कोरोना और पाक, सेना लड़ रही दो मोर्चों पर

नई दिल्ली पूरी दुनिया इस वक्त जहां कोराना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है, वहीं की नापाक हरकतों का जवाब देने के लिए को जम्मू-कश्मीर में दो फ्रंट पर लड़ाई लड़नी पड़ रही है। लॉकडाउन पीरियड में भी पाकिस्तान की तरफ से सीज फायर का उल्लंघन जारी है, जिसका भारतीय सेना माकूल जवाब दे रही है। भारतीय सेना यहां सीमा की रखवाली तो कर ही रही है साथ ही कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ रही है और लोगों को भी जागरूक कर रही है। पांच बार हुआ सीजफायर उल्लंघन लॉकडाउन शुरू होते ही 24 मार्च की रात को पाकिस्तान की तरफ से पुंछ जिले के दिगवार सेक्टर में सीजफायर का उल्लंघन किया गया। स्मॉल आर्म्स का इस्तेमाल किया गया और मोर्टार दागे। इसके दूसरे दिन बुधवार को आईबी से लगे हीरानगर सेक्टर की फॉरवर्ड एरिया की तरफ से पाकिस्तान से सीजफायर का उल्लंघन किया। गुरूवार को उरी सेक्टर में पाकिस्तान ने मोर्टार दागे और भारतीय सेना ने उसका जवाब दिया। पाकिस्तान की तरह से हुए सीजफायर उल्लंघन में एलओसी के पास के ही गांव में एक घर भी डैमेज हो गया, हालांकि जान का कोई नुकसान नहीं हुआ। गुरुवार को ही पुंछ सेक्टर में भी और फिर रविवार को भी केरनी और कस्बा सेक्टर में पाकिस्तान ने यही किया। भारतीय सेना इसका लगातार जवाब भी दे रही है। पढ़ें: पहली जंग जो साथ लड़ेंगे भारतीय सेना की उत्तरी (नॉर्दन) कमान के तहत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का इलाका आता है। यहां सेना लोगों को कोरोना वायरस के खतरे को लेकर जागरूक कर रही है। लोगों से कहा जा रहा है कि यह पहली जंग है जो हम साथ लड़ेंगे। लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में सेना की तरफ से 17 हेल्पलाइन बनाई गई हैं। लोगों को समझाया जा रहा है कि वह ट्रैवल हिस्ट्री ना छुपाएं। सेना के लोग न सिर्फ मास्क और सेनेटाइजर लोगों तक पहुंचा रहे हैं बल्कि घरों को सेनेटाइज करने का भी काम कर रहे हैं। सेना की ‘खैरियत पेट्रोल’ जरूरतमंदों की मदद कर रही है और राशन सहित जरूरी सामान उन तक पहुंचा रही है। सेना के मोबाइल वीइकल चेक पोस्ट जो आम तौर पर काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशन में लगे रहते हैं वह इस वक्त कोराना वायरस को लेकर लोगों में जागरूकता फैला रहे हैं। खुद की सुरक्षा भी आर्मी के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक आर्मी में सभी प्रोटोकॉल फॉलो कर रहे हैं ताकि वह खुद भी सुरक्षित रहें। टेंपरेरी ड्यूटी या छुट्टी से लौट रहे फौजी सबसे पहले स्क्रीनिंग सेंटर पर रिपोर्ट कर रहे हैं। कई ट्रांजिट कैंप में स्क्रीनिंग सेंटर बनाए गए हैं। मेडिकल स्क्रीनिंग के बाद उन्हें 14 दिनों तक क्वारंटीन रूम में रखा जा रहा है, यह यूनिट स्तर पर बनाए गए हैं। इस दौरान उन्हें ऑन ड्यूटी माना जा रहा है। बैरक में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो इसलिए दो बेड के बीच की दूरी को बढ़ा दिया गया है। डाइनिंग हॉल में भीड़ ना हो इसके लिए अलग अलग टाइमिंग रखी गई है। आर्मी के एक अधिकारी के मुताबिक लाइन ऑफ कंट्रोल में तैनात फौजियों के संपर्क में बाहर के लोग नहीं आते हैं इसलिए वहां खतरा नहीं है। लेकिन फिर भी पूरी सावधानी बरती जा रही है।


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