2 बार के MLA...खुद काटते हैं खेत में फसल

भदोही आज की तारीख में ग्राम प्रधान से लेकर पार्षद तक चुने जाने के बाद चारपहिया से नीचे नहीं चलते, वहीं दुनिया में कालीननगरी के नाम से मशहूर भदोही जिले में बीजेपी के दो बार विधायक रहे एक शख्स की सादगी लोगों के लिए मिसाल बन गयी है। भदोही सुरक्षित सीट से दो बार विधायक रह चुके डॉक्टर राजनीति के बदले दौर में भी अपने को अलग रखते हैं। वह खुद गायों के लिए चारा काटने से लेकर गोबर उठाने तक में संकोच नहीं करते हैं। वहीं खेत-खलिहान में उनको खुद फसलों की कटाई से लेकर मड़ाई तक देखा जा सकता है। खेती-किसानी के बीच वह अपनी सियासी वाकपटुता वाली कविताओं से भी अलग पहचान रखते हैं। डॉ. पूर्णमासी पंकज भदोही विधानसभा से दो बार विधायक रह चुके हैं। उस समय भदोही सुरक्षित विधानसभा होती थी। 1991 में बीजेपी के टिकट पर वह भदोही सुरक्षित से विधायक बने थे। लेकिन 1992 में राम मंदिर आंदोलन की वजह से कल्याण सिंह की सरकार जाने के बाद उन्हें भी अपनी विधानसभा सदस्यता गंवानी पड़ी थी, क्योंकि विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद कल्याण सिंह की सरकार बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। बाद में 1993 में भी वह चुनावी मैदान में उतरे लेकिन एसपी-बीएसपी गठंबधन की वजह से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि 1996 में वह दोबारा विधायक बने। उस दौरान भदोही के विकास में कई कड़ियां जुड़ीं। वह भदोही जिले के अभोली ब्लॉक के गड़ौरा गांव के रहने वाले हैं। एमए,बीएड के साथ उन्होंने अर्थशास्त्र में पीएचडी भी की है। राजनीति में पद और प्रतिष्ठा पाने के बाद लोगों का रुतबा बढ़ जाता है। विधायक और सांसद महंगी गाड़ियां और संगीनों के साए में चलते हैं। करोड़ों की संपत्ति जुटा ली जाती है। लेकिन बीजेपी के पूर्व विधायक पूर्णमासी पंकज ने भदोही से दो बार विधायक होने के बाद भी अपनी सादगी को कायम रखा। विधायक बनने के पहले वह निजी स्कूल में पढ़ाते थे। अब राज्य सरकार से मिलने वाली पेंशन से उनका जीवन चल रहा है। पूर्व विधायक डॉ. पूर्णमासी पंकज कहते हैं कि राजनीति तो करनी है लेकिन घर की जिम्मेदारी भी निभानी है। घर पर उन्होंने गाएं पाल रखी हैं, उसके लिए खुद चारा काटते हैं और सुबह गायों का गोबर उठाते हैं। फसलों की कटाई और मड़ाई का जब मौसम होता है तो वह गेहूं, जौ, अरहर, मटर की फसलों की कटाई भी करते हैं। फसलों के बोझ की ढुलाई करने के बाद थ्रेसरिंग भी करते हैं। इस समय वह सरसों की कटाई में जुटे हैं। उन्होंने अपनी फेसबुक वॉल पर वह तस्वीर भी डाली है। उनकी कविताओं के भी लोग कायल हैं। भदोही की सियासत में डॉ. पूर्णमासी पंकज सादगी की मिसाल हैं।


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