अपनों ने MP में BJP को कर दिया है 'बेचैन'

भोपाल उपचुनाव से पहले बीजेपी में विरोध के स्वर लगातार उठ रहे हैं। कुछ नेताओं ने तो पार्टी से तौबा कर लिया है। वहीं, कुछ पार्टी में रहकर बागी रुख अख्तियार किए हुए हैं। कुछ पुराने नेता अभी खामोश हैं, मगर पार्टी को अपने रुख से अवगत कर दिया है। ऐसे में उन्हें मनाने का दौर भी लगातार जारी है। मगर 3 नेताओं के बयान ने हाल के दिनों में एमपी में बीजेपी को बेचैन कर दिया है। इन नेताओं ने अपने तेवर से यह संकेत देने की कोशिश भी की है कि आने वाले उपचुनाव में पार्टी की राह आसान नहीं है। समर्थकों के बीजेपी में आने के बाद से पार्टी के पुराने नेता असहज दिख रहे हैं। ये वो नेता हैं, जो पिछले चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों से हार गए थे। अब उन सभी नेताओं के बीजेपी में शामिल हो जाने के बाद पुराने लोग अपने करियर को लेकर चिंतित है। सबसे पहले हाटपीपल्या के विधायक रहे दीपक जोशी ने तेवर दिखाए थे। उन्होंने कह दिया था कि हमारे लिए सारे विकल्प खुले हैं। उपचुनाव में हाटपीपल्या से सिंधिया के साथ कांग्रेस से आए, मनोज चौधरी उम्मीदवार होंगे। हालांकि दीपक जोशी अभी पार्टी की बैठकों में शामिल हो रहे हैं। सांची में भी यहीं स्थिति 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के मुदित शेजवार, सिंधिया समर्थक प्रभुराम चौधरी चुनाव हार गए थे। प्रभुराम चौधरी अब बीजेपी में हैं और सांची से उपचुनाव में पार्टी के उम्मीदवार भी होंगे। लेकिन मुदित नाराज हैं, उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपने तेवर दिखाए थे। ऐसे में कुछ दिन पहले सीएम उन्हें मनाने के लिए खुद ही सांची पहुंच गए थे। सीएम ने प्रभुराम चौधरी और मुदित के पिता गौरीशंकर शेजवार की साथ में बैठक भी करवाई थी। लेकिन उपचुनाव के दौरान ही पता चल पाएगा कि दोनों के दिल कितने मिले हैं। शेखावत ने भी खोला मोर्चा वहीं, बदनावर सीट से चुनाव लड़ बीजेपी के वरिष्ठ नेता भंवर सिंह शेखावत ने भी उपचुनाव से पहले पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शेखावत 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव से चुनाव हार गए थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ दत्तीगांव भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं। ऐसे में बदनावर सीट से दत्तीगांव ही पार्टी के उम्मीदवार होंगे। अपने करियर को लेकर चिंतित भंवर सिंह शेखावत ने कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने विजयवर्गीय पर यहां तक आरोप लगा दिया है कि वह शिवराज सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं। ग्वालियर-चंबल में भी कई नाराज उपचुनाव में 24 से 16 सीट ग्वालियर-चंबल संभाग में हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने के बाद इस क्षेत्र के कद्दावर नेताओं का भी यहीं हाल है। उपचुनाव में पार्टी सिंधिया समर्थकों को ही टिकट देगी। ऐसे में जयभान सिंह पवैया जैसे कद्दावर नेता खामोश हो गए हैं। पार्टी ग्वालियर-चंबल संभाग के बड़े नेताओं की नाराजगी से अवगत है। ऐसे में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा लगातार इस क्षेत्र का दौरा कर उन नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। सभी नेताओं से उनके घर जाकर वन टू वन बात करते हैं। कैबिनेट विस्तार के बाद बढ़ सकता है असंतोष वहीं, शिवराज कैबिनेट का विस्तार भी लगातार टल रहा है। मौजूदा परिस्थिति में सीएम शिवराज सिंह चौहान के सामने मुश्किल पार्टी के पुराने नेताओं को कैबिनेट में एडजस्ट करना है। केंद्रीय नेतृत्व भी कुछ पुराने नेताओं को शिवराज कैबिनेट में नहीं चाहती है। ऐसे में असंतोष बढ़ सकता है और इससे बीजेपी की टेंशन बढ़ेगी। कोई मतभेद नहीं पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक विश्वास सारंग ने नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से बात करते हुए कहा कि हम उपचुनाव में सभी 24 सीटें जीतेंगे। प्रदेश की जनता पूरी तरह से बीजेपी के साथ है। मतभेद की खबरों पर उन्होंने कहा कि बीजेपी का हर कार्यकर्ता विचार के पोषण के लिए राजनीति करता है। हमारे लिए पद बहुत महत्वपूर्ण नहीं है। कांग्रेस के कुशासन से परेशान होकर बीजेपी में आए पूर्व विधायकों का स्वागत है। उन्हें जीताने के लिए बीजेपी सभी कार्यकर्ता पूरी तनम्यता के साथ लगेंगे। कहीं कोई मतभेद और मनभेद नहीं है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi https://ift.tt/2Zsw7gK

Comments

Popular posts from this blog

चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ीं, ED ने मांगी गिरफ्तारी

संपादकीय: उपचुनाव का संदेश, I.N.D.I.A गठबंधन बनने के बाद की पहली भिड़ंत

विशुद्ध राजनीति: विपक्षी बैठक के बाद ममता खफा, राहुल का विदेश दौरा, स्पेशल सेशन पर सस्पेंस, देश की राजनीति में सब घट रहा