जमात मरीजों की भीड़ से अस्पताल में आफत

दुर्गेश नंदन झा, नई दिल्लीदिल्ली के से सैकड़ों की तादाद में निकले कोरोना संदिग्धों ने इस वायरस से लड़ने की प्रदेश की पूरी तैयारियों को पलीता लगा दिया है। मरकज से निकाले गए 400 से अधिक संदिग्ध मरीजों को लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल और राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पतालों में अचानक उमड़ी कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों की जमात ने डॉक्टरों समेत अन्य मेडिकल स्टाफ की मुश्किलें बढ़ा दीं। 10-14 घंटे काम कर रहे हैं 100 डॉक्टर अस्पताल ने 100 सीनयिर रेजिडेंट और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की लिस्ट तैयार की है। इनके अलावा, कुछ कंसल्टेंट डॉक्टर भी हैं। इन्हें 10 और 14 घंटों की दो शिफ्टों में काम करना है। 10 घंटे की शिफ्ट सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक चल रही है जबकि 14 घंटे की शिफ्ट में काम करने वाले डॉक्टर शाम बजे से ड्यूटी जॉइन करेंगे और उन्हें सुबह 8 बजे तक काम कर रहे हैं। अस्पताल ने रविवार को जारी एक ऑर्डर में कहा, 'नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ लगातार 14 दिन काम करेंगे और फिर उन्हें 14 दिन की छुट्टी दी जाएगी।' जमात से जुड़े कुछ प्रमुख तथ्य 1. के कुल 1,548 लोगों को निगरानी में रखा गया है। 2. जमात के 1,107 लोगों में कोविड-19 के कोई लक्षण नहीं हैं। इन्हें नरेला की आइसोलेशन यूनिट में रखा गया है। 3. 441 लोगों में से संक्रमण के लक्षण हैं। इनमें 300 संदिग्धों को लोकनायक जबकि 141 को राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती किया गया है। 4. लोकनायक अस्पताल ने मरीजों की तादाद में अचानक 300 बढ़ने के कारण 100 डॉक्टरों की दो शिफ्ट लगाई है। 5. मरकज के संदिग्ध मरीजों को अस्पताल की तीसरी और छठी मंजिलों पर स्थित इमर्जेंसी ब्लॉक में रखा गया है। मरीजों की स्थिति 1 की हालत गंभीर, वेंटिलेटर सपॉर्ट पर 2 को सांस लेने में दिक्कत, ऑक्सिजन सपॉर्ट पर 5 को छुट्टी दे दी गई 1 को सिंगापुर भेज दिया गया 111 की हालत कुल मिलाकर स्थिर, खांसी-बुखार आदि का इलाज जारी तीन कैटिगरी में बांटे गए मरीज लोकनायक अस्पताल में कोविड-19 मैनेजमेंट प्रोग्राम की अगुवाई करने वाले मेडिसिन डिपार्टमेंट के डायरेक्टर प्रफेसर डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि मरीजों को तीन कैटिगरी में बांट दिया गया है। उन्होंने कहा, 'हरे, पीले और लाल की श्रेणियों में सारे मरीजों का विभाजन कर दिया गया है। ज्यादातर मरीजों की हालत स्थिर है जिन्हें ग्रीन कैटिगरी में रखा गया है। 20-25 मरीजों को शरीर दर्द, सर दर्द, मांसपेशियों में दर्द और डायरिया आदि की शिकायत है जिन्हें येलो कैटिगरी में रखा गया है।' उन्होंने कहा, 'तीन मरीजों को ऑक्सिजन सपॉर्ट और वेंटिलेशन की जरूरत है, इसलिए उन्हें रेड मार्क करते हुए अलग-अलग वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है।' उन्होंने बताया कि विभिन्न विभागों से वेंटिलेटर्स निकालकर लाए गए हैं ताकि अगर ज्यादा लोगों को सांस की दिक्कत हो तो उन्हें संभाला जा सके। दिल्ली में कुल मरीज कुल संक्रमितों की संख्या - 120 विदेश यात्रा वाले मरीज - 49 मरीज के संपर्क में आने वाले - 29 तबलीगी जमात के मरीज - 24 निगरानी के दायरे में - 18 सोमवार से अचानक बदल गया माजरा दिल्ली में शनिवार तक कोविड-19 के महज 142 संदेहास्पद मामले थे जिनमें 74 को दिल्ली सरकार के पांच अस्पतालों में भर्ती किया गया था। ये अस्पताल हैं- लोकनायक जयप्रकाश नारायण (LNJP), राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी, दीन दयाल उपाध्याय, बाबा साहेब आंबेडकर और गुरु तेग बहादुर। बाकी 68 संदिग्धों को केंद्र सरकार द्वारा संचालित राम मनोहर लोहिया और सफदरजंग अस्पतालों में भर्ती कराया गया। लेकिन सोमवार को परिस्थित बिल्कुल बदल गई जब निजामुद्दीन स्थित तबलिगी जमात के मुख्यालय से 400 से ज्यादा लोगों को निकालकर लोकनायक अस्पताल और दूसरे अस्पतालों में भर्ती कराया गया। इनमें 400 में 19 लोगों को कोविड-19 का मरीज पाया गया। लोकनायक अस्पताल में रविवार तक सिर्फ 58 आइसोलेशन बेड थे जिनमें 17 पर मरीज थे। इस कारण निजामुद्दीन से लाए गए लोगों के लिए अतिरिक्त इंतजाम करना पड़ा। अचानक संदिग्ध मरीजों की बाढ़ दरअसल, निजामुद्दीन मरकज के धार्मिक कार्यक्रम में शामिल कई लोगों के कोविड-19 बीमारी से पीड़ित पाए गए। इसके बाद दिल्ली में कोरोना वायरस से संदिग्ध संक्रमितों की संख्या में अचानक कई गुना इजाफा हो गया है। इस कारण कोरोना से निपटने की प्रदेश की तैयारियों को गहर झटका लगा है। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि उनके पास इस महामारी से निपटने के लिए पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर और मैनपावर हैं, लेकिन अचानक संदिग्ध मरीजों की आई बाढ़ ने सारी तैयारियों पर पानी फेर दिया है।


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