फर्जी ऐप से 'नापाक जासूसी', सेना का अलर्ट
नई दिल्ली केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने और पैरामिलिट्री फोर्सेज के जवानों को से सतर्क रहने की सलाह दी है। सुरक्षा एजेंसियों ने सैनिकों और अर्द्धसैनिक बलों को पाकिस्तानी एजेंसियों की किसी साजिश के तहत ‘आरोग्य सेतु ऐप’ से मिलता-जुलता मोबाइल ऐप लाए जाने के प्रति आगाह करते हुए कहा है कि ऐसे ऐप्लिकेशन के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां संवेदनशील जानकारियों की चोरी कर सकती हैं। अधिकारियों ने बुधवार को जारी एक गाइडलाइन में कहा कि यह फर्जी ऐप यूजर्स को वॉट्सऐप, एसएमएस, ई-मेल या इंटरनेट आधारित सोशल मीडिया के किसी लिंक के जरिए मिल सकता है। ऐसे में जवानों को यह सुझाव दिया गया है कि उन्हें अधिकृत वेबसाइट माईजीओवी डॉट इन से ही ऐप डाउनलोड करना चाहिए। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, डाउनलोड किए जाने के दौरान फर्जी ऐप उपयोगकर्ता से इंटरनेट का इस्तेमाल करने और अतिरिक्त ऐप्लीकेशन पैकेज इंस्टॉल करने की इजाजत देने को कहता है। इसके बाद, यह लिंक फेस डॉट एपीके, आईएमओ डॉट एपीके, नॉर्मल डॉट एपीके, ट्रूसी डॉट एपीके, स्नैप डॉट एपीके और वाइबर डॉट एपीके को फोन में इंस्टॉल कर देता है। वायरस के जरिए हैकिंग आसान एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसके बाद ये वायरस हैकर को यूजर्स के स्मार्टफोन में मौजूद जानकारियों और फोन की गतिविधियों को जानने में सक्षम कर देते हैं। उन्होंने कहा कि सैनिकों को अपने मोबाइल फोन पर सोशल मीडिया और ईमेल पर संदिग्ध लिंक खोलते समय सावधान रहने को कहा गया है। साथ ही उनसे ऐंटी वायरस गार्ड इंस्टॉल करने को कहा गया है। केंद्र सरकार ने शुरू किया है ऐप बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण के प्रति जोखिम का आकलन करने में मदद करने के लिए शुरू किया है। केंद्र सरकार ने बुधवार को सरकारी अधिकारियों के लिये इसे डाउनलोड करना और अपने फोन में इस ऐप का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया ।
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