बजट सत्र से पहले स्पीकर की पार्टियों के साथ बैठक

नई दिल्लीसंसद के से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों से सहयोग देने की अपील की और सभी दलों को उनकी बात रखने का पर्याप्त मौका देने का आश्वासन दिया। संसदीय ग्रंथालय भवन में चली करीब डेढ़ घंटे की बैठक के बाद बिरला ने कहा कि संसद का बजट सत्र 2 चरणों में 31 जनवरी से 3 अप्रैल तक चलेगा और इसकी शुरुआत 31 जनवरी को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण से होगी। स्पीकर ने सदन में विभिन्न दलों के नेताओं से कहा कि सदन में कामकाज निर्वाध रूप से चले और जनता के प्रति उत्तरदायी रहे। लोकसभा अध्यक्ष ने आश्वासन दिया कि सभी को नियमों के तहत हर विषय पर अपनी बात रखने का पर्याप्त मौका दिया जाएगा। उन्होंने ट्वीट किया कि सभी दलों के नेताओं ने सदन के भीतर जनहित में ज्यादा से ज्यादा विधायी कामकाज किए जाने को लेकर आश्वस्त किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सभी दलों के सदन के नेता इस बैठक में शामिल हुए। बैठक में विपक्षी सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने और अपनी बात रखने के लिए पर्याप्त समय दिए जाने की मांग की। संसद के प्रत्येक सत्र की शुरुआत से पहले लोकसभा अध्यक्ष सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाते हैं। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा और उस दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संबोधित करेंगे। बजट सत्र का पहला चरण 11 फरवरी तक चलेगा। इसके बाद एक अंतराल के बाद इसका दूसरा हिस्सा 2 मार्च से शुरू होकर 3 अप्रैल तक चलेगा। इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संवाददाताओं को बताया कि बजट सत्र में कुल 31 बैठकें होंगी जिसमें पहले हिस्से में 9 बैठक और दूसरे हिस्से में 22 बैठकें होंगी। उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान कुल 45 विधेयकों को पेश करने के लिए चिन्हित किया गया है जिसमें सात वित्तीय विषयों से जुड़े हैं। इसमें 2 अध्यादेश से जुड़े भी हैं जिनके स्थान पर विधेयक लाया जाएगा। सत्र के पहले दिन 31 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। इसी दिन आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश किया जाएगा। एक फरवरी को 2020-21 का केंद्रीय बजट लोकसभा में पेश किया जाएगा। इससे पहले सरकार की ओर से आयोजित सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), एनपीआर, एनआरसी, अर्थव्यवस्था की स्थिति, कश्मीर की स्थिति सहित कई मुद्दे उठाये और इन पर चर्चा कराने की मांग की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कहा कि सरकार विपक्ष की राय सुनने और हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है।


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