दिल्ली: जमात ने निजामुद्दीन में लौटाईं एंबुलेंस!

नई दिल्ली जब देश-समाज संकट में हो तो समाधान का सहभागी बनने से बड़ा धर्म और क्या हो सकता है? लेकिन, देश में एक ऐसा भी तबका है जो अपने धार्मिक कठमुल्लेपन के कारण कोरोना के महासंकट को जाने-अनजाने और चुनौतीपूर्ण बना रहा है। इस कठमुल्लेपन ने ही दिल्ली के निजामुद्दीन को देश का नया कोरोना हॉटस्पॉट बना दिया। यहां न केवल के धार्मिक कार्यक्रम में सैकड़ों लोग शामिल हुए, बल्कि इलाके के लोगों ने भी कोरोना के खतरे के मद्देनजर सतर्कता और सोशल डिस्टैंसिंग की अपील को बिल्कुल ठेंगा दिखा दिया। मरकज पर कानूनी-कार्रवाई की तैयारी अब हजरत निजामुद्दीन के इस मरकज पर कानूनी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। हालांकि, मरकज में अपनी सफाई में कहा है कि वह लगातार प्रशासन के संपर्क में है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 24 तारीख को अंडमान प्रशासन ने एक रिपोर्ट भेजी थी। इस रिपोर्ट के बाद निजामुद्दीन के एसएचओ ने मरकज को नोटिस जारी किया था। इस नोटिस के बाद ही मरकज की तरफ से जवाब आना शुरू हुआ। इलाके के लोगों ने एंबुलेंस को कर दिया था वापस चौंकाने वाली बात यह है कि निजामुद्दीन इलाके के कुछ लोगों में 2 दिनों से कोविड-19 बीमारी के लक्षण दिख रहे थे। स्थानीय प्रशासन को भनक लगी तो संदिग्धों को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस भी भेजी गई, लेकिन इलाके को लोगों ने पुरजोर विरोध करते हुए एंबुलेंस लौटा दी। उनकी आखें तब खुलीं जब मामला नियंत्रण से बाहर जाने लगा। जब नए-नए मामले सामने आने लगे तब जाकर लोगों ने पुलिस और डॉक्टरों की टीम को सहयोग करना शुरू किया। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या जानबूझकर इतने लोगों के एक जगह होने की बात छुपाई? मरकज में थे करीब 2,500 लोग सूत्रों ने बताया है कि इस मरकज में लॉकडाउन के बाद करीब 2,500 लोग जमा थे जिनमें सैकड़ों विदेशी भी थे। इनमें से अब तक 860 लोगों को अस्पतालों में भर्ती किया जा चुका है जबकि 300 और लोग भी अस्पताल भेजे जाने हैं। देश के विभिन्न राज्यों पर मंडरा रहा है खतरा मरकज ने कितना बड़ा खतरा पैदा किया है, इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लॉकडाउन से पहले इस मरकज से करीब 1,200 लोग देश के विभिन्न राज्यों में जमात के लिए निकल गए थे। इन्हें ढूंढा जाना बेहद जरूरी है। अगर उनमें से कोई कोरोना संक्रमित हुआ तो स्थिति बिगड़ सकती है। प्रशासन पर भी उठ रहे सवाल सूत्र इसे पुलिस और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही भी करार दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि एक ही जगह पर इतने लोग जमा थे और ना तो पुलिस को और ना ही प्रशासन को इसकी भनक थी। सूत्रों का कहना है कि अभी भी जरूरत इस बात की है कि पूरी दिल्ली में इस तरह का सर्च ऑपरेशन चलाया जाना चाहिए। मरकज के मौलाना पर FIR उधर, साउथ-ईस्ट दिल्ली के डीसीपी आरपी मीणा का कहना है कि मामले में जांच की जा रही है। हजरत निजामुद्दीन मामले में दिल्ली सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एफआईआर करने को कहा। आदेश पर मरकज के मौलाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जा चुका है। इलाके पर ड्रोन की नजर प्रशासन ने एहितायतन इलाके को सील कर दिया है और ड्रोन से निगरानी भी शुरू कर दी है। इलाके में सैनिटाइजेशन के लिए स्पेशल ड्राइव शुरू की गई है। साउथ एमसीडी ने दरगाह और आसपास की कॉलोनियों में 2 बार सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव किया। सेंट्रल जोन के अफसरों के अनुसार, कोरोना के केस सामने आने के बाद इस एरिया को पूरी तरह से सैनिटाइज करने के लिए 20 डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स और 35 सफाई कर्मचारियों को काम पर लगाया गया है। सुबह से शाम तक दरगाह और आसपास के इलाकों में 2 बार सैनिटाजेशन किया गया, लेकिन तंग गलियों की वजह से कॉलोनी में सैनिटाइज में दिक्कत आ रही है। संदिग्धों की सघन तलाशी अफसरों का कहना है कि इस एरिया में कोरोना के संदिग्ध कई और भी लोग हो सकते हैं। सर्विलांस टीम सुबह से ही उनकी तलाश में जुटी है, लेकिन गलियों के तंग होने के कारण गाड़ियां अंदर नहीं जा पा रही हैं, इसलिए उन्हें ढूंढना मुश्किल हो रहा है। निजामुद्दीन में लोग घबराए हुए हैं। मरकज में देशभर से आए लोगों के अलावा 70 देशों से आए लोग भी शामिल थे।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi https://ift.tt/2QVO9UW

Comments

Popular posts from this blog

चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ीं, ED ने मांगी गिरफ्तारी

संपादकीय: उपचुनाव का संदेश, I.N.D.I.A गठबंधन बनने के बाद की पहली भिड़ंत

विशुद्ध राजनीति: विपक्षी बैठक के बाद ममता खफा, राहुल का विदेश दौरा, स्पेशल सेशन पर सस्पेंस, देश की राजनीति में सब घट रहा