15 माह की बेटी की डेथ, डॉ. पिता करते रहे ड्यूटी

होशंगाबाद। कोरोना से जंग में डॉक्टर फ्रंटलाइन वॉरियर्स के रूप में काम कर रहे हैं। परिवार से ज्यादा वह अपनी ड्यूटी को तवज्जो दे रहे हैं। कोरोना काल में पुलिसकर्मियों और डॉक्टरों की ड्यूटी को भुलाया नहीं जा सकता है। मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले से एक दिल को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है, जिसे जानकर आप कहेंगे कि डॉक्टर इससे बड़ा त्याग और क्या कर सकते हैं। दरअसल, होशंगाबाद के रहने वाले डॉक्टर देवेंद्र मेहरा 15 महीने की बीमार बेटी को छोड़कर इंदौर में ड्यूटी कर रहे थे। बेटी की स्थिति नाजुक बनी हुई थी, बीच वह उसे देखने भी गए थे। उन्होंने कहा कि उसकी हालत को देखकर लौटने का मन नहीं कर रहा था। लेकिन ड्यूटी जरूरी था। इसलिए इंदौर वापस काम पर लौट आया। देवेंद्र मेहरा इंदौर में कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं। 15 महीने की डॉक्टर देवेंद्र मेहरा जब इंदौर में ड्यूटी पर तैनात थे, तभी घर से यह मनहूस खबर आई है कि अब बेटी नहीं रही। उसके बाद उन्होंने अधिकारियों को इस बात की जानकारी दी। एडीएम ने फिर उन्हें इंदौर से होशंगाबाद जाने के लिए परमिशन दी। डॉ देवेंद्र मेहरा बुधवार को अपने घर होशंगाबाद पहुंच गए। इंदौर से होशंगाबाद की दूरी करीब 200 किलोमीटर से ज्यादा है। डॉक्टर देवेंद्र मेहरा की तरह मध्यप्रदेश में ऐसे कई डॉक्टर और पुलिसकर्मी हैं, जो परिवार का मोह त्याग ड्यूटी में लगे हैं। होशंगाबाद जिले में ही एक डॉक्टर अपने जुड़वा बच्चों को छोड़ ड्यूटी पर लगी है। कई पुलिसकर्मी ऐसे हैं, जो बच्चे को जन्म के बाद देखने नहीं गए हैं। वह वीडियो कॉल के जरिए उसे देख रहे है। लेकिन ड्यूटी को पहली प्राथमिकता दे रहे हैं। वहीं, इंदौर में अधिकारी अपने घर का रास्ता ही भूल गए हैं। कोरोना काल में अफसरों ने होटल को ठिकाना बना लिया है।


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