहार होने के कारण छुट्टी थी। इस मौके पर इतनी भीड़ जुटी कि पूरे वातावरण में उनके नारे ही गूंजने लगे।

महिलाएं अपने हाथों से सोने के कंगन उतार कर दान में देनें लगीं। पुरुष आडवाणी को तलवार, छड़ी के साथ तरह-तरह के सामान भेंट करने लगे। रथ आगे बढ़ा तो आडवाणी के अगल-बगल जो दो लोग तैनात दिखे, उनमें एक थे प्रमोद महाजन (Pramod Mahajan) और दूसरे गुजरात बीजेपी के तत्कालीन सांगठनिक सचिव नरेंद्र मोदी (Narendra Modi)।

तब से करीब-करीब 29 साल 11 महीने बाद नरेंद्र मोदी बतौर प्रधानमंत्री राम मंदिर भूमि पूजन (Ram Mandhir Bhoomi Pujan) करने वाले हैं। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण (Ram Temple in Ayodhya) 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। स्वाभाविक है कि इसका उद्घाटन भी प्रधानमंत्री ही करेंगे। संभव है कि 2024 के लोकसभा चुनाव (2024 Lok Sabha Election) से ठीक पहले राम मंदिर उद्घाटन (Ram Temple Inauguration) का भव्य समारोह आयोजित किया जाए।

2009 में मोदी ने अयोध्या से सटे फैजाबाद में चुना प्रचार करने गए थे। तब लोकसभा चुनाव में आडवाणी बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री के उम्मीदवार थे। मोदी मतदाताओं को रिझाने में सफल नहीं हो पाए थे और अयोध्या/फैजाबाद की सीट कांग्रेस ने जीत ली थी।

(सांकेतिक तस्वीर)

2014 में फैजाबाद में चुनाव प्रचार (Modi Rally in Faizabad) के दौरान मोदी के पीछे तीर-धनुष लिए भगवान राम की विशाल तस्वीर लगी हुई थी। मोदी ने अपने भाषण में राम राज्य (Ram Rajya) की बात की, राम मंदिर (Ram Mandir) पर कुछ नहीं बोले।

2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी फिर फैजाबाद पहुंचे। उन्होंने अयोध्या में एक भी रैली नहीं की। प्रधानमंत्री के तौर पर अयोध्या इलाके में उनकी पहली सभा मई 2019 में अयोध्या-आंबेडकर नगर सीमा पर स्थित छोटे से शहर रामपुर माया में हुई थी। अयोध्या में रामजन्मभूमि से मुश्किल से 25 किमी दूर।

(सांकेतिक तस्वीर)

आज से ठीक 29 साल पहले राम मंदिर आंदोलन के दौरान 1991 में उन्होंने एक फोटोग्राफर से बात करते हुए कहा था कि जिस दिन राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा, वह वापस आएंगे। सोशल मीडिया पर 1991 की मोदी और बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी की वायरल हो रही तस्वीर (Viarl Pic of Narendra Modi and Murli Manohar Joshi) को खींचने वाले फोटोग्राफर महेंद्र त्रिपाठी ने यह खुलासा किया। त्रिपाठी उस दिन को याद करते हुए बताते हैं, ' मोदी बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के साथ अप्रैल 1991 में अयोध्या आए थे और उन्होंने विवादित क्षेत्र का दौरा किया था।' 5 अगस्त ही वह दिन है जब मोदी अयोध्या वापस आने का वादा पूरा करने वाले हैं। वो दिन निकट है...

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