पीएम ने बोडो समझौते को बताया नई शुरुआत

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ऐतिहासिक बोडो समझौते की तारीफ करते हुए इसे असम की एकता और अखंडता को मजबूत करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि एक तरफ देश जहां बापू को उनकी पुण्यतिथि पर याद कर रहा है, उसी वक्त असम शांति और विकास के ऐतिहासिक अध्याय का गवाह बन रहा है। पीएम का यह बयान ऐसे दिन आया है जब नैशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के कई गुटों के 1,615 कॉडरों ने असम में सीएम के सामने अपने-अपने हथियार डाले। तीन दिन पहले केंद्र,असम सरकार और बोडो संगठनों के बीच हुए ऐतिहासिक समझौते के बाद NDFC के लड़ाकों ने अपने हथियार डाले। प्रधानमंत्री मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर इस ऐतिहासिक समझौते को सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास से प्रेरित करार दिया। उन्होंने समझौते को असम समेत हिंसा प्रभावित सभी इलाकों के लिए संदेश करार दिया, 'बोडो संगठनों के साथ हुआ समझौता, असम के साथ ही देश के अन्य हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के लिए भी एक संदेश है। हिंसा और भय से मुक्त वातावरण में ही देश के विकास को गति दी जा सकती है। मुझे खुशी है कि अब बोडो साथियों की संपूर्ण ऊर्जा भी असम के विकास में ही लगेगी।' पीएम ने लिखा कि पर दशकों पुरानी समस्या का समाधान हुआ। उन्होंने लिखा, 'पूज्य बापू की पुण्यतिथि पर आज असम में 5 दशकों से चली आ रही समस्या का समाधान हुआ है। बोडो संगठनों और सरकार के बीच हुए समझौते ने असम की एकता-अखंडता को और मजबूत किया है। हिंसा छोड़कर, लोकतंत्र और संविधान में आस्था जताने के लिए, मैं अपने बोडो साथियों के निर्णय का स्वागत करता हूं।' समझौते को असम के लिए नया अध्याय करार देते हुए पीएम ने लिखा, 'पूज्य बापू की पुण्यतिथि पर असम में शांति और विकास का ऐतिहासिक और नवीन अध्याय जुड़ा है। करीब 50 साल के लंबे इंतजार के बाद बोडो साथियों के साथ समझौता नए दशक की बेहतरीन शुरुआत है। ये समझौता बोडो क्षेत्र में विकास के साथ ही असम की एकता को सशक्त करेगा, असम का भविष्य और उज्ज्वल बनाएगा।' बोडो समझौते को मानवता की जीत करार देते हुए प्रधानमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'बोडो साथियों के साथ समझौता असम के अन्य समुदायों के हितों की रक्षा करते हुए किया गया है। इसमें सभी की जीत हुई है, मानवता की जीत हुई है। ये जीत और उसके लिए हुए प्रयास सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र से प्रेरित हैं, एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना से प्रेरित हैं।' प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार बोडो क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने लिखा, 'बोडो साथियों द्वारा शांति का मार्ग अपनाना, हर क्षेत्र के लिए संदेश है। हिंसा छोड़कर, लोकतंत्र एवं संविधान में आस्था से ही सारी समस्याओं का समाधान संभव है। मैं बोडो साथियों का विकास की मुख्यधारा में स्वागत करता हूं। सरकार बोडो क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।' उन्होंने आगे लिखा, 'बोडो संगठनों से ऐतिहासिक समझौते के बाद अब सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बोडो क्षेत्रों का विकास है। इसके लिए 1500 करोड़ रुपये के पैकेज पर जल्द कार्य शुरू करवाया जाएगा। बोडो साथियों का जीवन आसान बने, उन्हें सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ मिले, इस पर विशेष जोर दिया जाएगा।'


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