ओल्ड ऐज होम में 'दादा-पोते', रुला देगी कहानी

अहमदाबाद गुजरात में अहमदाबाद के एक में उम्र का एकांत भोग रहे बुजुर्गों को गुरुवार को जीवन की नई रोशनी मिली। यहां उन्होंने उन मासूमों को गले लगाकर लाड-दुलार किया, जिनकी किस्मत में उनके असली मां-पिता का प्यार नहीं था। नारणपुरा स्थित जीवन संध्या ओल्ड ऐज होम में हुए इस आयोजन को अडॉप्शन इनिशिएटिव नाम दिया गया। इस दौरान शिशु गृह के बच्चों और ओल्ड ऐज होम में रह रहे बुजुर्गों का भावविभोर मिलन हुआ। शिशु गृह चलाने वाले अहमदाबाद जिला प्रोबेशन ऐंड आफ्टरकेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सीके पटेल ने कहा कि यह एक अनोखा प्रयोग था, जहां ओल्ड ऐज होम में रह रहे बुजुर्गों और अनाथ बच्चों का मिलन कराया गया। एक तरफ ओल्ड ऐज होम में रहने वाले बुजुर्ग थे, जिन्हें पोते-पोतियों या नातियों के साथ वक्त गुजारने को नहीं मिला और दूसरी तरफ वे बच्चे जिन्हें कभी अपने दादा-नाना का प्यार नसीब नहीं हुआ। 'जीवन में उद्देश्य ढूंढने के लिए मिलेगा उत्साह' सीके पटेल ने बताया, 'उनके पास एक-दूसरे को देने के लिए खूब प्यारा प्यार था और मुझे यकीन है कि इससे दोनों पर ही सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।' यह आयोजन शहर के मैनेजमेंट थिंकर शैलेश ठाकेर के 60 वीं सालगिरह पर किया गया जो एसोसिएशन के सदस्य भी हैं। इस मौक पर शैलेश ने कहा, 'इससे बेहतर क्या हो सकता है?' जीवन संध्या के अधिकारियों ने बताया कि अपनों से दूरी बुजुर्गों को अधूरेपन का अहसास कराती है और उन्हें सक्रिय समाज में अपनी भागीदारी पर संदेह होने लगता है। अधिकारी ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि इस प्रयास से उन्हें जीवन में एक उद्देश्य ढूंढने के लिए उत्साह मिला होगा।'


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