तबलीगी जमात: 4 राज्यों के लिए खतरे की घंटी

नई दिल्ली/ हैदराबाद/लखनऊ हनूज दिल्ली दूरअस्त...हजरत निजामुद्दीन औलिया ने दिल्ली के शासक गयासुद्दीन तुगलक से कभी कहा था कि दिल्ली अभी दूर है। लेकिन कोरोना वायरस अब दिल्ली के अलावा कई राज्यों तक पहुंच चुका है। निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के आयोजन में शामिल हुए लोगों की कोरोना से एक के बाद एक मौतों ने कई राज्यों को चिंता में डाल दिया है। उत्तर से लेकर दक्षिण तक कोरोना पॉजिटिव मामले बढ़ रहे हैं। आइए जानते हैं कि कैसे दिल्ली के अलावा 4 राज्यों के लिए ये खतरे की घंटी है: उत्तर प्रदेश तबलीगी जमात का पश्चिमी यूपी के कई जिलों में अच्छा-खासा असर है। यूपी के डीजीपी कार्यालय की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि जमात के विदेशी प्रचारकों के हजरत निजामुद्दीन में हुए कार्यक्रम में यूपी के 18 जिलों से लोग शामिल हुए थे। ऐसे लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करके उनका प्राथमिकता के साथ कोविड-19 टेस्ट और संक्रमित व्यक्तियों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया जाए। यूपी के एक वरिष्ठ पत्रकार बताते हैं कि आने वाले दिनों में अगर पश्चिमी यूपी के कुछ जिले कोरोना क्लस्टर के रूप में उभर आएं तो हैरानी नहीं होनी चाहिए। पढ़ें: उनका कहना है कि पश्चिमी यूपी के मेरठ, बिजनौर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, हापुड़, बिजनौर और बागपत जैसे जिले दिल्ली से काफी नजदीक हैं। ऐसे में यहां पर बहुत बड़ी संख्या में जमात से जुड़े लोग रहते हैं। पश्चिमी यूपी में जमात का नियमित सम्मेलन होता रहता है। इसके साथ ही कई जिलों में 40 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम आबादी है। समुदाय के एक बड़े हिस्से की जमात से बहुत क्लोज रिलेशनशिप है। उन्होंने मेरठ की मिसाल देते हुए कहा, 'वहां पॉजिटिव केस बढ़ रहे हैं। आने वाले दिनों में ये केस बढ़ सकते हैं। 8 से 10 दिन में खतरा दिखाई दे सकता है। वेस्ट यूपी के कुछ जिले कोरोना क्लस्टर के रूप में उभर सकते हैं।' एशिया के सबसे बड़े मदरसे के रूप में पहचान रखने वाले दारुल उलूम देवबंद के बहुत से छात्र भी निगरानी में हैं। निगरानी के दायरे में आए लोग 2 मार्च से 20 मार्च के बीच मलेशिया और इंडोनेशिया से आने वाले 40 इस्लामिक उपदेशकों के एक ग्रुप के सम्पर्क में आए थे। इनमें से अधिकतर ऐसे परिवार और स्टूडेंट्स हैं जो देवबंद के मशहूर मदरसे में पढ़ते हैं और उसके पास की मोहम्मदी मस्जिद के आसपास रहते हैं। माना जा रहा है कि इस्लामिक उपदेशकों के इस ग्रुप ने 9 मार्च और 11 मार्च के बीच देवबंद की यात्रा की थी। क्लिक करें: तेलंगाना तबलीगी जमात के जलसे ने तेलंगाना को मुसीबत में डाल दिया है। जमात के धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए 10 लोगों की कोरोना वायरस से मौत हुई है। इनमें से सबसे ज्यादा 6 मौतें तेलंगाना से ही सामने आई हैं। 13 मार्च से 15 मार्च तक हुए आयोजन में तेलंगाना से भी सैकड़ों लोग शामिल हुए थे। इसमें हिस्सा लेने वाले दो लोगों की मौत हैदराबाद के गांधी अस्पताल, एक-एक व्यक्ति की मौत दो निजी अस्पतालों में, एक की मौत निजामाबाद, जबकि एक की मौत गडवाल में हुई। तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यलय ने राज्य के उन लोगों को सावधान किया है, जो दिल्ली में आयोजित हुए इस मरकज कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इन लोगों को तुरंत इसकी जानकारी सरकार के अधिकारियों को देनी होगी। राज्य सरकार इन सभी लोगों का टेस्ट और इलाज मुफ्त में कराएगी। बयान में कहा गया है कि किसी को भी अगर इन लोगों की जानकारी है तो उसे सरकार और अधिकारियों को तुरंत इसकी सूचना देनी चाहिए। पढ़ें: आंध्र प्रदेश आंध्र प्रदेश से भी तबलीगी जमात के जलसे में बहुत से लोग शामिल हुए थे। यहां अब तक कोरोना के 19 केस सामने आए हैं। सोमवार को जो 6 नए पॉजिटिव केस आए, उनमें से पेशंट-14 और पेशंट-15 निजामुद्दीन में जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे और संक्रमित लोगों के सीधे संपर्क में आए। बताया जा रहा है कि पेशंट नंबर 10 भी निजामुद्दीन की उस मस्जिद में गए थे और 20 दूसरे लोगों के साथ टिके थे। इस मरीज ने 18 मार्च को गुंटूर जाने के लिए दुरंतो एक्सप्रेस से यात्रा की। ऐसे में उस ट्रेन के यात्रियों की जानकारी भी जुटाई जा रही है। गुंटूर के विधायक मुस्तफा शेख के भाई भी इस आयोजन में शामिल हुए थे। वह भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। एमएलए शेख समेत उनके परिवार के 14 सदस्यों को क्वारंटाइन पर रखा गया है। इसके अलावा पेशंट नंबर 16 भी दिल्ली से लौटे थे, अब उनके जरिए भी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है। पढ़ें: तमिलनाडु तमिलनाडु में Covid-19 के 17 नए केस सामने आए हैं। इस बात की भी आशंका है कि राज्य में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित लोग हो सकते हैं। राज्य की ऐंटी-कोरोना मशीनरी दिल्ली में आयोजित तबलीगी जमात के धार्मिक जलसे में शामिल होकर वापस लौटे 980 तमिल मुस्लिमों को ट्रेस करने में जुट गई है। 23 मार्च को खत्म हुए तबलीगी जमात के तीन दिवसीय धार्मिक कार्यक्रम में तमिलनाडु के कम से कम 1,500 मुसलमानों ने हिस्सा लिया था। उनमें से लगभग 900 लोग फ्लाइट और बसों से वापस आ गए थे। वहीं 600 अन्य लोग बंगलेवाली मस्जिद में रह रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सोमवार को 17 ताजा मामले सामने आए। यह संख्या बढ़ सकती है। हम 900 तमिल मुसलमानों पर नज़र रखे हुए हैं, जो दिल्ली से वापस लौटे हैं।


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